शराबबंदी राजनीतिक नहीं,एक सामाजिक काम है- नीतीश कुमार

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संवाददाता.दुमका . झारखंड के दुमका की जनसभा में नीतीश कुमार ने बिहार में शराबबंदी से हुए फायदे की ओर ध्यान आकृष्ट कराया. उन्होंने कहा कि शराबबंदी राजनैतिक कार्यक्रम नहीं है. यह सामाजिक काम है. इसलिए शराबबंदी को झारखंड में लागू करना चाहिए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वे जब भी शराबबंदी का बात करते हैं तो यहां के सीएम चिढ़ जाते हैं. चिढ़ते हैं, तो चिढ़ें. बिहार का नहीं तो कम से कम गुजरात का ही अनुसरण करें. बिहार में शराबबंदी पर लोगों ने कहा 5000 करोड़ के राजस्व का घाटा होगा. उन्होंने कहा इससे लोगों का दस हजार करोड़ बच रहा है. इसलिए संशोधन स्वीकार है लेकिन को पूरे दृढ़ निश्चय के साथ लागू करेंगे. लागू कर दिये. अब कोई बिहार के गांव को जाकर देखे, कैसे खुशहाली है. महिलाएं घर में सुरक्षित हैं, हर तरफ शांति है.
झारखंड भाजपा को नसीहत देते हुए नीतीश ने कहा कि झारखंड में भी शराबबंदी जरूर लागू होगी. यहां भी महिलाएं आगे आ रही हैं. सरकार को झुकना ही होगा. यदि यह सरकार शराबबंदी लागू नहीं करेगी तो कोई बात नहीं, जब बाबूलाल जी की सरकार बनेगी तो शराबबंदी लागू होगी. उन्होंने अपने भाषण के दौरान भाजपा की सरकार को नसीहत भी दी. सीएम नीतीश ने कहा कि लोगों की बात सुनिए, बेहतर है कि उनकी बात को सुनकर जो गलतियां हुई है, उसे सुधारिए, अपना रास्ता सुदृढ कीजिये. जनता की अनदेखी करेंगे तो वह दिन दूर नहीं है जब जनता आपको सबक सिखायेगी और ऐसा साधेगी कि फिर कभी उठ नहीं पायेंगे.

नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा जिस आदिवासी-मूलवासी के बल पर चुनाव जीती है, अब उसी पर चोट कर रही है. आदिवासियों को बांटने का काम सरकार कर रही है. लेकिन आदिवासी एक हैं. इन्हें धर्म के आधार पर नहीं बांट सकते.
नीतीश ने कहा कि बिहार की जनता से चुनाव में उन्होंने जो वादा किया था, वे उसे पूरा कर रहे हैं. सबसे पहले शराबबंदी की. अब अगले चार साल में गांव हो या शहर हर घर में नल का जल पहुंचाने की योजना पर काम हो रहा है. पंचायती राज विभाग के माध्यम से हर वार्ड में एक-एक यूनिट लगेगा. विकेंद्रीकृत पद्धति से नल का जल देंगे. जहां का पानी ठीक नहीं है, वहां प्यूरीफाइ करके पानी पहुंचायेंगे. इतना ही नहीं जितने चापानल, कुएं व तालाब हैं, सभी को ठीक रखेंगे. ताकि पानी का वैकल्पिक उपाय हमेशा रहे. हर घर में शौचालय, नाला निर्माण होगा. हर घर में बिजली पहुंचा देंगे. इसके लिए एक-एक वार्ड का सर्वे हो रहा है. उन्होंने कहा कि युवा जो पैसे के अभाव में पढ़ाई नहीं कर पा रहे थे. सभी लड़का-लड़की को उच्च शिक्षा के लिए चार लाख तक की सीमा तक स्टूडेंट्स क्रेडिट कार्ड दे रहे हैं. बैंकों को राज्य सरकार ने गारंटी दिया है. बिहार पहला राज्य है जिसने पंचायतीराज व प्राथमिक शिक्षा में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण दिया. अब हर सेवा में महिलाओं को 35 फीसदी आरक्षण देने जा रहे हैं.

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