शराबबंदी पर मुख्यमंत्री ने की सात घंटे की मैराथन समीक्षा बैठक,कई सख्त निर्देश

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meeting on prohibition

मुख्यमंत्री के निर्देश- शराबबंदी के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। जिन्हें जिम्मेदारी दी गई है वे पूरी मुस्तैदी एवं मनोयोग के साथ काम करें।न राज्य में शराब आने देंगे और न किसी को शराब पीने देंगे इसी मानसिकता के साथ काम करें।जो भी सरकारी अधिकारी, कर्मी गड़बड़ी करते हैं उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई करें।शराब के धंधे एवं शराब के सेवन में लिप्त किसी भी व्यक्ति पर कठोरता के साथ कार्रवाई करें।पटना राजधानी है यहां विशेष सतर्कता बरतें।शराब सेवन से होने वाली हानि के बारे में लोगों को जागरुक करें। मद्य निषेध को लेकर गांधी जी के विचारों का व्यापक प्रचार-प्रसार करें। वर्ष 2016 में डब्ल्यू0एच0ओ0 ने एक सर्वे कराया था, जिसमें शराब के सेवन से होने वाली हानियों के संबंध में रिपोर्ट प्रकाषित की गयी थी, इसके बारे में भी लोगों को बतायें। सतत् जीविकोपार्जन योजना के तहत लाभार्थियों की सही पहचान कर उन्हें इसका लाभ दिलाएं।कॉल सेंटर में कॉल करने वाले लोगों की गोपनीयता बरकरार रखें और इसका बेहतर ढंग से क्रियान्वयन करें। शिकायतकर्ता की संतुष्टि और शिकायतों के निष्पादन के संबंध में पूरी तरह से एक्टिव रहें।बॉर्डर एरिया में शराब सप्लाई के रुट्स को चिन्ह्ति कर लगातार छापेमारी करें।एडीजी/आईजी/डीआईजी स्तर के पदाधिकारी नियमित रुप से क्षेत्र भ्रमण करें और निचले स्तर तक क्रियान्वयन का जायजा लें।गृह विभाग तथा मद्य निषेध विभाग आंतरिक सतर्कता विंग की व्यवस्था करें ताकि विभागीय अधिकारियों/कर्मियों पर भी नियमित नजर रखी जा सके।15 दिन में जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक, उत्पाद अधीक्षक एवं विषेष लोक अभियोजक एक बार साथ बैठक कर शराबबंदी के क्रियान्वयन के संबंध में समीक्षा करें।जिलों के प्रभारी मंत्री और प्रभारी सचिव महीने में एक बार जिलों के विकास कार्यों की समीक्षा करने के साथ-साथ शराबबंदी के क्रियान्वयन की भी समीक्षा करें।सभी थानों में चौकीदारों पर विशेष नजर रखें और उन्हें गांव में गड़बड़ी करने वालों के संबंध में पूरी सूचना देने को कहें।    जिन थाना प्रभारियों के कार्य में शिथिलता पायी गई हैं उन्हें 10 वर्षों तक थाना प्रभारी नहीं बनाए जाने का निर्णय लिया गया था, इस पर पूरी सख्ती से अमल करें।
संवाददाता.पटना.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 7 घंटे तक मद्य निषेध के क्रियान्वयन से संबंधित उच्च स्तरीय मैराथन समीक्षा बैठक की।समीक्षा के दौरान पुलिस अधीक्षक मद्य निषेध ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रोविशन इनफोर्समेंट लीकर रिकवरी एंड डिस्ट्रक्शन, केस रजिस्टर्ड एंड अरेस्टिंग, कन्विक्शन, प्रोबिशन कॉल सेंटर, डिसिप्लिनरी एक्शन, प्रचार-प्रसार अभियान आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
   समीक्षा के दौरान पुलिस महानिदेशक श्री एस0के0 सिंघल ने मुख्यमंत्री द्वारा पूछे गये शराबबंदी से जुड़े प्रश्नों का सिलसिलेवार जवाब दिया और आगे की जाने वाली कार्रवाईयों के संबंध में भी विस्तृत जानकारी दी।अपर मुख्य सचिव, गृह श्री चैतन्य प्रसाद ने विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों के संबंध में अद्यतन जानकारी दी।सभी जिलों के वरीय पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक ने अपने-अपने जिलों में मद्य निषेध के क्रियान्वयन के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जानकारी दी।