नोटबंदी पर लालू प्रसाद ने 17 दिसम्बर को बुलाई पार्टी की अहम बैठक

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संवाददाता.पटना.राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने आगामी 17 दिसम्बर को पार्टी की आहम बैठक बुलाई है.इस बैठक में नोटबंदी के खिलाफ आंदोलन की घोषणा की जा सकती है.इस बैठक में पार्टी के सभी सांसद,पूर्व सांसद,विधायक,पूर्व विधायक,पार्टी के सभी प्रमुख पदाधिकारी शामिल होंगे.

इसकी जानकारी संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में राजद के प्रदेश पदाधिकारियों ने दी.राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष डा. रामचन्द्र पूर्वे ने कहा है कि नोटबंदी के आज 32 दिन हो गये हैं. इसके बाद भी लोग नगदी की कमी से जूझ रहे हैं. पूरे देश में अफरा-तफरी मची हुई है. प्राप्त सूचनाओं के अनुसार नोटबंदी के कारण अब तक लगभग 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. नोटबंदी के कारण आम लोगों को हो रही परेशानियों के खिलाफ गत 28 नवम्बर, 2016 को सभी जिला मुख्यालयों पर आक्रोष मार्च निकाल कर केंद्र सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया था, इसके बावजूद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है बल्कि स्थिति और भी ज्यादा खराब हो गयी है. माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी त्रुटीपूर्ण व्यवस्था पर टिप्पणी की गयी है.

डा. पूर्वे के अलावा प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक कुमार सिंह, प्रधान महासचिव मुन्द्रिका सिंह यादव, प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन एवं प्रगति मेहता संवाददाता सम्मेलन में मौजूद थे.राजद नेताओं ने कहा कि बगैर किसी तैयारी के और त्रुटीपूर्ण तरीके से जल्दीबाजी में लिये गये इस निर्णय से किसान, व्यापारी, गरीब और मध्यम वर्ग के लोग परेशान हैं. गत 08 नवम्बर, 2016 को 14.5 लाख करोड़ के नोट को चलन से बाहर किया गया और गत 07 दिसम्बर, 2016 तक 11.85 लाख करोड़ रूपया के नोट यानि 82 प्रतिशत प्रतिबंधित नोट बैंकों में जमा हो गये. प्रतिबंधित नोटों को जमा करने में अभी 21 दिन बाकी है. इसे देखते हुए अनुमान है कि सिस्टम में काला धन नहीं है. जो है भी उसे मात्र 50 प्रतिशत शुल्क देकर सफेद करने का अजीबोंगरीब फरमान जारी कर दिया गया है. भाजपा नेताओं के पास से मिल रहे नई करेंसी से भी संशय उत्पन्न हो रहा है. कर्नाटक के एक अधिकारी के ड्राईवर केसी रमेश द्वारा आत्म हत्या करना और उसके सुसाईड नोट में कर्नाटक के भाजपा नेता जनार्दन रेड्डी द्वारा 100 करोड़ काला धन को सफेद करने की चर्चा से भी केंद्र की भाजपा सरकार शक के दायरे में आ गयी है.

नोटबंदी के बाद यह भरोसा दिया गया था कि बैंकों द्वारा ब्याज दर घटाया जायेगा और कर्ज सस्ते होंगे पर ऐसा नहीं हुआ. आरबीआई के गवर्नर उर्जीत पटेल ने स्वयं यह स्वीकार किया है कि नोटबंदी के कारण विकास दर 7.6 प्रतिशत से घटकर 7.1 प्रतिशत होने का अनुमान है. उन्होंने खुद स्वीकार किया है कि कमजोर मांग के कारण निर्माण रफ्तार धीमी पड़ी है. मजदूरों को वेतन नहीं मिलने से उत्पादन में गिरावट हुई है और खुदरा कारोबार मंद पड़ गया है.

श्री पूर्वे ने कहा कि आज स्थिति यह है कि दूसरे प्रदेशों में काम करने वाले लोग काम न मिलने के कारण वापस घर लौट रहे हैं. पैसा के अभाव में उन्हें भूखे-प्यासे घर लौटने में भी परेशानी हो रही है. उनके पास टिकट के पैसे नहीं है जो वो घर आ सके. गांवों की अर्थव्यवस्था ठप पर चुकी है. इसका सबसे बूरा असर किसानों और कृषक मजदूरों पर पड़ रहा है. परम्परागत उद्योग बंद हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि अपनी विफलता को छुपाने के लिए और लोगों का ध्यान भटकाने के लिए अब कैशलेस व्यवस्था की बात हो रही है जो कि इस देश और प्रदेश के लिए पूर्णतः अव्यवहारिक है. अभी भी अधिकांश गांवों में कोई बैंक नहीं है. बैंकों में लिंक फेल होने की समस्या आम हो गयी है. अभी भी एक बहुत बड़ी आबादी शिक्षा से मरहूम है. उन्हें एटीएम संचालन की जानकारी नहीं है. उस स्थिति में कैशलेस व्यवस्था की बात करना एक मूर्खतापूर्ण कदम ही माना जायेगा. नोटबंदी से हो रही परेशानियों एवं परिस्थतियों पर विचार करने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के निर्देश पर आगामी 17 दिसम्बर, 2016 को पूर्वाहन 11.00 बजे दिन में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी जी के आवास पर पार्टी की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है. बैठक में पार्टी के सभी सांसद, पूर्व सांसद, विधानसभा सदस्य, विधान परिषद सदस्य, प्रदेश पदाधिकारी, प्रदेश प्रवक्ता, सभी प्रकोष्ठों के प्रदेश अध्यक्ष, राज्य कार्यकारिणी सदस्य के साथ ही पार्टी के सभी जिलाध्यक्ष भाग लेंगे. बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद भी उपस्थित रहेंगे.

 

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