वैकल्पिक शिक्षा-नए कौशल ही रोजगार की चुनौतियों से निपटने की कुंजी- विकास वैभव

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संवाददाता.पटना. “अगर भारत को एक विकसित राष्ट्र बनना है, तो बिहार को एक विकसित राज्य बनना होगा। एनईपी 2020 का एक मुख्य उद्देश्य न केवल नौकरी योग्य आबादी बल्कि नौकरी प्रदाताओं को भी तैयार करना है। वैकल्पिक शिक्षण मॉडल बढ़ती युवा आबादी की रोजगार आवश्यकताओं को पूरा करने की कुंजी है। उक्त बातें विकास वैभव, आईजी, बिहार पुलिस ने पटना में 24 और 25 फरवरी को आयोजित जीटीआरआई शिखर सम्मेलन के दौरान कही।
कहा कि इस संदर्भ में सीखने के पारंपरिक तरीकों के अलावा, अल्पकालिक पाठ्यक्रमों की शुरूआत और योग, कला व शिल्प जैसे कौशलों का प्रमाणीकरण शुरू किया जा सकता है। हमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को भी एक अवसर की रूप में देखा जाना चाहिए। चाहे उद्योगपति उद्योग स्थापित करने के इच्छुक हों, लेकिन उन्हें कुशल कर्मचारियों की आवश्यकता होती है। इसी प्रकार, शिक्षण संस्थानों में भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षकों की आवश्यकता होती है। इसे देखते हुए, वैकल्पिक शिक्षा ही भविष्य का रास्ता है।”
जीटीआरआई (ग्रैंड ट्रंक रोड इनिशिएटिव्स) एक ऐसा मंच है यह मंच बिहार के साथ-साथ बिहारी मूल के सफल व प्रभावशाली व्यक्तियों द्वारा विकसित और समृद्ध बिहार के सपने को साकार करने की दिशा में मिलजुल कर काम करने के लिए स्थापित किया गया है। जीटीआरआई क्यूरेटर अदिति नंदन ने बताया कि विभिन्न क्षेत्रों में बिहार की वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाओं पर विचार करने के लिए विभिन्न सत्र आयोजित किए गए, जिसमें विशेषज्ञों ने प्रमुख मुद्दों पर विचार-मंथन किया। दो दिनों के दौरान विविध विषयों पर हुई चर्चाओं से मिली व्यावहारिक सीख के आधार पर भविष्य की कार्ययोजना तैयार की जाएगी।
पेंगुइन रैंडमहाउस की मिली ऐश्वर्या ने बच्चों और युवाओं के बीच पढ़ने की आदत को बढ़ावा देने हेतु तकनीकी आधारित ऑडियो पुस्तकों और ई-पुस्तकों के महत्व को रेखांकित किया।
‘वैकल्पिक ऊर्जा क्षेत्र: बिहार में संभावनाएं’ विषय पर आधारित एक सत्र में नीति आयोग के सलाहकार  सुधेंदु ज्योति सिन्हा ने कहा कि भारत 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। केंद्र सरकार ने वितरण नेटवर्क को मजबूत करने के लिए आरडीडीएस (रेवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) शुरू की है। हालांकि, इस योजना के तहत फंड के इस्तेमाल के मामले में कर्नाटक, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे विकसित राज्यों की तुलना में बिहार पीछे है।
इसी तरह, बिहार ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) नीति अपनाने वाला भारत का 33वां राज्य है। इस नीति से वायु और ध्वनि प्रदूषण को कम करने के साथ-साथ कई स्वास्थ्य खतरों को संबोधित करने में मदद करेगी। इस वर्ष के केंद्रीय बजट में घोषित रूफ-टॉप सोलराइजेशन योजना को संस्थानों सहित निजी उपयोगकर्ताओं को अपनाना चाहिए। इससे बिजली का बिल भी बचेगा और पर्यावरण भी सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
बिहार और झारखंड जीईएपीपी के प्रबंधक हरिओम मिश्रा ने ऊर्जा खपत के संदर्भ में व्यवहार परिवर्तन की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। इसके तहत ऊर्जा का यथोचित उपयोग, स्टार-रेटेड विद्युत उपकरणों की खरीद और वैकल्पिक ऊर्जा की वकालत के ज़रिए ज्ञान हस्तांतरण करना शामिल है।
‘वंचित समुदाय का वित्तीय समावेशन: चुनौतियां और संसाधन’ विषय पर एक सत्र के दौरान, वित्त मंत्री, भारत सरकार के पूर्व ओएसडी,  विवेक सिंह ने कहा कि प्रधान मंत्री मुद्रा योजना समेत अन्य कार्यक्रमों ने हाशिए पर रहने वाले वर्गों के वित्तीय समावेशन को सुविधाजनक बनाया है। साथ ही, JAM (जन धन, आधार, मोबाइल) एप्रोच ने बड़ी संख्या में आबादी के वित्तीय समावेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
अल्पना सिंह, वरिष्ठ अध्यक्ष, बैंकएश्योरेंस ने कहा कि प्रौद्योगिकी संचालित समाधानों के परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में लोग बीमा दायरे में आ रहे हैं। वित्तीय साक्षरता की योजना को कारगर बनाने के लिए इसे स्कूली शिक्षा से जोड़ा जाना चाहिए।
बिहार में पर्यटन क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए पिछले तीन वर्षों में राज्य सरकार के ईमानदार प्रयासों की सराहना करते हुए, ट्रैवलिंग ब्लॉगर, श्री हरीश बाली ने कहा कि राज्य में पर्यटन को गति देने हेतु पर्यटकों के लिए निबंधित गाइड की उपलब्धता, अड़चन मुक्त यात्रा और पर्यटक स्थल पर स्तरीय होटल की सुविधा सहित एक संपूर्ण पैकेज की आवश्यकता है।
फूड ब्लॉगर अनुभव सपरा ने कहा कि बिहार में विभिन्न प्रकार के व्यंजनों की एक समृद्ध परंपरा रही है जिन्हें स्थानीय इन्फ़्लुएन्सर्स द्वारा बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इसके अलावा, पूरे बिहार में भोजनालयों को स्थानीय विशिष्ट खाद्य पदार्थों को स्वच्छ तरीके से परोसना चाहिए और हर बिहारवासी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गर्व से बिहारी भोजन के बारे में बात करनी चाहिए।
उद्यमशीलता की मानसिकता पर चर्चा करते हुए, दो युवा स्टार्टअप लीडर अरुणाभ सिन्हा, यूक्लीन (लॉन्ड्री स्टार्टअप), संस्थापक और सीईओ, और पीयूष कुमार, रूटर (गेमिंग स्टार्टअप), संस्थापक और सीईओ ने कहा कि प्रौद्योगिकी विकास और इंटरनेट की बढ़ती पैठ की वजह से छोटे-छोटे शहरों में रहने वाले लोग भी स्टार्टअप शुरू कर सकते हैं।
श्री पीयूष ने कहा कि भारत में गेमिंग बाजार का वर्त्तमान नेटवर्थ 3 बिलियन डॉलर का है और इसमें अपार संभावनाएं हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ऑनलाइन गेमिंग पर 2023 की अधिसूचना से देश में गेमिंग के तेजी से विकास में मदद मिलेगी और साथ ही रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।  अरुणाभ ने किसी स्टार्टअप के लिए धन जुटाने के लिए विवेकपूर्ण योजना की आवश्यकता को रेखांकित किया।