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं की मांग पर 05 अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू की गयी। विधानसभा और विधान परिषद् में सर्वसम्मति से शराबबंदी कानून परित किया गया। सभी विधान सभा एवं विधान परिषद् सदस्यों सहित सभी सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने शराबबंदी के पक्ष में शपथ ली थी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 से 2019 तक शराबबंदी के क्रियान्वयन की लगातार समीक्षा भी की गई है। उसके बाद कोरोना का दौर आया और उसमें भी शराबबंदी के क्रियान्वयन को लेकर समय-समय पर समीक्षा की जाती रही है। 21 जनवरी 2017 को 04 करोड़ लोगों ने मानव श्रृंखला बनाकर शराबबंदी के पक्ष में अपना समर्थन दिया था। हाल ही में 05 नवंबर को शराबबंदी को लेकर भी समीक्षा बैठक हुई थी, जिसमें तय किया गया था कि 16 नवंबर को शराबबंदी के क्रियान्वयन के एक-एक बिंदु पर विस्तृत समीक्षा की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2016 में डब्ल्यू0एच0ओ0 ने सर्वे कराया था, जिसमें बताया गया था कि शराब के सेवन से कितनी हानि होती है। 20 से 39 वर्ष आयु वर्ग के लोगों की पूरी दुनिया में जितनी मौतें होती हैं उसमें शराब पीने के कारण 13.5 प्रतिशत लोगों की मृत्यु होती है। 2016 में पूरी दुनिया में शराब पीने के कारण 30 लाख लोगों की मृत्यु हुयी है जो कुल मृत्यु का 5.3 प्रतिशत है। इस रिपोर्ट में शराब पीने के कारण होने वाली कई गंभीर बीमारियों के बारे में बताया गया है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी के कारण राज्य में अपराध की घटनाओं में और कमी आयी है। पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया है। उन सभी जनप्रतिनिधि महिलाओं, अन्य संस्थाओं एवं जीविका के माध्यम से लोगों को शराब सेवन से होने वाली हानि के बारे में जागरुक किया जा रहा है, इस काम में और तेजी लायें। मद्य निषेध को लेकर गांधी जी के विचारों का व्यापक प्रचार-प्रसार करें। पेंटिंग, नुक्कड़ नाटक एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को शराब से होने वाली हानि के संबंध में जागरुक करें। शराब सेवन से छुटकारे के लिए अस्पतालों में बनाए गए नशामुक्ति केंद्र में जाने के लिए लोगों को प्रेरित करें।
   मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। जिन्हें जो जिम्मेदारी दी गई है वो पूरी मुस्तैदी एवं मनोयोग के साथ काम करें। न राज्य में शराब आने देंगे और न किसी को शराब पीने देंगे, इसी मानसिकता के साथ काम करें। जो भी सरकारी अधिकारी, कर्मचारी गड़बड़ी करते हैं उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई करें। समाज में कुछ गड़बड़ करने वाले लोग होते हैं। ज्यादातर लोग अच्छे होते हैं। गड़बड़ करने वाले लोगों की पहचान कर उन पर ऐक्शन लें। कोई भी व्यक्ति किसी से संबद्ध हो पूरी पारदर्शिता के साथ उन पर कार्रवाई करें। सभी लोगों पर नियमानुसार कार्रवाई करें किसी को बख्शना नहीं है। वास्तविक रुप से शराब के धंधे में लिप्त लोगों की गिरफ्तारी हर हालत में हो। पटना राजधानी है यहां विशेष सतर्कता बरतने की जरुरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 26 नवंबर को नशामुक्ति दिवस पर सभी सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को एक बार पुनः शराबबंदी को लेकर मजबूती से शपथ दिलाएं। सभी मंत्रीगण, सभी विधायकगण, सभी विधान पार्षदगण सहित सभी जनप्रतिनिधि भी शपथ लें। उन्होंने कहा कि सभी को संकल्प लेकर शराबबंदी को कारगर बनाने के लिए एकजुट होकर काम करना है। उन्होंने कहा कि नीरा उपयोगी है। इसका न सिर्फ स्वाद अच्छा है बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। इससे लोगों की आमदनी भी बढ़ेगी और रोजगार भी मिलेगा। नीरा के उत्पादन को पुनः शुरू करायें। सतत् जीविकोपार्जन योजना के तहत लाभार्थियों की सही पहचान कर उन्हें