18से 21 फरवरी तक गांधी मैदान में लगेगा कृषि यांत्रिक मेला

1973
0
SHARE

bi

निशिकांत सिंह.पटना. पटना के गाँधी मैदान में आगामी 18 फरवरी से लगेगा कृषि यांत्रिकरण मेला जो  21 फरवरी तक चलेगा. यह मेला पूर्वी भारत सबसे बड़ा यांत्रिकरण मेला है जिसमे 157 स्टाल लगाए जाएँगे और इसमें बिहार के अलावा तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गोवा, पंजाब, गुजरात, कर्नाटक, उतर प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश आदि राज्यों के 150 से अधिक ख्यातिप्राप्त यंत्र निर्माता भाग लेंगे.

सूचना भवन के ‘संवाद’ कक्ष में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कृषि मंत्री राम विचार राय ने यह जानकारी देते हुए संवाददाताओं से अपील की कि इस मेले का भरपूर प्रचार -प्रसार कर लोगों को जागरूक करें. मेले के अन्य आकर्षण के संबंध में कृषि मंत्री ने बताया कि प्रत्येक दिन किसान पाठशाला संचालित होगी जिसमें किसानों को बुआई से कटाई तक के नवीनतम कृषियंत्र, शक्तिशाली छोटे-छोटे कृषि यंत्र, संसाधन संरक्षण तकनीक में कृषि यंत्र में उपयोगिता प्रसंस्करण एवं वैल्यू एडिशन संबंधी कृषियंत्र, सूक्ष्म एवं ड्रिल सिंचाई यंत्र, खर पतवार नियंत्रक व निकाई बुआई संबंधित यंत्र तथा कृषि यंत्रों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए कल-पुर्जो के रख रखाव एवं अन्यान्य विषयों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम होगा. उन्होंने आगे बताया कि मेले में राज्य के सभी जिलों से 10,680 किसानों को आत्मा के माध्यम से सरकारी खर्च पर लाने की व्यवस्था की गई है. साथ ही राज्य के सभी जिलों से लगभग 2000 कृषियंत्र व्यवसायियों की भागीदारी संभावित है.

मेले में पहली बार पंजाब के लगभग 100 किसान तथा वरीय पदाधिकारी भाग लेंगे. कृषि सहकारिता एवं किसान मंत्रालय-भारत सरकार के वरिष्ठ पदाधिकारी एवं कृषि मशीनरी परीक्षण केन्द्र के वैज्ञानिकगण भी भाग लेंगे. मेले में कृषि यंत्रों के निर्माताओं एवं विक्रेताओं की व्यावसयिक बैठक का आयोजन किया जाएगा. इसके अलावा स्कूली बच्चों में कृषि के प्रति रूझान बढ़ाने के लिए पेंटिग/क्विज प्रतियोगिता का आयोजन होगा तथा मनोरंजन हेतु प्रतिदिन रंगारंग सांस्कृतिक आयोजनों के साथ मेला परिसर में बिहारी व्यंजनों व फूड कोर्ट की भी व्यवस्था रहेगी.

कृषि यांत्रिक मेले की उपयोगिता के संदर्भ में मंत्री ने बताया कि जलवायु तथा मौसम की प्रतिकूलता की स्थिति में उन्नत कृषि यंत्रों से वैज्ञानिक ढंग की खेती करके ही कम समय में उत्पादकता एवं गुणवता में वृद्धि की जा सकती है. फसलों की कटनी एवं बुआई के बीच की अल्प अवधि के सदुपयोग में भी कृषि यंत्रों की उपयोगिता है. उन्होंने बताया कि समय श्रम एवं धन की बचत के लिए कृषि यंत्रों का उपयोग अब अपरिहार्य है. इसी उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा संचालित योजना सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मेकेनाइजेशन के तहत राज्य में 138 कृषि यंत्र बैंकों की स्थापना  की जाएगी.

मंत्री के अनुसार कृषि यांत्रिकरण योजना में राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2015-16 में कुल 44 प्रकार के विभिन्न कृषि यंत्रों पर 175 करोड़ रू0 का अनुदान दिया जा रहा है. वर्ष 2014-15 में विभाग द्वारा यांत्रिकरण साप्टवेयर विकासित किया गया हैं. जिसके माध्यम से राज्य के कृषक अपनी सुविधानुसार कहीं से भी आनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इस वितीय वर्ष में अबतक 4,12,000 से अधिक ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हैं जिसके विरूद्ध समुचित सत्यापन के बाद 2 लाख से अधिक की स्वीकृति देते हुए 40.56 करोड़ रू0 का अनुदान दिया जा चुका है. गत वर्ष तक सभी जिलों में कृषि यांत्रिकरण मेले में ही खरीद करने पर अनुदान दिया जाता था लेकिन अब मेले के बाहर अधिकृत विक्रेता से यंत्र-क्रय पर भी कृषकों को अनुदान का प्रावधान है.

संवाददाता सम्मेलन में बी0 कार्तिकेय (कृषि निदेशक) अरविन्दर सिंह (उद्यान निदेशक) तथा आगामी  चार दिवसीय आयोजन में सहयोगी सी0आई0आई0 के चेयरमैन एस0पी0 सिन्हा सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.

 

LEAVE A REPLY