लालफीताशाही आमलोगों को न्याय दिलाने में बाधक न बने- द्रौपदी मुर्मू

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हिमांशु शेखर.रांची. शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्माचारियों के लिए आयोजित तृतीय विश्वविद्यालय लोक अदालत को संबोधित करते हुए राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि लाल फीताशाही आम लोगों को न्याय दिलाने में बाधक न बने. हमें लोक अदालतों को आंदोलन बनाते हुएए आम लोगों को न्याय उनके द्वार पर उपलब्ध हो यह सुनिश्चित करना होगा. हमें खुशी है कि इस कार्य में झालसा सहयोग कर रहा है. ऐसे भी जनहित में त्वरित न्याय दिलाने में झालसा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है.

उन्होंने कहा कि जमीन से संबंधित मामलों को प्राथमिकता देते हुए लोगों को त्वरित न्याय मिल सके इसकी व्यवस्था करनी होगी. प्राथमिक,मध्य,उच्च विद्यालयों एवं अन्य विभागों में भी मिशन मोड के तहत इसका आयोजन होना चाहिए.

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि न्याय समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे इसके लिए राज्य सरकार प्रयासरत है. हमारी नीयत और नीति साफ है. कानून का सरलीकरण गरीब लोगों को राहत देने के लिए होनी चाहिए. राज्य सरकार नीति द्वारा संचालित हो, यह सुनिश्चित किया जा रहा है.उन्होंने कहा कि यूनिविर्सिटी के नियमों-परिनियमों में बदलाव होगा. बच्चों को प्राथमिक शिक्षा के स्तर से ही कप्यूटर की शिक्षा मिले,इसके लिए 2017- 18 के बजट में प्रावधान किया जा रहा है. राज्य गठन के बाद उच्च शिक्षा पर ध्यान नहीं दिया गया,जिससे हम पिछड़ गए. अब राज्य सरकार ने शिक्षा खासकर उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अलग से प्रावधान किया है. राजधानी रांची को ज्ञान और अध्ययन की राजधानी बनाने के लिए सरकार प्रयास कर रही है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार गरीब के हित हेतु काम करने वाली एजेंसी के साथ है. उन्होंने कहा कि नीति स्पष्ट नहीं होने की वजह से मामले न्यायालय में जा रहें हैं,लेकिन अब राज्य सरकार नीति निर्माण का भी कार्य कर रही है. सरकार गठन के बाद कई नीतियों का निर्माण किया गया. सरकार की प्राथमिकता सुशासन लाना है ताकि कम से कम मामले न्यायालय पहुंचे.समृद्ध होने के बाद भी झारखंड की गोद में गरीबी पल रही है. शिक्षा के प्रसार से ही इसे दूर किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि आधारभूत संरचना के विकास हेतु तीव्रता से कार्य हो रहा है. सरकार सुशासन द्वारा लोगों को न्याय देने हेतु गतिबद्ध हैं ताकि लोग न्यायालयों में कम जायें. उन्होंने कहा कि सरकार कानून का सरलीकरण कर रही है.

इस अवसर पर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के मंत्री नीरा यादव ने कहा कि लोक अदालत लोगों के लिए वरदान साबित हुआ है. आम लोगों को इसके प्रति और जागरूक करने की जरूरत है. यह लोक अदालत अपनी उंचाईयों को छुए इस हेतु हमें इसकी सार्थकता प्रमाणित करनी है.श्रीमती यादव ने कहा कि शिक्षा कार्य से जुड़े लोग अगर न्यायालय का चक्कर लगाए तो बच्चों की शिक्षा प्रभावित होती है.        लोक अदालत में अनुकंपा के आधार पर गीता देवी,विजय उरांव,सुधीर कुमार,रमेश टोप्पो,अनिल विक्रांत, दीपक गिरी,मो.इमरान,धर्मेन्द्र कुमार सिंह,सहजनाथ महतो,प्रियंका देवी,अनूप तिर्की,शाश्वत अर्पण,चंदन कुमार,निरंजन रवानी को माननीया राज्यपाल, माननीय मुख्यमंत्री और माननीय न्यायाधीश ने नियुक्ति पत्र प्रदान किए.

इस अवसर पर न्यायाधीश उच्चतम न्यायालय दीपक मिश्रा,न्यायाधीश उच्चतम न्यायालय श्रीमती आर भानूमति, कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश पीके मोहंती, न्यायाधीश एच मिश्रा, न्यायाधीश डीएन पटेल, न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह,न्यायाधीश राजेश शंकर, न्यायाधीश एसएन पाठक समेत अन्य लोग उपस्थित थे.

 

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