विशेष पैकेज क्रियान्वयन हेतु गठित विस समिति को मोदी ने असंवैधानिक बताया

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निशिकांत सिंह.पटना.पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बिहार को मिलने वाले विशेष पैकेज के क्रियान्वयन के अनुश्रवण के लिए बिहार विधान सभा के अध्यक्ष द्वारा गठित विशेष समिति  को असंवैधानिक व अवैधानिक बताया है.
जनता दरबार के बाद प्रेस वार्ता में मोदी ने कहा कि विशेष पैकेज के क्रियान्वयन का अनुश्रवण करना विधान सभा के अधिकार क्षेत्र के बाहर है.ऐसे में इस तरह की किसी समिति के गठन के औचित्य पर ही सवाल उठता है.उन्होंने कहा कि  संविधान की धारा 246 के 7 वें अनुच्छेद में केन्द्र व राज्यों के अधिकार क्षेत्र को स्पष्ट किया गया है. अनेक ऐसे क्षेत्र हैं जो केन्द्रके अधीन है और उनमें राज्य सरकारों का कोई हस्तक्षेप नहीं हो सकता है.
राज्य विधान सभा में रेलवे, एविएशन, रक्षा, विदेश आदि से संबंधित जब सवाल तक नहीं पूछे जाते हैं तो फिर इन विषयों का अनुश्रवण विधान सभा की कोई समिति कैसे कर सकती है?
बिहार के लिए घोषित विशेष पैकेज की समीक्षा प्रधानमंत्री कार्यालय कीओर से एक-एक बिन्दु पर नियमित की जाती है और केन्द्र सरकार पैकेज केक्रियान्वयन को लेकर सजग, तत्पर है।
सुशील मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अगर कोई अनुश्रवण समिति ही बनानी है तोउन्हें पहले उन सात निश्चयों के क्रियान्वयन के लिए समिति गठित करनीचाहिए जिसे लागू करने का वायदा उन्होंने विगत विधान सभा चुनाव में किया था.सात निश्चयों से जुड़े कार्यक्रमों को राज्य योजना से पूरा किया जानाहै और यह मुख्यमंत्री और विधान सभा के अधिकार क्षेत्र में भी है. राज्य, प्रमंडल और जिला स्तर पर विकास योजनाओं की होने वाली समीक्षा बैठक में तो मुख्यमंत्री विपक्ष के नेता और विधायकों को बुलाने से परहेज करते हैं मगर राजनीति के लिए केन्द्र की ओर से घोषित विशेष पैकेज के क्रियान्वयन के अनुश्रवण के लिए विशेष समिति गठित करते हैं.
उन्होंने कहा कि भाजपा बिहार विधान सभा की ओर से गठित इस विशेष समिति को असंवैधानिक,अवैधानिक और अधिकार क्षेत्र से बाहर का मानती है, इसलिए भाजपा ने न केवल इसकी बैठक का बहिष्कार किया बल्कि विधान सभा अध्यक्ष को पत्र लिख कर समिति मेंशामिल किए गए भाजपा के दोनों सदस्य, विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष, प्रेम कुमार और विधायक राम नारायण मंडल अपना इस्तीफा भी देंगे. भाजपा का स्पष्ट मानना है कि राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस तरह कीसमिति विधान सभा की ओर से बनाई गई है. जब मुख्यविपक्षी दल ही इस समिति में नहीं रहेगा तो इसका कोई औचित्यनहीं रह जायेगा.

 

 

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