कांग्रेस से अपने संबंधों पर पुनर्विचार करना चाहिए नीतीश कुमार को-सुशील मोदी

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संवाददाता.पटना.नीतीश कुमार के इस बयान से भाजपा सहमत है कि कांग्रेस जैसी पार्टी की कोई विचारधारा नहीं है। कांग्रेस ने पहले गांधी की विचारधारा और बाद में नेहरू की नीतियों को भी तिलांजलि दे दिया।18-20 सांसदों का नेता देश का प्रधानमंत्री नहीं बन सकता है।अगर ऐसा हुआ तो देवगौड़ा और गुजराल की सरकार जैसी स्थिति होगी। वाकई मुख्यमंत्री जब पीएम की रेस में नहीं है तो उन्हें कांग्रेस जैसी भ्रष्टाचार की पर्याय पार्टी से सीख लेने की कोई जरूरत नहीं है।

यह कहना है भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी का।एक बयान में उन्होंने कहा कि दरअसल कांग्रेस ने तो गांधी की विचारधारा को वर्षों पहले तिलांजलि दे दिया था। गांधी को भी इसका अनुमान था इसलिए आजादी के बाद उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि कांग्रेस का मकसद पूरा हो चुका है अब इसे भंग कर देना चाहिए। मगर अपने सत्ता स्वार्थ में कांग्रेसियों ने गांधी के सुझाव को नहीं माना और लगातार उनके विचारों की हत्या करते रहे।

भले आज कांग्रेस का नेतृत्व सोनिया और राहुल गांधी के हाथों में हैं, मगर आज की कांग्रेस ने तो नेहरू की नीतियों को भी तिलांजलि दे दिया है। ये वही कांग्रेस है जिसने देश  में इमरजेंसी लगाई और जेपी सहित नीतीश कुमार सरीखे तमाम विरोधी नेताओं को जेल की यातना सहनी पड़ी। गैरकांग्रेसवाद की लड़ाई लड़ने वाले लोहिया के सिद्धांतों पर चलने वाले नीतीश  कुमार भी अपनी पूरी जिन्दगी कांग्रेस से लड़ते रहे हैं। उन्हें कांग्रेस से अपने संबंधों पर पुनर्विचार करना चाहिए।

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने जिस तरह से नीतीश कुमार के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की है उसे कोई भी नेता बर्दाश्त नहीं कर सकता है। नीतीश  कुमार ठीक कह रहे हैं कि उन्हें कांग्रेस से सीख लेने की जरूरत नहीं है। लालू प्रसाद जैसों ने कांग्रेस से सीख लेकर ही भ्रष्टाचार के जरिए हजार करोड़ से अधिक की बेनामी सम्पति एकत्र कर लिया।

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