तेजस्वी के 150 करोड़ के मकान की कहानी,मोदी की जुबानी

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Tejashwi's house

संवाददाता.पटना.बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने नई दिल्ली के सबसे महँगे इलाके न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित तेजस्वी यादव के मकान का रहस्योदघाटन करते हुए सवाल उठाया है कि तेजस्वी यादव ने न तो कभी नौकरी की, न ही कभी व्यापार किया। पढ़ाई भी पूरी नहीं कर पाए। क्रिकेट में भी फैल रहे। कोई पुश्तैनी संपत्ति भी नहीं थी।  इसके बावजूद नई दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, D-1088 के 500 वर्ग मीटर जमीन पर बने 4 मंजिला मकान के मालिक हैं जिनका वर्तमान मूल्य 150 करोड़ से ज्यादा है।
श्री मोदी ने एक बयान में बताया कि यह वही मकान है जहां नई दिल्ली में तेजस्वी यादव अपनी पत्नी के साथ रहते हैं और यह वही मकान है जहां ईडी के लोगों ने तेजस्वी से पूछताछ की थी। आखिर 150 करोड़ के इस आलीशान मकान के मालिक तेजस्वी यादव कैसे बन गए?
उन्होंने बताया कि तेजस्वी मात्र चार लाख की पूंजी लगाकर 150 करोड़ के इस मकान के मालिक बन गए।D-1088, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी का मकान ए.बी.एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड की संपत्ति है जिसके मालिक तेजस्वी यादव है।ए.बी.एक्सपोर्ट ने 1996 से आज तक न तो कोई व्यापार किया और न ही इसका कोई टर्न ओवर है, न ही कोई कर्मचारी है। इस कंपनी ने केवल एक काम किया- तेजस्वी के लिए संपत्ति खरीदने का।           2010-11 में इस कंपनी के 97% शेयर मात्र चार लाख में तेजस्वी ने और शेष 3% शेयर लालू की बेटी चंदा यादव ने 7 हजार  पूंजी लगाकर खरीद लिए। प्रारंभ में तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, चंदा यादव एवं रागिनी लालू इस कंपनी के डायरेक्टर थे। वर्तमान में रागिनी लालू व लालू के विश्वस्त बड़हरिया(सिवान) निवासी शरीकल बारी इस कंपनी के डायरेक्टर हैं।
श्री मोदी ने ए.बी.एक्सपोर्ट द्वारा इस मकान की गई खरीद का भी खुलासा करते हुए कहा कि  मुंबई के 5 हीरे-सोने के व्यापारियों ने 2007-08 में 1-1 करोड़ यानि कुल 5 करोड़ का ब्याज मुक्त ऋण ए.बी.एक्सपोर्ट को दिया। जांच में यह सभी कंपनियां फर्जी पाई गई।15 वर्षों के बाद न तो यह 5 करोड़ वापस हुआ और न ही हीरे व्यापारियों ने पैसे की मांग की। 2007-08 में इसी 5 करोड़ से 500 वर्ग मीटर का प्लॉट मकान सहित खरीदा गया जिसमें जमीन की कीमत 4 करोड़ 54 लाख एवं मकान की कीमत 45 लाख दिखलाई गई।जिस समय यह संपत्ति खरीदी गई उस समय लालू प्रसाद रेल मंत्री थे। 2014-15 में कंपनी ने पुराने मकान को तोड़कर 4 मंजिला आलीशान मकान 3 करोड़ 68 लाख में बनाया।वर्ष 17-18 में तेजस्वी यादव ने 4 करोड़ 10 लाख और चंदा यादव ने एक करोड़ रुपया इस कंपनी को कर्ज दिया है। यद्यपि तेजस्वी यादव के संपत्ति की घोषणा में कहीं भी इस कर्ज का जिक्र नहीं है।आज इस मकान सहित जमीन की कीमत 150 करोड़ से ज्यादा है।
श्री मोदी ने सवाल उठाया है कि आखिर मुंबई के पांच हीरे के व्यापारियों ने 2007-08 में ए.बी. एक्सपोर्ट को बिना ब्याज का कर्ज क्यों दिया? आज तक ए.बी.एक्सपोर्ट द्वारा न तो 5 करोड़ मूलधन और न ही ब्याज मद का एक पैसा क्यों नहीं भुगतान किया गया? आखिर प्रेमचंद गुप्ता, ओम प्रकाश कात्याल जैसे व्यापारियों ने क्यों अपनी कंपनी लालू परिवार को सौंप दी?2010-11 में तेजस्वी यादव को मात्र चार लाख में इस कंपनी के 97% शेयर तथा चंदा यादव को 7 हजार में शेष 3% शेयर क्यों सौंप दिए गए ?क्या यह सच नहीं है कि मात्र 4 लाख रूपये में तेजस्वी यादव इस 150 करोड़ की संपत्ति के मालिक बन गए ?आयकर विभाग ने 2017 में इस संपत्ति को बेनामी संपत्ति घोषित कर तीन करोड़ 10 लाख का अर्थदंड लगा दिया है और इस संपत्ति को जप्त कर लिया है।
उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव 750 करोड़ के आईआरसीटीसी घोटाले में चार्ज शीटेड हैं तथा जमानत पर हैं।इस मामले का ट्रायल जल्द प्रारंभ होने वाला है।नौकरी के बदले जमीन मामले में सीबीआई ने 25 तारीख को पूछताछ के लिए बुलाया है।29 साल की उम्र में तेजस्वी यादव ए.बी.एक्सपोर्ट, ए.के.इंफोसिस्टम जैसी कंपनियों तथा अन्य माध्यम से 52 से ज्यादा अवैध संपत्ति के मालिक बन बैठे हैं। भ्रष्टाचार का आरोपी व्यक्ति क्या राज्य का उपमुख्यमंत्री पद पर बना रह सकता है? उन्होंने मांग की कि नीतीश कुमार को अविलम्ब तेजस्वी यादव को उपमुख्यमंत्री पद से बर्खास्त करना चाहिए।

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