मेरिट का टेस्ट पारदर्शी हो,गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हमारी प्राथमिकता-नीतीश कुमार

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निशिकांत सिंह.पटना. मुख्यमंत्री ने शिक्षक दिवस के अवसर पर श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूवर्क शिक्षा आज एक चुनौती है. आज लोग बिहार की आलोचना करते है, हमलोग गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने के लिए सदैव प्रयत्नशील है. उन्होंने कहा कि गुणवत्तायुक्त शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए शिक्षकों के प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।  उन्होंने कहा कि शिक्षा में गुणवत्ता एक ऐसा प्रश्न है जिसकी चर्चा आज दुनिया भर में हो रही है.

उन्होंने कहा कि अमेरिका में भी इस पर चर्चा होती है। हमेंशा बेहतर मुकाम हासिल करने का प्रयास।गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध है. सभी को समय पर शिक्षा देना हमारा मकसद है. उन्होंने कहा कि अधिकारी अगर गड़बड़ी करेंगे तो बख्शे नहीं जायेंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इंटर टॉपर्स घोटाले का किया जिक्र। उन्होंने टॉपर्स कांड के उजागर के लिए मीडिया एवं लोगों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि दोषियों पर कार्रवाई होगी। जो विश्व में एक नजीर होगा। उन्होंने कहा कि हम तो भरोसे पर चलते हैं, लेकिन एक बार भरोसा टूटता है तो उसकी खैर नहीं रखते है। उन्होंने कहा कि मामले में लोगों द्वारा जॉच की मांग की जा रही थी, मैंने सीधा कहा कि अब जॉच नहीं, अब मुकदमा और पुलिस अनुसंधान होगा, जो हो रहा है। उन्होंने कहा कि घटना को उजागर करने के लिये धन्यवाद देता हूं, इस कारण से शिक्षा व्यवस्था और सुदृढ़ हुयी है। जब तक धॉधली की संभावना को समाप्त नहीं कर देते हैं, तब तक चैन से नहीं बैठेंगे। शिक्षा विभाग की भी यह प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में हर पहलू पर गौर किया जा रहा है। बिहार में हमने इसे चुनौती के रूप में लिया है। मेरिट का टेस्ट पारदर्शी तरीके से होना चाहिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज शिक्षक दिवस के अवसर पर मैं भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चरणों में श्रद्धा-सुमन अर्पित करता हू। उन्होंने कहा कि मैं सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस के अवसर पर शुभकामनायें देता हूं। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों से शिक्षक दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में भाग लेता रहा हूं। बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में कई काम हुये है, अभी रास्ता लम्बा है, हमें अभी मीलों आगे जाना है। उन्होंने कहा कि अनेकों पहल किये गये है, जिनका अच्छा प्रभाव हुआ है। इस प्रभाव की चर्चा देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले स्कूल से बाहर रहने वाले बच्चे 12.5 प्रतिशत थे। शुरूआती दौर में कई नये पहल किये गये है, जैसे नया स्कूल का निर्माण, पुराने स्कूलों में नये क्लासरूम का निर्माण। लाखों की संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति के साथ-साथ अन्य कार्यक्रम लागू किये गये, जिस कारण आज स्कूल से बाहर रह रहे बच्चें की संख्या मात्र 01 प्रतिशत रह गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा देखा जाता था कि लड़कियॉ प्राथमिक विद्यालय तक तो पढ़ती थी परंतु माध्यमिक विद्यालयों में इनकी संख्या काफी कम थी, जिसका प्रमुख कारण गरीबी था। हमनें इस समस्या के निदान के लिए बालिका पोशाक योजना की शुरूआत की, इसका बड़ा प्रभाव हुआ, मध्य विद्यालय में लड़कियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई। हाई स्कूल में लड़कियों को आकर्षित करने के लिए बालिका साइकिल योजना शुरूआत की गई। शुरू-शुरू में इस योजना की आलोचना की जाती थी, लोग कहते थे कि लड़कियॉ साइकिल पर जायेगी तो लोग छिंटाकसी करेंगे। हमनें इसके बाद लड़कियों को मार्सल आर्ट के प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया। आज गॉव-गॉव में लड़कियों समूह में साइकिल चलाकर स्कूल जाने लगी है। पूरा वातारवरण में बदलाव आया है। लोगों के सोच में परिवर्तन हुआ है। साइकिल योजना ने सही मायने में सामाजिक परिवर्तन की शुरूआत की। इसके बाद लड़कों के लिए भी साइकिल योजना की शुरूआत की गई। उन्होंने कहा कि 2005 में कक्षा 9 में लड़कियों की कुल संख्या 1 लाख 70 हजार थी, वो आज बढ़कर 08 लाख 15 हजार हो गई है। कितना बड़ा परिवर्तन आया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में प्रजनन दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है। उन्हांने कहा कि परन्तु जब हम 10वीं पास लड़कियों की तुलना करते हैं तो प्रजनन दर देश और बिहार दोनों में एक समान है। लड़कियों की शिक्षा से हालात सुधर रहे हैं। 12वीं तक पढ़ाई के बाद प्रजनन दर और भी घट जाता है। हर मामले में बहुत ही बारीकी से चीजों को देखा जा रहा है। अगर हम सब बेटियों को पढ़ा देंगे तो प्रजनन दर अपने आप कम हो जायेगा। इस समस्या का यही समाधान है। उन्होंने कहा कि पंचायतों में भी प्लस टू स्तर तक की पढ़ाई की व्यवस्था उपलब्ध हो, इसके लिये काम हो रहा है। हर चीज को बारिकी से देखा जा रहा है। हमलोगों के बीच जाते हैं, उनकी बात सुनते हैं, उसी से समस्याओं का समाधान निकलता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 12वीं कक्षा से आगे बिहार में पढ़ने वालों की संख्या कम है। हमारा ग्रोश इन्रॉलमेंट रेशियो मात्र 13 प्रतिशत है। इसका मुख्य कारण मॉ-बाप की गरीबी है। हमने सात निश्चय में युवाओं के प्राथमिक समस्याओं पर ध्यान दिया है। 12वीं कक्षा से आगे जो भी लड़का/लड़की पढ़ना चाहते हैं, उन्हें हम चार लाख रूपये का स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड देंगे, इस संदर्भ में बैंकों के साथ बातचीत हो चुकी है। ऋण के साथ-साथ पॉच साल के बाद ब्याज की राशि की सरकार बैंकों को गारंटी देगी। किसी भी युवा को बैंकों का चक्कर नहीं काटना होगा। उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर से योजना की शुरूआत की जायेगी। इसके लिये हर जिला में जिला निबंधन केन्द्र की स्थापना की गयी है। युवाओं को बिना किसी झंझट के पैसा मिलना शुरू हो जायेगा, इससे बिहार का ग्रोश इन्रॉलमेंट रेशियो बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि जो युवक आगे पढ़ना नहीं चाहते, उनके कौशल विकास पर भी ध्यान दिया जा रहा है, इसके लिये भी योजना लायी गयी है। एक करोड़ युवाओं का कौशल विकास करने का लक्ष्य रखा गया है। युवाओं को संवाद कौशल एवं कम्प्यूटर का प्रशिक्षण दिया जायेगा। 2 अक्टूबर से इस योजना की शुरूआत की जायेगी। सभी प्रखण्ड स्तर पर प्रशिक्षण केन्द्र खोले जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार की तलाश कर रहे 20 से 25 आयु वर्ष आयु सीमा के बीच के युवा को रोजगार तलाशने के लिये दो वर्षों तक प्रतिमाह एक हजार रूपये का स्वयं सहायता भता दिया जायेगा। इसके अलावा शिक्षा के क्षेत्र को सुदृढ़ करने हेतु सभी महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय में वाई-फाई की सुविधा दी जायेगी। उन्होंने कहा कि छात्र वाई-फाई की सुविधा का लाभ शिक्षा अर्जित करने में उठायें। उन्होंने कहा कि जो युवा अपने बलबूते पर अपना उद्यम करना चाहते हैं, उनकी मदद के लिये सरकार ने पॉच सौ करोड़ रूपये का वेंचर कैपिटल फंड का गठन किया है। युवाओं को आगे बढ़ने के लिये हरसंभव मदद दी जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम चाहते हैं कि विश्वविद्यालय में पढ़ाई-लिखाई का अच्छा वातावरण रहे। उन्होंने कहा कि हमने सभी विश्वविद्यालय को स्पष्ट कहा है कि आप एकेडमिक कैलेण्डर बनायें और उसका दृढ़तापूर्वक पालन करें। समय पर पढ़ाई, समय पर परीक्षा और समय पर रिजल्ट हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राज्य में कई संस्थान खोले गये हैं तथा खोले जा रहे हैं। एन0आई0टी0 पटना, पटना में बी0आई0टी0 मेसरा का कैम्पस, आई0आई0टी0 पटना, चाणक्य विधि विश्वविद्यालय, चन्द्रगुप्त प्रबंधन संस्थान, निफ्ट आदि संस्थान खोले गये हैं। हर जिले में एक इंजीनियरिंग कॉलेज, एक पॉलिटेक्निक कॉलेज खोला जायेगा। सभी अनुमण्डल में आई0टी0आई0, महिला आई0टी0आई0, जी0एन0ए0म और ए0एन0एम0 स्कूल खोले जायेंगे। सभी मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग कॉलेज खोला जायेगा, बिहार में और पॉच नये मेडिकल कॉलेज खोले जायेंगे। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी का भविष्य उज्जवल हो, हम इसी संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने शिक्षकों को कहा कि संस्था की गुणवता आप पर निर्भर करता है। अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक निर्वहन करें। बिहार को आगे बढ़ाने के संकल्प के साथ आप चलिये, हम अतीत गौरव को प्राप्त करना चाहते हैं।

