वीआरएस और नौकरी वाली योजना को हाईकोर्ट ने माना असंवैधानिक

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संवाददाता.रांची.झारखंड हाईकोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में कोल इंडिया की उस योजना को असंवैधानिक करार दिया है, जिसमें यह प्रवाधान था कि कोल इंडिया की सब्सिडियरी कंपनियों में महिलाकर्मी वीआरएस लेकर अपने पुत्र को नौकरी दे सकती थीं। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अनिरूद्ध बोस और जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कोल इंडिया की इस योजना से जिन लोगों को नौकरी मिल चुकी है, वे इस आदेश से प्रभावित नहीं होंगे।

इसके साथ ही कोर्ट ने रजिया देवी सहित अन्य की याचिकाओं को सुनने के बाद सोमवार को इसे निष्पादित कर दिया। कोल इंडिया ने 2015 में एक स्कीम लागू की थी, जिसके तहत कोल इंडिया की सब्सिडियरी कंपनियों में दस साल सेवा देने या फिर 55 साल की उम्र वाली महिलाएं स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर अपनी नौकरी बेटे को दे सकती है।यह योजना नॉन टेक्निकल व चतुर्थ वर्ग के लिए थी।       गौरतलब है कि वादी की ओर से कहा गया था कि उनकी ओर से कोल इंडिया की इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन दिया गया, लेकिन इसका लाभ नहीं मिला है।

इस पर कोर्ट ने कहा कि लाभ मिलने की बात तो दूर यह योजना ही असंवैधानिक है। यह सार्वजनिक पद है और इस पर कोई भी आवेदन दे सकता है।

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