जानें…पटना महावीर मंदिर की विशेषता,अयोध्या के बाद सबसे अधिक जुटती है भीड़

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अनूप नारायण सिंह.पटना.देशभर में भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव,रामनवमी का त्योहार धूमधाम से मनाया गया.बिहार व झारखंड के प्रमुख शहरों से लेकर गांव गांव तक जय श्रीराम के उदघोष के साथ जुलूस निकाले गए.राजधानी पटना में रामनवमी के अवसर पर पटना जं स्थित महावीर मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा.

यह मंदिर उत्तर  भारत का एक प्रसिद्ध मंदिर है. सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में शामिल पटना जंक्शन स्थित महावीर मंदिर में रामनवमी के दिन अयोध्या की हनुमानगढ़ी के बाद सबसे ज्यादा भीड़ उमड़ती है.इसकी खास वजह है.आईए जानते हैं क्या है विशेषता पटना के महावीर मंदिर की और क्यों जुटती है श्रद्धालुओं की इतनी भीड़….

इस मंदिर में आकर शीश नवाने से भक्तों की मनोकामना पूर्ति होती है. इस मंदिर को हर दिन लगभग एक लाख रुपये की राशि विभिन्न मदों से प्राप्त होती है. इस मंदिर को 1730 इस्वी में स्वामी बालानंद ने स्थापित किया था. साल 1900 तक यह मंदिर रामानंद संप्रदाय के अधीन था.

उसके बाद इसपर 1948 तक इसपर गोसाईं संन्यासियों का कब्जा रहा. साल 1948 में पटना हाइकोर्ट ने इसे सार्वजनिक मंदिर घोषित कर दिया. उसके बाद आचार्य किशोर कुणाल के प्रयास से साल 1983 से 1985 के बीच वर्तमान मंदिर का निर्माण शुरु हुआ और आज इस भव्य मंदिर के द्वार सबके लिए खुले हैं.

इस मंदिर का मुख्य द्वार उत्तर दिशा की ओर है और मंदिर के गर्भगृह में भगवान हनुमान की मूर्तियां हैं. इस मंदिर में सभी देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं. यहां की एक खास बात यह है कि यहां रामसेतु का पत्थर कांच के बरतन में रखा हुआ है. इस पत्थर का वजन 15 किलो है और यह पत्थर पानी में तैरता रहता है.

यह मंदिर बाकी हनुमान मंदिरो से कुछ अलग है, क्योंकि यहां बजरंग बली की युग्म मूर्तियां एक साथ हैं. एक मूर्ति परित्राणाय साधूनाम् अर्थात अच्छे लोगों के कारज पूर्ण करने वाली है और दूसरी मूर्ति- विनाशाय च दुष्कृताम्बु, अर्थात बुरे लोगों की बुराई दूर करने वाली है.

यह मंदिर पटना रेलवे स्टेशन से निकल कर उत्तर दिशा की ओर स्थित है.प्रसिद्ध महावीर मंदिर पटना जंक्शन परिसर से सटे ही बना हुआ है. मंदिर प्राचीन है, जिसे 80 के दशक में नया रंग-रूप दिया गया. पटना आने वाले श्रद्धालु यहां सिर नवाना नहीं भूलते. लाखों तीर्थयात्री इस मंदिर में आते हैं.

यहां मंगलवार और शन‌िवार के द‌िन सबसे अध‌िक संख्या में भक्त जुटते हैं. यहां हनुमान जी को घी के लड्डू, नैवेद्यम का भोग लगाया जाता है, ज‌िसे तिरुपति के कारीगर तैयार करते हैं. हर द‌िन यहां करीब 25,000 लड्डूओं की ब‌िक्री होती है.

महावीर मंद‌िर ट्रस्ट के अनुसार इन लड्डूओं से जो पैसा आता है वह महावीर कैंसर संस्‍थान में उन मरीजों पर खर्च क‌िया जाता है जो आर्थ‌िक रूप से कमजोर हैं और कैंसर का इलाज करवाने में सक्षम नहीं हैं.‌

मंदिर के प्रमुख आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि पटना का हनुमान मंदिर हनुमानगढ़ी के बाद दूसरा ऐसा मंदिर है जहां श्रद्धालुओं की भीड़ रामनवमी के मौके पर देश में सबसे ज्यादा होती है.इस बार रामनवमी पूजा के लिये विशेष तौर पर अयोध्या से एक दर्जन पुजारियों को बुलाया गया था. गर्मी और उमस को ध्यान में रखते हुए मंदिर परिसर से हार्डिंग पार्क तक टेंट की व्यवस्था की गई  ताकि लाइन में लगने वाले लोगों को किसी तरह की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े.

 

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