बोरिंग के बदले कुआं,बांध व तालाब पर बढ़े निर्भरता-सिमोन उरांव

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संवाददाता.रांची.झारखंड में ‘जल पुरुष’ के नाम से चर्चित पद्मश्री सिमोन उरांव ने कहा है कि भविष्य के लिए पानी बचाना है, तो बोरिंग से तौबा करना होगा. लोगों को छोटे-छोटे बांध, तालाब और कुओं पर निर्भरता बढ़ानी होगी. इसे लेकर सरकार, सामाजिक संगठन और स्थानीय लोगों को मिलकर काम करना होगा.श्री उरांव शनिवार को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. वे जल संरक्षण पर काम कर रही संस्था ‘मिशन ब्लू’ के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. इस संस्था ने पिछले तीन वर्षों से इस क्षेत्र में काम करते हुए अब तक करीब 20 हजार बच्चों को एड्युकेट किया है.

शैक्षणिक भ्रमण से हो रही है हालात बदलने की कोशिश

इस मौके पर ‘मिशन ब्लू’ के अध्यक्ष पंकज सोनी ने बताया कि उन्होंने पानी बचाने के अभियान को भविष्य की पीढ़ी से जोड़ने का फैसला लिया है. संस्था की ओर से राज्य के कोने-कोने से स्कूली बच्चों को एड्युकेट किया जा रहा है. अब तक 100 से भी ज्यादा स्कूलों के करीब 20 हजार बच्चों को जल संरक्षण के लिए शैक्षणिक भ्रमण पर ले जाया जा चुका है. संस्था इन बच्चों को पानी बाबा के नाम से चर्चित पद्मश्री सिमोन उरांव के गांव ले जाती है. उनका गांव रांची शहर से 35 किलोमीटर दूर बेड़ो प्रखंड में है. उन्होंने अपने दम पर पूरे इलाके में जल संरक्षण की अनोखी मिसाल कायम की है.

1 मई को आएगी अमेरिकी विशेषज्ञों की टीम

श्री सोनी ने बताया कि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर की एजेंसियों से संपर्क कर उन्हें झारखंड लाकर अध्ययन कराने के प्रयास में जुटे हैं. श्री सोनी ने हाल ही में अमेरिका जाकर वहां की चर्चित ‘प्लांट ग्र्रुप’ को झारखंड लाने की सहमति ले ली है. 1 मई को प्लांट ग्र्रुप की टीम झारखंड आ रही है. यहां 20 दिनों तक यह टीम पानी के मुद्दे पर अध्ययन करेगी. इस टीम के द्वारा जो रिपोर्ट तैयार किया जाएगा, उसे राज्य सरकार के पेय जलापूर्ति और सिंचाई विभाग को सौंपा जाएगा. इस संबंध में विभागीय मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी और विभागीय प्रधान सचिव सुखदेव सिंह से मिलकर बातचीत हुई है. उन्होंने रिपोर्ट को अमली जामा पहनाने के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया है.

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