चंपारण सत्याग्रह का ही प्रतिफल है बिहार विद्यापीठ- राज्यपाल

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निशिकांत सिंह.पटना. चंपारण शताब्‍दी समारोह के अवसर पर बिहार विद्यापीठ  में आयोजित एक समारोह का उदघाटन करते हुए बिहार के माननीय राज्‍यपाल रामनाथ कोविंद ने कहा कि बिहार विद्यापीठ चंपारण सत्‍याग्रह का एक प्रतिफल रहा है। चंपारण सत्‍याग्रह के क्रम में ही चंपारण आने – जाने के दौरान बिहार में अशिक्षा की समाप्ति का अभियान और 1920 में ई0 में सविनय अवज्ञा आंदोलन के फलस्‍वरूप महात्‍मा गांधी के आह्वान पर सरकारी शिक्षणालयों के परित्‍यागी छात्रों के शिक्षण के लिए महात्‍मा गांधी ने 1921 में मौलाना मजरूल हक, ब्रजकिशोर प्रसाद, देशरत्‍न डॉ राजेंद्र प्रसाद आदि नेताओं के सहयोग से बिहार विद्यापीठ की स्‍थापना की।

इस अवसर पर महामहिम राज्‍यपाल ने भैरव लाल दास रचित और बिहार विद्यापीठ द्वारा प्रकाशित पुस्‍तक ‘चंपारण में गांधी की सृजन यात्रा’ का लोकार्पण भी किया। पुस्‍तक को चंपारण सत्‍याग्रह पर लिखा एक महत्‍वपूर्ण दस्तावेज बताते हुए श्री कोविंद ने कहा कि इससे वर्तमान और भावी युवा पीढी को चंपारण सत्‍याग्र‍ह की वास्‍तविकता से परिचित होने में मदद मिलेगी। उन्‍होंने बिहार विद्यापीठ के अध्‍यक्ष विजय प्रकाश की बातों को कोट करते हुए कहा कि इस परिसर में बिहार विद्यापीठ की स्‍थापना का उदघाटन मात्र ही महात्‍मा गांधी ने नहीं किया था, बल्कि 62 हजार रूपए का चंदा एकत्र कर इसके संवर्द्धन के लिए दिया था।

उन्‍होंने बिहार विद्यापीठ में कौशल विकास के कई कार्यक्रमों के संचालन पर प्रसन्‍नता जाहिर करते हुए कहा कि चंपारण शताब्‍दी वर्ष के इस वर्ष में अशिक्षा, बेकारी, आदि को दूर करने लिए बिहार विद्यापीठ के कदम बढ़ते रहें, यही चंपारण सत्‍याग्रह शताब्‍दी समारोह के आयोजन की वास्तविक सार्थकता होगी।

समारोह में आए अतिथियों का स्‍वागत करते हुए बिहार विद्यापीठ के अध्‍यक्ष विजय प्रकाश ने कहा कि बिहार विद्यापीठ चंपारण सत्‍याग्रह का बाई – प्रोडक्‍ट है। चंपारण सत्‍याग्रह के क्रम में ही महात्‍मा गांधी ने इसकी आवश्‍यकता महसूस की और स्‍वयं सन 1921 में इसका उदघाटन किया। अंतरिम सरकार में खाद्य मंत्री के रूप में दिल्‍ली जाने के पूर्व तक और राष्‍ट्रपति पद से निवृत्त होने के बाद भी डॉ राजेंद्र प्रसाद ने यहीं रहना पसंद किया था। जीवन के अंतिम काल में भी वे बिहार विद्यापीठ में रहे।

उन्‍होंने बताया कि महात्‍मा गांधी के सपनों के अनुसार, बिहार विद्यापीठ बहुविध व्‍यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने जा रही है। बी एड प्रशिक्षण का प्रारंभ इसी सत्र से शुरू किया जा रहा है। बिहार विद्यापीठ राष्‍ट्रीय आंदोलन एवं अन्‍य राष्‍ट्रीय भावनाओं से उत्‍सृजित साहित्‍य का प्रकाशन करती है। इस अवसर पर समारोह के विशिष्‍ट अतिथि सुप्रसिद्ध साहित्‍यकार प्रो रत्‍नेश्‍वर मिश्र ने चंपारण सत्‍याग्रह के ऐतिहासिक पृष्‍ठभूमि की चर्चा करते हुए राष्‍ट्रीय राजनीति पर उसके प्रभाव का उल्‍लेख किया।

प्रो भारती एस कुमार ने चंपारण सत्‍याग्रह के विविध ऐतिहासिक पक्षों का उद्धाटन किया और इस आंदोलन में राजकुमार शुक्‍ल के विशेष योगदान की चर्चा की। अतिथियों का आभार बिहार विद्यापीठ की मंत्री और देशरत्‍न डॉ राजेंद्र प्रसाद की पौत्री प्रो तारा सिन्‍हा ने ज्ञापित किया। समारोह में  मृदुला प्रकाश,  अजीत कुमार, संजीव सिंह श्रीवास्‍तव,  नंदगोपाल जी आदि सदस्‍यों के साथ शहर के कई गणमान्‍य लोग उपस्थित थे।

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