परमात्मा का निवास हर ह्रदय में,स्वयं को पहचानने की कोशिश हो-मुख्यमंत्री

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निशिकांत सिंह.पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज स्थानीय श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में रविदास चेतना मंच द्वारा आयोजित राज्यस्तरीय संत शिरोमणि गुरू रविदास जी की 640वीं जयंती समारोह का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने संत शिरोमणि गुरू रविदास जी के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।समारोह को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहले संत शिरोमणि गुरू रविदास जी के चरणों में श्रद्धा-सुमन अर्पित करता हूं। उन्होंने कहा कि संत शिरोमणि गुरू रविदास जी एवं बाबा साहेब डा0 भीमराव अंबेडकर दोनों ने शिक्षा पर बल दिया था। हमें उस पर गौर करना चाहिये।

उन्होंने कहा कि परमात्मा का निवास हर हृदय में है। स्वयं को पहचानने की कोशिश करना चाहिये। अपने अंदर की ताकत को जानना एवं पहचानना चाहिये। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति के अंदर सबों के प्रति प्रेम, करूणा का भाव तथा जीवन में न्याय का बोध है, वही व्यक्ति परमात्मा को धारण कर सकता है। संत शिरोमणि गुरू रविदास जी के जीवन का उदाहरण देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि संत शिरोमणि रविदास जी ने कहा था कि ‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’। मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्म और धर्म दोनों एक हैं। अगर कोई व्यक्ति अपने कर्म को सही ढ़ंग से करेगा तो वही सच्चा धर्म होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी ने महापुरूषों से लोगों की सेवा करना सीखा है। हम बिना भेदभाव के सबकी सेवा करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी कोई योजना ऐसी नहीं है जो कुछ लोगों के लिये सीमित हो बल्कि हमारी येाजनायें सबों के लिये है। हम सबों को जोड़कर समाज को आगे बढ़ाने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा कि जो समाज को तोड़ते हैं, उनके प्रति आकर्षित नहीं होना चाहिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में हर तबके के लिये काम किया गया है। शिक्षा के क्षेत्र का उदाहरण देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि जब मैं सरकार में आया था, तब साढ़े बारह प्रतिशत बच्चे स्कूल से बाहर थे। उन्होंने कहा कि संत शिरोमणि गुरू रविदास जी एवं बाबा साहेब डा0 भीमराव अंबेडकर ने शिक्षा के महत्व पर बल दिया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूल से बाहर बच्चों को स्कूल पहुंचाने का प्रयास शुरू किया गया। उन्होंने कहा कि हमने सर्वे कराया तो पता चला कि स्कूल से बाहर रह रहे बच्चों में सबसे ज्यादा महादलित एवं अल्पसंख्यक समुदाय के हैं। बच्चों को स्कूल तक पहुंचाने के लिये टोला सेवक को बहाल किया गया। साथ ही अल्पसंख्यकों के लिये तालिमी मरकज की नियुक्ति की गयी। उन्होंने कहा कि इसके फलस्वरूप अब एक प्रतिशत से भी कम बच्चे स्कूल से बाहर हैं। उन्होंने कहा कि अभी बहुत कुछ करना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के अंतिम पायदान पर रह रहे लोगों को सरकारी येाजनाओं की पूर्ण जानकारी देने के लिये विकास मित्र की नियुक्ति की गयी ताकि समाज के अंतिम पायदान पर रह रहे लोग सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें। सात निश्चय का जिक्र करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि सात निश्चय योजनान्तर्गत हम घर में नल का जल उपलब्ध करायेंगे। हर घर में शौचालय का निर्माण होगा। हर गांव में पक्की गली-नाली बनेगी।हर घर में बिजली का कनेक्शन दिया जायेगा। हर व्यक्ति पढ़े, इसके लिये सरकार द्वारा विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों का निर्माण कराया जा रहा है।इतनी संस्थायें बनायेंगे कि हमारे युवा को पढ़ने में कोई दिक्कत न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायतों तथा स्थानीय नगर निकायों में महिलाओं को पचास प्रतिशत आरक्षण दिया गया। साथ ही अनुसूचित जाति/जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग को जनसंख्या के अनुरूप आरक्षण दिया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को आगे बढ़ाने के लिये सरकार प्रयासरत है। युवा आगे पढ़ें, इसके लिये युवाओं को स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराया जायेगा। साथ ही 20 से 25 वर्ष के वैसे युवा जो आगे पढ़ना नहीं चाहते हैं एवं रोजगार तलाष रहे हैं। उनकी मदद के लिये उन्हें दो साल तक एक हजार रूपये प्रतिमाह स्वयं सहायता भता दी जायेगी। साथ ही युवाओं के कौशल विकास के लिये कुशल युवा कार्यक्रम की शुरूआत की गयी है। इसके तहत युवाओं को कम्प्यूटर का ज्ञान, व्यवहार कौशल, संवाद कौशल का प्रशिक्षण दिया जायेगा। यह सब युवाओं के भविष्य को बेहतर बनाने के लिये किया गया है। इसका परिणाम आने वाले समय में लोग देखेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में बड़ा सामाजिक परिवर्तन का कार्य हुआ है, वह है शराबबंदी।  इसका बहुत फायदा हुआ है। लोग पहले जो अपनी कमाई का ज्यादा हिस्सा शराब में गंवा देते थे, वे अब परिवार के भरण-पोषण में खर्च कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज सभी लोग प्रसन्न हैं। पहले जिन लोगों ने शराबबंदी का विरोध किया था, अब वे लोग भी इस बात का एहसास करने लगे हैं।चीन का उदाहरण देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि चीन में लोग अफीम से ग्रसित थे। इससे उबरने के बाद चीन आज कितना आगे बढ़ गया है। अपना देश भी अगर नशा से निकलेगा तो भारत का कोई मुकाबला नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि बिहार में जो काम होता है, उसे बाकी जगह अपनाते हैं। बिहार में शराबबंदी लागू हुयी है, अब शराबबंदी की मांग सभी जगह होने लगी है। चाहे उत्तर, दक्षिण, पूरब या पश्चिम हो, हर जगह इसकी आवाज उठ रही है। समाज नशा से आगे निकलता चाहता है और जरूर निकलेगा।

इस अवसर पर समारोह को संबोधित करते हुये उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि हम संत शिरोमणि गुरू रविदास जी के सीखाये हुये रास्तों पर चलने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद भी हमें पूरा अधिकार नहीं मिला है, इसके लिये हमें लड़ाई लड़ना पड़ता है। इस अवसर पर सहकारिता मंत्री आलोक कुमार मेहता, कला, संस्कृति मंत्री शिवचन्द्र राम, विधायक लाल बाबू राम, विधायक सूबेदार दास, विधायक राजेन्द्र राम, विधायक चंदन राम, पूर्व विधान पार्षद विशुनदेव राय, अध्यक्ष जिला परिषद आरा आरती देवी ने भी समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा संत शिरोमणि गुरू रविदास जी पूजा-पद्धति पुस्तक का विमोचन भी किया गया।

 

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