फेस्टिबल से लौटेगा बिहार का सांस्कृतिक गौरव-गंगा कुमार

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निशिकांत सिंह.पटना. बोधिसत्त्व इंटरनेशनल फिल्‍म फेस्टिवल (बीआईएफएफ) 2017 के चेयरमैन गंगा कुमार का कहना है कि बिहार की पावन धरती पर फिल्म महोत्सव के आयोजन किये जाने से उसका सांस्कृतिक गौरव फिर से लौट सकेगा। आठ दिवसीय बोधिसत्त्व इंटरनेशनल फिल्‍म फेस्टिवल 2017 राजधानी पटना में  गैर सरकारी संगठन ग्रामीण स्नेह फाउंडेशन की ओर से 16 फरवरी से राजधानी पटना के अधिवेशन भवन में आयोजित किया जा रहा है।

इस सिलसिले में आयोजित संवाददाता सम्‍मेलन को संबोधित करते हुये गंगा कुमार ने आज कहा “ बोधिसत्त्व इंटरनेशनल फिल्‍म फेस्टिबल की कल्पना इस तरह से तैयार की गयी थी जिससे बिहार के सांस्कृतिक गौरव को फिर से वापस लौटाया जा सके। सत्तर के दशक तक बिहार सांस्कृतिक केन्द्र के रूप में जाना जाता था । हाल के समय में बिहार में कई सफल फिल्म महोत्सव का आयोजन किया गया है। उम्मीद है कि बिहार में बोधिसत्त्व इंटरनेशनल फिल्‍म फेस्टिवल के आयोजन किये जाने से बिहार की कला ,फिल्म एवं संस्कृति को लोगों को करीब से जानने का अवसर मिलेगा।किसी भी तरह के आयोजन में बिहार की धरती हमेशा से ही अतिथि देवो भव: के जज्बे को बुलंद करती है।”

श्री कुमार ने कहा कि महोत्सव में 102 फिल्में दिखायी जायेंगी जिनमें हिंदी के अलावा लघु ,वृतचित्र समेत अंतर्राष्ट्रीय स्तर की फिल्में भी शामिल है। उन्होंने आशा जताई कि सिने प्रेमियों ने जिस तरह पटना और क्षेत्रीय महोत्सव को अपना प्यार दिया है उसी तरह का प्यार इस महोत्सव को भी मिलेगा।उन्होंने कहा कि महोत्सव के दौरान दिवंगत फिल्म अभिनेता ओमपुरी को श्रद्धांजलि दी जायेगी ।

इस अवसर पर मुख्य महोत्सव सलाहकार परमेन्द्र मजूमदार ने कहा कि बिहार में बोधिसत्त्व इंटरनेशनल फिल्‍म फेस्टिवल का आयोजन किये जाने से मुझे बेहद खुशी मिल रही है जिसे शब्दों में बयां नही किया जा सकता ।
महोत्सव के कार्यकारी निदेशक और जाने माने अभिनेता विनीत कुमार ने कहा “ फिल्म महोत्सव का आयोजन केवल मनोरंजन के उद्देश्य से नही किया जाता है। फिल्म महोत्सव के आयोजन से दर्शकों को अलग-अलग भाषा और संस्कृति के बारे में जानने का अवसर मिलता है। ग्रामीण स्नेह फाउंडेशन की अध्यक्ष और बीआईएफएफ आयोजक स्नेहा राउत्रे ने कहा पटना में फिल्म महोत्सव का आयोजन किये जाने से वहां के लोगों को फिल्म से जुड़ी बातों को करीब से जानने का अवसर मिलेगा । फिल्म महोत्सव के लिये 122 देशों की करीब 3500 फिल्मों ने इंट्री दी । इनमें भारत के अलावा ईरान, अमेरिका, फ्रांस, इटली, स्पेन, ब्रिटेन, तुर्की, रूस, ब्राजील, जर्मनी, अर्जेटीना, बांग्लादेश, कनाडा, पुर्तगाल, ऑस्ट्रिया और मैक्सिको समेत कई देशों की फिल्में शामिल हैं । इनमें अंतिम रूप से करीब 102 फिल्मों का चयन किया गया है। सभी फिल्म एक निर्धारित चयन प्रक्रिया के तहत ही चुनी गयी है। दर्शकों को महोत्सव के दौरान अच्छी और गुणवत्तापूर्ण फिल्में देखने को मिलेगी। ”
महोत्सव के दौरान दिखायी जाने वाली पहली फिल्म पार्च्ड है। पार्च्ड की निदेशक लीना यादव ने कहा “ महोत्सव के माध्यम से लोगों को एक साथ अलग-अलग तरह की फिल्में देखने को मिलती है और इसके माध्यम से लोगों को दूसरे देश और वहां की कला संस्कृति को करीब से जानने का अवसर मिलता है। मैं बिहार की बहू हूँ और पहली बार अपनी फिल्म के साथ फेस्टिबल में आयी हूँ । मुझे जो खुशी मिल रही है उसे शब्दों में बयां नही किया जा सकता है।”पार्च्ड की अभिनेत्री तनिष्ठा चटर्जी ने कहा “ दुनिया भर से चयनित फिल्मों को फेस्टबिल में दिखाया जाना एक अनूठी शुरूआत है। अभिनेत्री सोनल झा ने कहा कि फिल्म फेस्टिबल का आयोजन एक ऐसा माध्यम है जिससे खासकर युवाओं को अलग अलग तरह की कहानी पर आधारित फिल्म देखने का अवसर मिलता है। जाने माने अभिनेता अखिलेन्द्र मिश्रा ने कहा कि हमारे जैसे लोग जो अपने करियर के कारण बिहार से दूर हो गये हैं ,इस तरह के आयोजन से उन्हें  बिहार फिर आने का अवसर मिलता है। बिहार की युवा पीढ़ी के लिये गर्व की बात है कि उन्हें बिहार में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महोत्सव का लुत्फ उठाने को मिल रहा है। संवाददाता सम्‍मेलन में विनोद अनुपम, कुमार रविकांत, मीडिया प्रभारी रंजन सिन्‍हा उपस्थित थे।

 

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