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी, प्रधान सचिव शिक्षा श्री डी0एस0 गंगवार ने भी अपने-अपने सारगर्भित विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा उत्कृष्ट कार्य हेतु काशीनाथ त्रिपाठी, संजय कुमार मिश्रा, नंदकिशोर सिंह, सिंह, डॉ0 ईला सिन्हा, आशा कुमारी,  रामशंकर गिरी, ज्ञानवर्द्धन कंठ, बिजेन्द्र कुमार सिंह, डॉ0 मनोज कुमार, अरविन्द कुमार सिंह को राजकीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। साथ ही सूबे के तीन जिला शिक्षा पदाधिकारी- योगेश चन्द्र सिंह नालंदा, मेदो दास पटना एवं विश्वनाथ साह पश्चिम चम्पारण जिन्होंने वर्ष 2016 में शिक्षक कल्याण कोष में अधिकतम राशि जमा की है, उन्हें भी सम्मानित किया गया।  कार्यक्रम में मुख्यमंत्री द्वारा विद्या दृष्टि नामक पुस्तक का लोकार्पण भी किया गया। इस अवसर पर खान एवं भूतत्व मंत्री मुनेश्वर चौधरी, आयुक्त पटना प्रमण्डल आनंद किशोर, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चन्द्रा, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, अपर सचिव शिक्षा के0 सेंथिल कुमार, राज्य परियोजना निदेशक संजय कुमार सिंह, निदेशक प्राथमिक शिक्षा एम0 रामचन्द्रडु, जिलाधिकारी पटना संजय अग्रवाल सहित शिक्षा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

 

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