बाढ और सुखाड़ पर राज्य सरकार की क्या है तैयारी ?

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संवाददाता.पटना. आपदा प्रबंधन विभाग के  मंत्री चन्द्रशेखर ने सूचना भवन के ‘संवाद’ कक्ष में पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि मौसम विभाग की पुर्वानुमान के आधार पर राज्य सरकार बाढ़ एवं सुखाड़  दोनों से निपटने की अग्रिम तैयारी कर रही है । उन्होंने बताया कि मौसम विभाग के अनुसार इस साल बिहार में 94 प्रतिशत बारिश होने की संभावना है। जिसका औसत अधिक एवं कम 8 प्रतिशत हो सकता है। दोनों सुरत अच्छी नहीं है। क्योंकि वर्षा की अधिकता के कारण बाढ़ और कमी के कारण राज्य में सुखाड़ पड़ सकता है। इसलिए इसकी पूर्व तैयारी की जा रही है।

प्रधान सचिव आपदा प्रबंधन व्यास जी ने पत्रकारों को बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा वीडियो कॉनफ्रैसिंग के जरिए सभी प्रमण्डलों एवं जिला के पदाधिकारियों के साथ अग्रिम तैयारी की समीक्षा की जाएँगी। श्री व्यास जी ने बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए हमारे पास 5395 निजी नाव 3649 सरकारी नाव, 40 एफ आर पी नाव, 332 इनफलेटबल नाव, 75 महाजाल, 5222 तम्बू, 830 जीपीएस सेट, 6781 लाइफ जाईकट, 60 आईएफएस आईएसओ एवं 44 एंबुलेंस मौजूद हैं। जबकि 363 प्रशिक्षित नाविक, 1598 प्रशिक्षित गोताखोर, 2970 मास्टर ट्रेनर, 328 त्वरित मेडिकल टीम मौजूद है साथ ही 327 इंजीनियरों को भूकंप प्रतिरोधी आवास बनाने की ट्रेनिंग दी गई है। जो आम जनता को इस संबंध में सूचित करेंगे। व्यास जी ने बताया कि 19460 स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य है। अनुसूचित वर्ग के 7150 लोगों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। दियारा का क्षेत्र सबसे अधिक बाढ़ से प्रभावित होता है। इसलिए वहाँ 2200 लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। बाढ़ और भूकंप की विनाशकारी आपदा से निपटने के लिए एनडीआरएफ एवं एस डी आर एफ की बटालियन मौजूद है।

एनडीआरएफ की 18 टीम मे 46 गोताखोर एवं 58 मोटरबोट मौजूद है। एनडीआरएफ की एक टीम को सुपौल में स्थायी निवास के लिए जमीन दी गई है। संभावित बाढ़ से बचाव के लिए दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज और पटना में एनडीआरएफ की टीम है। एस डी आर एफ की 6 टीम 6 जिलों में मौजूद है। जिनमें भागलपुर, पूर्णियां, मधुबनी, मधेपुरा, खगड़िया, सीतामढ़ी के नाम उल्लेखनीय हैं। 500 लोग कार्य कर रहे हैं। इसकी लगातार निगरानी की जा रही है। एस डी आर एफ टीम राहत एवं बचाव के अलावा आपदाओं से बचने के लिए लोगों को प्रशिक्षित कर रही है। श्री व्यास जी ने कहा कि बिहार के 28 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। जिनमें से 15 जिले सबसे अधिक प्रभावित होते हैं, 38 जिलों में 30 जिले भूकंप जोन में आते है। आपदाओं से निपटने के लिए जागरूकता से लाभ होता है। जिसका अनुभव हाल के दिनों में आग से बचाव के संबंध में दी गई जानकारी से हुआ। अगलगी की कई घटना हुई जिनमें औरंगाबाद एवं मुजफ्फरपुर में सबसे दर्दनाक घटना हुई थी। जहां क्रमशः 17 और 21 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 15 एवं 29 मवेशी जल गए राज्य में अगलगी से कुल 168 लोगों और 1151 पशुओं के मरने की सूचना सरकार को मिली है। जबकि 23026 घर और 13236 एकड़ की फसल को नुकसान हुआ है। पीड़ितों को अनुदान की राशि दी जा चुकी है। आपदाओं से बचने और निपटने के लिए सरकार ने कुछ सावधानियां लोगों को बतायी तो इसका पर्याप्त परिणाम निकला। आग की घटना में कमी आई। उन्होंने बताया कि मार्च के महीने में राज्य के कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हुआ। इसलिए किसानों को अगली बुवाई के लिए सब्सिडी दे दी गई  है। ताकि उन्हें अधिक वित्तीय बोझ न पड़े। 2015 में आए भूकंप में 57 लोगों की मौत हुई जिसमें प्रति व्यक्ति 4 लाख कुल 228 लाख रुपया मुआवजा दिया गया। राज्य सरकार का प्रयास है कि प्राकृतिक आपदाओं से राज्य एवं जनता को ज्यादा सुरक्षित रखा जा सके। इसके लिए हर संभव कदम सरकारी स्तर से उठाये जा रहे हैं।

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