लालू की जमानत को गुजराल की साजिश बताया था मोदी ने

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प्रमोद दत्त

                  चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद के जेल से जल्दी बाहर आने को भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी, रविशंकर प्रसाद एवं सरयू राम ने घोटाले से अधिक संगीन साजिश बताते हुए कहा था कि इसमें  तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्द्र कुमार गुजराल, कांग्रेस अध्यक्ष (तत्कालीन) सीताराम केसरी और राज्यपाल (तत्कालीन) डॉ. ए.आर किदवई के अलावा सीबीआई के कुछ उच्चाधिकारी शामिल है.

15 दिसंबर 1997 के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में भाजपा के नेताओं ने यह आरोप लगाते हुए आशंका भी जाहिर की  थी कि बाहर आने के बाद लालू प्रसाद साक्ष्यों को मिटाने की कोशिश कर सकते हैं. इसलिए सीबीआई को लालू प्रसाद के खिलाफ सर्वोच्य न्यायालय जाना चाहिए. पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र को सर्वोच्य न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने के बावजूद बिहार में यह कह कर रोक लगाई गई कि वे गवाहों को प्रभावित या साक्ष्यों को नष्ट नहीं कर सके. लालू यादव की जमानत याचिका पर बहस के दौरान सीबीआई इस आधार पर तर्क प्रस्तुत नहीं किया गया. जबकि डॉ मिश्र की तुलना में लालू प्रसाद गवाहों को प्रभावित करने एवं साक्ष्य मिटाने के मामले में अधिक सक्षम हैं.

भाजपा नेताओं ने यह भी आरोप लगाया था कि 64ए/96 में लालू प्रसाद पर सीधा आरोप होने के बावजूद राज्यपाल ने मुकदमा चलाने की अनुमति केवल इस वजह से नहीं दी ताकि लालू प्रसाद जमानत हासिल करने में कामयाब हो जाएं. राज्यपाल डॉ. किदवई, प्रधानमंत्री गुजराल, और कांग्रेस अध्यक्ष के प्रभाव में ऐसा कर रहे हैं.

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सन् 1980 से पत्रकारिता. 1985 से विभिन्न अखबारों एवं पत्रिकाओं में विभिन्न पदों पर कार्यानुभव. बहुचर्चित चारा घोटाला सहित कई घोटाला पर एक्सक्लुसिव रिपोर्ट, चारा घोटाला उजागर करने का विशेष श्रेय. ‘राजनीति गॉसिप’ और ‘दरबारनामा’ कॉलम से विशेष पहचान. ईटीवी बिहार के चर्चित कार्यक्रम ‘सुनो पाटलिपुत्र कैसे बदले बिहार’, साधना न्यूज और हमार टीवी के टीआरपी ओरियेंटेड कार्यक्रम ‘पड़ताल - कितना बदला बिहार’ के रिसर्च हेड और विभिन्न चैनलों के लिए पॉलिटिकल पैनलिस्ट. संपर्क – 09431033460

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