कॉरपोरेट अकाउंटिंग में उज्ज्वल कैरियर पर हुआ गंभीर मंथन

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Corporate Accounting

संवाददाता.पटना.विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में टैक्स4वेल्थ के बैनर तले कैरियर मेंटरिंग सेमिनार में देश के ख्यात  प्रैक्टिशनर चार्टेड अकाउंटेंट ने युवाओं से संवाद किया।अपने देश में शिक्षा और कौशल यानी स्किल डेवलपमेंट के बीच एक बड़ा फासला दिखता है। इसी कारण युवा अपना अधिकांश समय जॉब सर्च में ही व्यतीत करते हैं। साथ ही, जीएसटी और इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग की अनिवार्यता बढ़ने के कारण अकाउंटिंग प्रोफेशनल्स की मांग भी बढ़ती जा रही है। युवाओं के अकाउंटिंग स्किल के डेवलपमेंट के लिए संस्था टैक्स4वेल्थ ने सर्टिफाइड कॉर्पोरेट अकाउंटेंट कोर्स का परिचालन शुरू किया है।
इस कोर्स के गठन में प्रैक्टिस को शीर्ष वरीयता दी है। इस कोर्स में तीन महीने के प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के साथ छह महीने की पेड इंटर्नशिप की व्यवस्था व्यवहारिक अकाउंटिंग स्किल के विकास को ही लक्षित है। इससे जहां युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे, वहीं वे सेल्फ प्रैक्टिस के माध्यम से भी अच्छी कमाई कर पाएंगे। ये बातें देश के प्रसिद्ध चार्टेड अकाउंटेंट, टैक्स4वेल्थ के सीईओ हिमांशु कुमार ने बुधवार को राजधानी के जीडी विमेंस कॉलेज, टीपीएस कॉलेज  में युवाओं के साथ संवाद में कही। इस दौरान दिनेश पांडे, गणेश दत्त पाठक, जतिन यादव आदि ने भी अपनी बातें रखीं।
टैक्स4वेल्थ के पटना के बीडीएम दिनेश पांडेय ने कहा कि दिल्ली स्थित टैक्स4वेल्थ संस्था का संचालन देश के प्रसिद्ध चार्टेड अकाउंटेंट के ग्रुप द्वारा किया जा रहा हैं। ये सभी चार्टेड अकाउंटेंट अपने प्रैक्टिस के दौरान प्राप्त अनुभवों के आधार पर टैक्स प्रोफेशनल्स के लिए बेहतर कोर्सेज का खाका तैयार किया है ताकि देश के वर्तमान आर्थिक संदर्भ में जीएसटी, इनकम टैक्स, टैली, कंपनी लॉ आदि के बारे में ऐसे व्यावहारिक कोर्स का सृजन कर सकें, जिससे अकाउंटिंग स्किल डेवलपमेंट के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।
इसी क्रम में सर्टिफाइड कॉरपोरेट अकाउंटेंट कोर्स का भी सृजन किया गया है। टैक्स4वेल्थ मूल रूप से डिजिटल डेवलपमेंट के कई अन्य बहुआयामी प्रोजेक्ट का संचालन भी कर रहा है ।लक्ष्य यहीं कि युवाओं को मिले रोजगार और वे अकाउंटेंट के तौर पर सेल्फ प्रैक्टिस के काबिल बन सकें।
टैक्स4वेल्थ के गणेश दत्त पाठक ने कहा कि टैक्स4वेल्थ का पूरा जोर अकाउंटिंग स्किल डेवलपमेंट पर ही है ताकि युवा शीघ्र रोजगार प्राप्त कर सकें और अकाउंटेंट के तौर पर सेल्फ प्रैक्टिस के काबिल बन सकें।

 

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