बिहार में अवैध बुचड़खाना चलाने की नहीं है अनुमति- नीतीश कुमार

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निशिकांत सिंह.पटना. मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद सभाकक्ष में सोमवार को लोक संवाद कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में अवैध बूचड़खाने न के बराबर है. हमारे यहां 1955 से कानून बना हुआ है.अवैध बूचड़खाने चलाने की अनुमति नहीं है,यह एक अनावश्यक मुद्दा है, जिसे उठाया जा रहा है.सही मुद्दों पर बहस होनी चाहिये. रोजगार उपलब्धता एवं बढ़ रही कृषि संकट जैसे मुद्दों पर बहस होनी चाहिये.

उन्होंने कहा कि असल मुद्दों से ध्यान हटाने के लिये यह सब चलता रहता है परंतु यह ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि अगर मुद्दा उठाना है तो शराबबंदी का उठाइये। कोई भी धर्म शराब पीने को नहीं कहता है। उन्होंने कहा कि बापू के चम्पारण सत्याग्रह के सौंवे साल में केन्द्र सरकार शराबबंदी को पूरे देश में लागू करे. उन्होंने कहा कि हमने नोटबंदी का समर्थन किया था। नोटबंदी के साथ-साथ बेनामी संपति के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिये। बेनामी संपति को सरकार को जब्त कर लेना चाहिये. विपक्ष में एकता के संदर्भ में पूछे गये सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्पूर्ण विपक्ष को एकजुट होना चाहिये और जनहित तथा राष्ट्रहित के मुद्दों को लेकर आगे चलना चाहिये.

चम्पारण सत्याग्रह के शताब्दी समारोह के संदर्भ में पूछे गये प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चम्पारण सत्याग्रह के सौंवे साल के अवसर पर एक साल तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा, इसकी शुरूआत 10 अप्रैल से होगी। 10 एवं 11 अप्रैल 2017 को पटना में गांधी विचारकों का समागम और राष्ट्रीय विमर्श होगा। बड़े-बड़े गांधी विचारक आ रहे हैं और आकर पटना में चर्चा करेंगे। 11 अप्रैल को मुजफ्फरपुर में भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। 18 अप्रैल 2017 को मोतिहारी से स्मृति यात्रा शुरू होगी। 17 अप्रैल को पटना में देश भर के स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देष्य है कि गांधी जी के विचारों को घर-घर तक पहुंचाना। कहानी एवं फिल्म के माध्यम से लोगों तथा नई पीढ़ी के बीच में गांधी जी के विचारों को पहुंचायेंगे। उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ गांधी जी जहां-जहां गये थे, उन सभी स्थानों को विकसित किया जायेगा। गांधी सर्किट को जोड़ने की कोशिश की जायेगी। उन्होंने कहा कि लोग गांधी जी को जानते हैं परंतु उनके विचारों को आत्मसात नहीं कर पाते हैं। उन्होंने कहा कि अगर 10 प्रतिशत नई पीढ़ी भी गांधी जी के विचारों को आत्मसात कर ले तो 10 से 15 साल में समाज बदल जायेगा.

एमसीडी चुनाव के संदर्भ में पूछे गये प्रष्न के उतर में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कोई महत्वपूर्ण चुनाव नहीं है। इससे आप महागठबंधन की एकता को नहीं जोड़ें, यह एक स्थानीय चुनाव है। ईवीएम में छेड़छाड़ के संदर्भ में पूछे गये प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कहीं आशंका है तो उसका समाधान करना चाहिये। उत्तर प्रदेश में शराबबंदी से संबंधित पूछे गये प्रश्न के उतर में मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब को पूरे तौर से बंद किये बिना कोई रास्ता नहीं है. शराबबंदी का जो कदम बिहार ने उठाया है, उसका स्वागत केवल बिहार में ही नहीं बल्कि देश के दूसरे प्रांतों में भी हो रहा है। धीरे-धीरे लोगों को इस बात का एहसास हो रहा है. बहुत जगह यह कहा जा रहा है कि दुकानों की संख्या घटा देंगे, मेरी समझ में यह स्लो रिस्पांस है. सैद्धांतिक तौर पर लोगों ने यह मान लिया है कि अब शराब को बढ़ावा देना संभव नहीं है. शराब के खिलाफ जनमत है और लोगों को इस बात का एहसास हो गया है. हाईवे पर 500 मीटर के दायरे में शराब की दुकानों को हटाने का माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद अगर राज्य सरकारें हाइवे पर खुली हुयी शराब की दुकानों को शहर-गांव के अन्दर ले जायेंगी तो इससे कोई समाधान नहीं होगा इसलिये उन्हें शराबबंदी के बारे में सोचना चाहिये.

शराबबंदी से लोगों के लाइफ स्टाईल में परिवर्तन आयेगा, लोगों के सोच और व्यवहार में परिवर्तन आयेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने उतर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भी सलाह दी थी कि शराबबंदी लागू करिये, परन्तु उस समय एक बात छेड़ दी गयी थी कि वहां गन्ना का उत्पादन ज्यादा है और सुगर मिलों की संख्या भी अधिक है तो उस परिस्थिति में जो स्प्रीट बनता है, उसका क्या होगा तो हमने उस संबंध में भी समझाया था कि उससे एथेनाल बनेगा. हमने जब इसे बिहार में लागू किया तो सभी सुगर मिलों की आमदनी बढ़ गयी. सुगर मिलों को जितना स्प्रीट से आमदनी होती थी, उससे कहीं ज्यादा एथेनॉल से आमदनी हो रही है. एथेनॉल की मांग है और वह पर्यावरण के लिये भी उचित है.

सोमवार का लोक संवाद कार्यक्रम सिर्फ महिलाओं के लिये था. कार्यक्रम में विभिन्न विभागों से संबंधित तेरह महिलाओं द्वारा मुख्यमंत्री को अपना सुझाव दिया गया. महिलाओं द्वारा पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, शिक्षा, स्वास्थ्य, भवन निर्माण, समाज कल्याण, श्रम संसाधन, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, ग्रामीण विकास, सूचना एवं प्रावैधिकी, उद्योग विभाग से संबंधित सुझाव दिये गये.लोक संवाद कार्यक्रम में पटना की डा.एम0 कुमारी, सहरसा की रिचा कुमारी, पटना की डा. रिचा, खगौल दानापुर की डा0 सुष्मिता तिवारी, नयाचक पटना की सुनीता कुमारी, खुसरूपुर पटना की आस्था परिमल, कुर्जी मोड़ पटना की अमृता कुमारी, मुजफ्फरपुर की रेखा जायसवाल, शेखपुरा पटना की आशा चौधरी, राजाबाजार पटना की गुंजन पाण्डेय, राजाबाजार पटना की अंकिता, अनिशाबाद पटना की शक्ति प्रिया, बेगूसराय की अंशु भारद्वाज ने अपने-अपने सुझाव एवं राय मुख्यमंत्री को दिये। प्राप्त सुझाव एवं राय पर संबंधित विभाग के प्रधान सचिव-सचिव ने वस्तुस्थिति को स्पष्ट किया। महिलाओं से प्राप्त सुझाव एवं राय पर मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों के प्रधान सचिव-सचिव को कार्रवाई करने हेतु निर्देशित किया.कार्यक्रम में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री अवधेश कुमार सिंह, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री शिवचन्द्र राम, समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा, श्रम संसाधन मंत्री विजय प्रकाश, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर, प्रधान सचिव मंत्रिमण्डल समन्वय ब्रजेश मेहरोत्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चन्द्रा, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा सहित संबंधित विभागों के प्रधान सचिव व सचिव उपस्थित थे.

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