ताड़ी का विकल्प क्या हो,मुख्यमंत्री का वैज्ञानिकों के साथ विमर्श

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निशिकांत सिंह.पटना.बिहार में ताड़ी पर प्रतिबंध के बाद इसके विकल्प के तौर पर नीरा उद्योग की दिशा में मुख्यमंत्री ने पहल की.तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के साथ मुख्यमंत्री ने विमर्श किया. सचिवालय के संवाद सभाकक्ष में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष वैज्ञानिकों ने नीरा से संबंधित योजना का प्रस्तुतीकरण दिया.

तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व डीन (होर्टिकलचर) डॉ0 वी0 पुन्नूस्वामी द्वारा मुख्यमंत्री के समक्ष नीरा तथा ताड़ पेड़ के उत्पादों से संबंधित विस्तृत प्रस्तुतीकरण दी गयी. प्रस्तुतीकरण में ताड़ से प्राप्त होने वाले उत्पादों के व्यावसायिकरण तथा उसके बाजार में बिक्री से संबंधित विस्तृत जानकारी दी गयी तथा इससे संबंधित हरेक बिन्दुओं पर विस्तृत रूप से चर्चा की गयी.बैठक में बताया गया कि आने वाले दिनों में तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय एवं कृषि विश्वविद्यालय सबौर( भागलपुर) के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किया जायेगा. आने वाले दिनों में तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय से तकनीक का भी हस्तांतरण किया जायेगा तथा दोनों विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक साथ मिलकर कार्य करेंगे. बैठक में नीरा से गुड़, कैंडी, हनी तथा ताड़ पेड़ से प्राप्त होने वाले अन्य उत्पादों पर विस्तृत चर्चा की गयी तथा इसमें इस उद्योग से जुड़े हुये लोगों को होने वाली आर्थिक लाभ के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गयी. मेसर्स ईको बडी एक्सपोर्ट्स तुतीकोरीन के डी0 सुबथ्रा देवी जो नीरा उद्योग से जुड़ी हुयी हैं, द्वारा अपने अनुभव तथा नीरा के उत्पाद के व्यवसाय के संबंध में विस्तृत रूप से बताया गया.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी बारीकियों को ध्यान से सुना तथा नीरा के उद्योग से संबंधित विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया. इस संदर्भ में मुख्यमंत्री द्वारा हरेक पहलू पर विस्तृत सर्वे करने का भी निर्देश दिया गया. राज्य के अंदर जितने भी ताड़ के पेड़ हैं, उनकी गणना की जानी चाहिये तथा उनसे प्राप्त होने वाले नीरा का भी आकलन कर विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश बैठक में दिया गया. आने वाले समय में नीरा तथा ताड़ पेड़ से प्राप्त होने वाले उत्पादों से संबंधित उद्योग का विकास किया जायेगा. इसके लिये विस्तृत योजना बनाने तथा लेगों को इससे जोड़ने की योजना एवं जीविका के स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से भी लेगों को इससे जोड़ने की योजना बनाने का निर्देश दिया गया.

उक्त बैठक में उद्योग मंत्री जयकुमार सिंह, मुख्य सचिव  अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, कृषि उत्पादन आयुक्त  विजय प्रकाश, प्रधान सचिव उद्योग डॉ0 एस0 सिद्धार्थ, प्रधान सचिव वित रवि मितल, प्रधान सचिव वन एवं पर्यावरण विवेक कुमार सिंह, प्रधान सचिव सहकारिता अमृत लाल मीणा, प्रधान सचिव निबंधन, उत्पाद एवं मद्य निषेध के0के0 पाठक, प्रधान सचिव पशु एवं मत्स्य संसाधन एन0 विजयलक्ष्मी, सचिव ग्रामीण विकास अरविन्द चौधरी, सचिव कृषि नर्मदेश्वर लाल, मुख्यमंत्री के सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चन्द्रा, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, कुलपति बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर सहित तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय से आये पूर्व डीन (होर्टिकलचर) डॉ0 वी0 पुन्नूस्वामी, डायरेक्टर डी0ए0वी0डी0 टी0एन0ए0यू0 कोयंबटूर डॉ0 मुरूगेशन, सहायक प्रोफेसर (होर्टिकलचर) टी0एन0ए0यू0 डॉ0 टी0 प्रभु तथा कृषि व्यावसायी मेसर्स ईको बडी एक्सपोर्ट्स तुतीकोरीन की डी0 सुबथ्रा देवी सहित अन्य उपस्थित थे।  बैठक से पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ताड़ पेड़ के उत्पादों से संबंधित लगी प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया.

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