महात्मा गाँधी के विचारों को जन-जन तक पहुँचाना है-नीतीश कुमार

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निशिकांत सिंह.पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज मोतिहारी के मुंशी सिंह महाविद्यालय में सर्व सेवा संघ द्वारा आयोजित चम्पारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। इस अवसर पर चम्पारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह में आये गांधीवादियों एवं लोगों को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के विचार को जन-जन तक पहुँचाना है.

उन्होंने कहा कि चम्पारण सत्यग्रह का सौंवा साल है। 10 अप्रैल 1917 को गांधी जी बिहार आये थे। 15 अप्रैल 1917 को गांधी जी चम्पारण की धरती पर आये थे। उन्होंने कहा कि चम्पारण सत्याग्रह के शताब्दी वर्ष के अवसर पर पूरे साल चम्पारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह मनाया जायेगा। 10 अप्रैल से इसकी शुरूआत होगी। 10 अप्रैल को पटना में गांधी विचारधारा पर राष्ट्रीय विमर्श का आयोजन होगा। इसमें आये हुये विद्वानों द्वारा आपस में विचारों का आदान-प्रदान किया जायेगा। आज के परिप्रेक्ष्य में क्या किया जाना चाहिये, इस पर आप लोग विमर्श करें। पूरे देश के परिप्रेक्ष्य में क्या किया जाय, इस पर विमर्श करें ताकि देश आगे बढ़े, मानवता की सेवा हो। पर्यावरण का ख्याल रखते हुये आगे बढ़ें, विकास करें। उन्होंने कहा कि जिस तरह से पर्यावरण के साथ लोग छेड़छाड़ कर रहे हैं, इसका पूरी पृथ्वी पर असर पड़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा चिंता का विषय है गंगा की अविलरता। केन्द्र सरकार द्वारा नमामी गंगा प्रोजेक्ट को आगे रखा गया है। पहले के सरकार द्वारा भी विषय पर कार्य किया गया था। गंगा की अविरलता एवं निमर्लता के संबंध में बात की गयी थी। उन्होंने कहा कि जब मनमोहन सिंह जी की सरकार थी, तब उस वक्त मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में गंगा रिवर अथॉरिटी का गठन हुआ था। उन्होंने कहा कि गंगा रिवर अथॉरिटी की पहली बैठक से ही मेरे द्वारा गंगा की अविरलता का प्रश्न लगातार उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस बार गंगा में बाढ़ आयी थी, जिसका मुख्य कारण गंगा में गाद का जमा होना था। अभी हाल में ही इस विषय पर पटना में सेमिनार का आयोजन किया गया था। इस विषय पर विस्तृत चर्चा हुयी थी। उन्होंने कहा कि आयोजित सेमिनार में श्री झुनझुनवाला द्वारा कहा गया था कि फरक्का बराज को हटाना संभव नहीं होगा। उस वक्त मैंने कहा था कि हमने फरक्का बराज हटाने के लिये नहीं बल्कि गंगा की अविलरता बनाये रखने के लिये सेमिनार का आयोजन किया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार निमर्लता पर ज्यादा ध्यान दे रही है, अविरलता पर नहीं। सेमिनार में आये लोगों ने गंगा नदी को फरक्का बराज तक देखा। देखा कि गंगा नदी में किस तरह से सिल्ट डिपाजिट हो रहा है।

उन्होंने कहा कि आज का दिन मेरे लिये काफी महत्वपूर्ण है। आज शहीद-ए-आजम भगत सिंह के शहादत दिवस एवं राम मनोहर लोहिया जी की जयंती के अवसर पर उनके प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दिया हूं तथा आज यहां गांधी जी के चरणों में अपना श्रद्धा-सुमन अर्पित करता हूं। भारत को आगे ले जाने के लिये तथा विश्व सभ्यता को सही रखने के लिये क्या किया जाना है, इस पर चर्चा होगी। आप सभी पटना में आयोजित कार्यक्रम में आयें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय विमर्श में सिर्फ चर्चा नहीं होनी चाहिये बल्कि उसका निष्कर्ष निकलना चाहिये। उन्होंने कहा कि मेरा सभी कार्य गांधी जी, राम मनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण से प्रभावित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज बहुत तरह की विचारधारायें चल रही है। गांधीवाद की विचारधारा सबसे ज्यादा प्रभावी है। हमें इसे जन-जन तक ले जाना है।

कार्यक्रम के शुरूआत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रपिता महात्मा गाधी, कस्तुरबा गाधी, डा राजेन्द्र प्रसाद, राज कुमार शुक्ल के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री को चरखा एवं अंगवस्त्र भेंट किया गया। आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने ‘चम्पारण सत्याग्रह की कहानी,’ ‘चम्पारण में महात्मा गांधी’ एवं ‘सर्वोदय जगत पुस्तक का विमोचन किया। समारोह को शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी, वरिष्ठ गांधीवादी एवं पूर्व सांसद रामजी सिंह, तुषार गांधी, डा. एसएन सुब्बाराव, सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष महादेव विद्रोही ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर जल पुरूष राजेन्द्र सिंह, प्रसिद्ध समाजसेवी मेधा पाटेकर, नव निवार्चित विधायक वीरेन्द्र यादव, स्वामी अग्निवेष, पीपी राजगोपाल, बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति अमरेन्द्र नारायण यादव सहित अन्य विशिष्ट अतिथि, गांधीवादी, गणमान्य व्यक्ति, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, पुलिस महानिरीक्षक सुनील कुमार, जिलाधिकारी मोतिहारी, पुलिस अधीक्षक मोतिहारी एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.

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