विधानमंडल के दोनो सदन में उठा बिजली दर में बढ़ोतरी का मामला

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निशिकांत सिंह.पटना.बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में शनिवार को बिजली दर में 55प्रतिशत बढ़ोत्तरी के निर्णय को लेकर हंगामा हुआ और संपूर्ण विपक्ष वेल में आ गया.विभानसभा में विपक्षी सदस्य बिजली दर बढाये जाने के खिलाफ सरकार विरोधी नारे लगाये. तथा शुन्य काल के दौरान वेल में भी आये. इसी तरह विधानपरिषद में भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि जनहित विरोधी है सरकार तथा शराबबंदी का बोझ अब राज्य की आम जनता पर थोप रही है.

विधान परिषद में भारतीय जनता पार्टी विधानमंडल दल के नेता सुशील मोदी ने कहा कि 55 प्रतिशत की विद्यूत दर में बढ़ोत्तरी से आम लोगो को झटका लगा है. ग्रामीण इलाको में तो यह बढ़ोत्तरी 74 प्रतिशत तक है.जैसा कि मालूम हो कि विद्युत विनियामक आयोग ने राज्य सरकार को बिजली दर में व्यापक तरीके से वृद्धि की अनुमति मांगी है.

मंत्री के आश्वासन कि बिजली दर बढ़ोत्तरी के साथ साथ सब्सीडी भी राज्य सरकार देगी पर  सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सब्सीडी का तो वैसे उम्मीद कम ही है कि दे पायेगी सरकार क्योंकि सरकार ने किसी तरह की व्यवस्था नहीं की है. और सब्सीडी देने की बात करती है. मोदी ने कहा कि जो लोग ईमानदारी से भुगतान करते है उनपर बहुत बड़ा बोझ होगा. मोदी ने तो यहां तक कहा कि महागठबंधन की सरकार बनते ही राजद के प्रभाव वाले इलाके में बिजली बिल का भुगतान होना बंद हो गया. मोदी ने कहा कि अचानक की गई वृद्धि से आम जनता पर अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है. सरकार को चाहिए था कि धीरे धीरे बढ़ोत्तरी करता.उन्होंने घोषणा की कि इसे वापस नहीं लिया गया तो भाजपा सड़क पर आंदोलन के लिए बाध्य होगी.

गौरतलब है कि बिहार विनियामक बोर्ड द्वारा टैरिफ की घोषणा की गई है अनुदान रहित टैरिफ का भुगतान होने में साल भर लग जाऐंगे. क्योंकि राज्य सरकार के पास ढ़ाचा ही नहीं है.

 

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