37,000 स्कूलों में अब भी नहीं बन पाया है शौचालय- नंदकिशोर

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संवाददाता.पटना.वरिष्ठ भाजपा नेता और बिहार विधान सभा की लोक लेखा समिति के सभापति नंदकिशोर यादव ने कहा है कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत राज्य के विद्यालयों में शौचालयों के निर्माण के मद में आवंटित राशि का राज्य सरकार उपयोग नहीं कर पा रही है। राज्य में 37 हजार विद्यालय ऐसे हैं जहां शौचालय का निर्माण नहीं किया गया है जबकि अभियान के तहत केन्द्रीय सरकार ने बिहार को पांच वर्ष के लिए आवश्यक राशि की व्यवस्था की है।

श्री यादव ने आज यहां कहा कि केन्द्र सरकार ने भारत स्वच्छ अभियान के तहत पूरे देश में सन् 2019 तक 12 करोड़ शौचालय के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसका एक बड़ा हिस्सा बिहार के खाते में आना है लेकिन राज्य सरकार के निकम्मेपन के कारण प्रदेश में मात्र 19 प्रतिशत प्राथमिक विद्यालयों में शौचालय का निर्माण हुआ है। यह एक उदाहरण मात्र है। दरअसल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सात निश्चय में वर्णित शिक्षा के क्षेत्र में सामाजिक न्याय का एजेंडा झूठ के पुलिन्दा के अलावा और कुछ नहीं है। जिस राज्य के 37,404 विद्यालयों में बालक-बालिकाओं के लिए शौचालय नहीं हो, 72 प्रतिशत विद्यालयों में पीने के पानी के लिए चापाकल न हो और जहां 83 प्रतिशत विद्यालयों में अनुबंध पर ही शिक्षक कार्यरत हो उस राज्य के मुख्यमंत्री का सामाजिक न्याय के साथ विकास का दावा पूरी तरह खोखला तो है ही, इन विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे-बच्चियों का भगवान ही मालिक हैं।

श्री यादव ने कहा कि देश के हर घर और विद्यालयों में शौचालय निर्माण की परिकल्पना है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की, इसके लिए धन की व्यवस्था केन्द्रीय सरकार कर रही है और श्रेय लेने के लिए झूठ का ढींढोरा पीट रहे हैं नीतीश कुमार । उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आजादी के 67 साल बाद भी विश्व में सबसे ज्यादा भारत के लोगों को खुले में शौच जाने की मजबूरी को चुनौती के रूप में लिया और देश की बागडोर संभालते ही एक साल के भीतर 1.4 करोड़ शौचालय का निर्माण कराया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री के प्रभावकारी कदमों से सीख लेनी चाहिए।

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