इसका लाभ दिलाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉल सेंटर में कॉल करने वाले लोगों की गोपनीयता बरकरार रखें और इसका बेहतर क्रियान्वयन करें। शिकायतकर्ता की संतुष्टि और शिकायतों के निष्पादन के संबंध में पूरी तरह से एक्टिव रहें। बिजली के पोल तथा ट्रांसफार्मर पर कॉल सेंटर का नंबर हर जगर अंकित होना चाहिए। बॉर्डर एरिया में शराब सप्लाई के रुट्स की पहचान करें और लगातार छापेमारी करें। उन्होंने कहा कि ए0डी0जी0/आई0जी0/डी0आई0जी0 स्तर के पदाधिकारी नियमित रुप से क्षेत्र भ्रमण कर निचले स्तर पर क्रियान्वयन का जायजा लें। गृह विभाग तथा मद्य निषेध विभाग आंतरिक सतर्कता विंग की व्यवस्था करे ताकि विभागीय अधिकारियों/कर्मियों पर भी नियमित नजर रखी जा सके।
15 दिन में जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक, उत्पाद अधीक्षक एवं लोक अभियोजक एक बार साथ बैठक कर शराबबंदी के क्रियान्वयन को लेकर अवश्य समीक्षा करें। जिलों के प्रभारी मंत्री और प्रभारी सचिव महीने में एक बार जिलों के विकास कार्यों की समीक्षा करने के साथ-साथ शराबबंदी के क्रियान्वयन की भी समीक्षा करें।  सभी थानों में चौकीदारों पर विशेष नजर रखें और उन्हें गांव में गड़बड़ी करने वालों की पूरी सूचना देने के लिए कहें। जिन थाना प्रभारियों के कार्य में शिथिलता पायी गई हैं उन्हें 10 वर्षों तक थाना प्रभारी नहीं बनाए जाने का निर्णय लिया गया था, इस पर पूरी सख्ती से अमल करें।मुख्यमंत्री ने कहा कि विधि व्यवस्था एवं अपराध नियंत्रण के लिए हर हालत में काम करना है साथ ही शराबबंदी के नियंत्रण के लिए भी उतनी ही मुस्तैदी के साथ काम करना है।
बैठक में उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री रेणु देवी, ऊर्जा सह योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन मंत्री सुनील कुमार, उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन, जल संसाधन मंत्री संजय झा, भवन निर्माण मंत्री अशोक कुमार चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी, विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमां खान, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री  लेशी सिंह, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री रामप्रीत पासवान, पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी, लघु जल संसाधन मंत्री संतोष कुमार सुमन, ग्रामीण कार्य मंत्री जयंत चौधरी, परिवहन मंत्री शीला कुमारी, कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, खान एवं भूतत्व मंत्री जनक राम, कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री आलोक रंजन, श्रम संसाधन-सह- सूचना एवं प्रावैद्यिकी मंत्री जीवेश कुमार, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री राम सूरत कुमार उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, पुलिस महानिदेशक एस0के0 सिंघल, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी, अपर मुख्य सचिव गृह चैतन्य प्रसाद मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक लॉ एंड ऑर्डर विनय कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय जे0एस0 गंगवार, अपर पुलिस महानिदेशक, स्पेशल ब्रांच सुनील कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, उत्पाद आयुक्त बी0 कार्तिकेय धनजी, विशेष सचिव गृह विकास वैभव, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अन्य मंत्रीगण, संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव, संबंधित विभागों के अन्य वरीय अधिकारी, रेंज के पुलिस महानिरीक्षक/पुलिस उप महानिरीक्षक, जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक जुड़े हुए थे।

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