सबौर कृषि विवि में नियुक्ति-घोटाला का मोदी ने किया खुलासा

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ऩिशिकांतसिंह.पटना.सबौर कृषि विश्वविद्यालय में नियुक्ति-घोटाला में नया खुलासा करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी कहा है कि पूरी धांधली की जांच होनी चाहिए. मोदी ने आरोप लगाया कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर (भागलपुर) में सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति में हुई व्यापक धांधली व अन्य वित्तीय अनियमितताऔं की जांच से संबंधित संचिका पिछले पांच महीने से मुख्यमंत्री सचिवालय में दबी पड़ी है क्योंकि तत्कालीन कुलपति अब जदयू के माननीय विधायक हो गए हैं.

एक बयान में मोदी ने  राज्यपाल से इस पूरे मामले की जांच और कार्रवाई करने की मांग करते हुए कहा है कि 2012 में सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति में पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन लिए बिना ही जहां मनमाने अंक दिए गए वहीं साक्षात्कार के अंक देने में भी भारी अनियमितता बरती गई. पैसों की उगाही करके चेहतों की नियुक्ति की गई तथा मनमाफिक अभ्यर्थी नहीं मिलने पर आरक्षण कोटे की अधिकांश सीटें खाली छोड़ दी गईं.

सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति के लिए प्रत्येक अभ्यर्थी से 10 अंकों का पांच मिनट का पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन लिए बिना ही अंक दे दिए गए. दूसरी ओर साक्षात्कार में अधिक शैक्षिक योग्यता वालों को 10 अंक में से एक या दो अंक जबकि कम योग्यता वालों को 8 से 10 अंक तक दिए गए. साक्षात्कार के बाद एक्सपर्ट ने जो मार्क्स लिफाफे में बंद कर दिया उसे गायब कर दिया गया तथा अपने से मनमाने अंक दिए गए. तत्कालीन कुलपति उत्तर प्रदेश के फैजाबाद में रहे थे इसलिए विषयों के एक्सपर्ट में से एक फैजाबाद से जरूर बुलाये जाते थे. नतीजतन 80 प्रतिशत से ज्यादा बिहार के बाहर के अभ्यर्थियों की नियुक्ति की गई.

नियुक्ति में हुई धांधली और विश्वविद्यालय की अन्य वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली की ओर से बिहार सरकार के कृषि विभाग को लिखा गया था. कृषि मंत्री ने 07 जनवरी, 2016 को ही जांच कराने के लिए मुख्यमंत्री को लिखा, मगर पिछले पांच महीने से मुख्यमंत्री सचिवालय में संचिका दबी पड़ी है. ऐसे में राज्यपाल से अपील है कि इस मामले की गंभीरता से जांच करा कर उचित कार्रवाई करें.

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