आधी रात से लागू हुआ जीएसटी,राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री ने मिलकर बजाया घंटा

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नयी दिल्ली. जीएसटी को देश की आर्थिक व्यवस्था का ‘युगांतकारी ‘ कदम और ‘गुड एंड सिंपल ‘ व्यवस्था करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि यह गंगानगर से इटानगर और लेह से लेकर लक्षद्वीप तक ‘एक राष्ट्र, एक कर’ की व्यवस्था को लागू करने की पहल है जो आम लोगों,गरीबों समेत सामान्य लोगों की खुशहाली का मार्ग प्रशस्त करेगा.मोदी ने संसद के ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ मिलकर एक घंटा बजाया जो देश भर में जीएसटी लागू होने का प्रतीक था.

इससे पहले प्रधानमंत्री ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि जीएसटी गरीबों की चिंता करने की व्यवस्था है और गरीब कल्याण की भावना को कायम रखा गया है. कोई भी दल हो, कोई भी सरकार हो, जीएसटी में सभी ने समान रुप से उसकी चिंता की है. हमने जीएसटी के तौर पर आधुनिक कराधान व्यवस्था पेश की है. इससे आम लोगों का फायदा होगा, छोटे व्यापारियों की परेशानी कम होगी.सामान्य लोगों पर इस व्यवस्था से कोई बोझ नहीं आयेगा. सामान्य भाषा में यह गरीबों के लिये की गई व्यवस्था है. प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी सभी राजनीति दलों के सामूहिक प्रयासों की देन है. उन्होंने कहा कि यह सभी राज्यों एवं केंद्र के वर्षों तक चले विचार विमर्श का परिणाम है. उन्होंने कहा कि जीएसटी सहकारी संघवाद का एक बेहतर उदाहरण है.

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सरदार वल्लभ भाई पटेल ने करीब 500 रियासतों को मिलाकर भारत का एकीकरण संभव कराया था, उसी प्रकार जीएसटी के कारण देश का आर्थिक एकीकरण होगा. उन्होने कहा कि इसमें शुरुआत में थोड़ी दिक्कत आ सकती है लेकिन इसके कारण सभी वर्गों के लोगों को लाभ मिलेगा.मोदी ने देश के व्यापारी वर्ग से अपील की कि जीएसटी लागू होने से उन्हें जो लाभ होता है उसका फायदा वे गरीब तबके के लोगों तक पहुंचाएं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में कुछ ऐसे पल आते हैं जिस पल पर हम किसी नए मोड़ पर जाते हैं, नये मुकाम की ओर पहुंचने का प्रयास करते हैं.मध्य रात्रि में हम सब मिलकर देश की प्रगति का मार्ग सुनिश्चित करने जा रहे हैं. कुछ देर बाद देश एक नई व्यवस्था की ओर चल पड़ेगा. हम सभी देशवासी इस ऐतिहासिक घटना के साक्षी हैं. उन्होंने कहा कि जीएसटी की प्रक्रिया केवल अर्थव्यवस्था के दायरे तक सीमित नहीं है. पिछले कई वर्षो में अनेक महानुभावों ने एक टीम के रुप में इस प्रक्रिया में योगदान दिया है. यह भारत के लोकतंत्र के संघीय ढांचे को आगे बढ़ाते हुए सहकारी संघवाद की व्यवस्था को मजबूत बनाने की पहल है. यह एक पवित्र अवसर है. मोदी ने कहा कि ये जो दिशा हम सब ने निर्धारित की है, जो रास्ता हमने चुना है… यह किसी एक दल की सिद्धी नहीं है, यह किसी एक सरकार की सिद्धी नहीं है. यह हम सब की साझी विरासत है, हम सब के साझा प्रयासों का परिणाम है.

इससे पहले वित्तमंत्री अरूण जेटली ने सभी का स्वागत करते हुए जीएसटी के बारे में विस्तार से बताया. अंत में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने भी अपने संबोधन में जीएसटी को राष्ट्र के लिए जरूरी बताया.इस अवसर पर उपराष्ट्रपति,लोकसभा स्पीकर,पूर्व प्रधान मंत्री,केन्द्रीय मंत्री सांसद व प्रमुख उद्योगपति शामिल हुए.

 

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