पवित्र भूमि है झारखंड-राष्ट्रपति

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हिमांशु शेखर.रांची.झारखंड स्थापना दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने कहा कि  झारखंड शूरवीरों और प्रतिभाओं की जन्मभूमि-कर्मभूमि रही है। भगवान बिरसा मुंडा, वीर सिदो-कान्हू, चांद भैरव तिलका मांझी,  नीलाम्बर-पिताम्बर जैसे वीर सपूतों ने त्याग और बलिदान से झारखंड की धरती को सींचा है।वे झारखंड स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि इन वीर सपूतों ने समानता और न्याय पर आधारित समाज के सपने को साकार करने के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। ऐसे महान सपूतों को हमेशा याद रखें। सरकार ऐसे सपूतों के गांवों का विकास कर रही है। वर्ष 1971 के युद्ध में शहीद हुए परमवीर चक्र विजेता अल्बर्ट एक्का भी इसी धरती के सपूत थे। झारखंड से 1928 ओलंपिक में भारत को स्वर्ण पदक दिलाने वाली हॉकी टीम के कप्तान और संविधान सभा के सदस्य जयपाल सिंह, भारतीय क्रिकेट टीम के महेन्द्र सिंह धोनी, तीरंदाज दीपिका कुमारी सहित झारखंड से कई प्रतिभाएं देश को मिली है।

राष्ट्रपति ने कहा, झारखंड की भूमि प्राचीनकाल से ही महत्वपूर्ण रही है। देवघर में ज्योतिर्लिंग, दुमका में बासुकीनाथ धाम, गिरिडीह में जैन धर्म के 23 वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ की तपोभूमि और रामगढ़ में छिन्नमस्तिका शक्तिपीठ आदि तीर्थस्थान आदि झारखंड को पवित्र भूमि का दर्जा देते हैं। राष्ट्रपति ने ऐतिहासिक मंदिरों पर डाक टिकट भी जारी किये। इसके अलावा उन्होंने स्वास्थ्य बीमा योजना, ई-विद्यावाहिनी योजना और एम्बुलेंस योजना सहित कई  योजनाओं की शुरूआत भी की। राष्ट्रपति के द्वारा शिक्षकों-चिकित्सकों के बीच नियुक्तिपत्र का भी वितरण किया गया।

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