भारत माता की जय बोलने वाले युवकों को कन्हैया समर्थकों ने पीटा

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निशिकांत सिंह.पटना. कन्हैया समर्थकों की पुलिस के सामने गुंडागर्दी. भारत माता की जय बोलने वालों को कन्हैया समर्थकों ने पीटा. जेएनयू प्रकरण के बाद पहली बार पटना पहुंचे जेएनयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार को काला झंडा दिखाया गया. एआईएसफ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उस समय अफरा तफरी का माहौल हो गया जब कन्हैया कुमार भाषण कर  रहें थे और कुछ युवकों ने भाषण के दौरान ही काला झंडा दिखाया. काला झंडा दिखाए जाने के बाद एआईएसएफ कार्यकर्ताओं ने जमकर पिटाई कर दी. उसके बाद कुछ क्षण के लिए अफरा तफरी का माहौल छा गया. जेएनयूएसयु प्रेसिडेंट कन्हैया कुमार के कार्यक्रम में जमकर मारपीट हुई है. कन्हैया का ये कार्यक्रम पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में चल रहा था. इसी दौरान दो नौजवानों ने भारत माता की जय का नारा लगाया और कन्हैया को काला झंडा दिखाना शुरू कर दिया.

हॉल में पहले से ही सीपीआई के जनसेवा दल और कन्हैया समर्थक लाठी डंडों से लैस थे. इन सभी ने कानून को हाथ में लेकर दोनों युवकों की पिटाई शुरू कर दी. ये सबकुछ पुलिस के सामने हुआ, किसी तरह से पुलिस उन दोनों युवकों को कन्हैया समर्थकों से बचाकर गांधी मैदान थाने ले गई .

इस घटना पर कन्हैया ने कहा कि युवकों को दिखाना ही था तो तिरंगा दिखाते. वे काला झंडा दिखा रहे थे, लेकिन मुझे भगवा दिखाई दे रहा था. मुझे कलर ब्लाइंडनेस है. कन्हैया ने कहा कि कोई काले झंडे दिखाए, ‘बाएं’ या ‘दाएं’ पैर का जूता फेंके, उनपर कोई फर्क नहीं पड़ता.

अपने भाषण को कन्हैया कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ही केंद्रित रखा. कन्हैया ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री वो है तो जिम्मेदारी तो उन्ही को लेनी होगी. सबको समान शिक्षा का अधिकार देना होगा. औऱ छात्रों के राय के अनुसार ही शिक्षा देनी होगी. साथ ही कन्हैया ने कहा कि टाटा बिड़ला, अडानी, अंबानी, को जो कर्ज दिए हुए है वो वापस ले लिजिए देश में खुशहाली आ जाएगी. माल्या जैसे करीब सौ से उपर लोगों को कर्ज देकर देश को गरीब बनाए हुए है. किसान आत्महत्या करने पर मजबूर है.

कन्हैया ने सवाल उठाया कि आखिर क्या कारण है किसान के बेटा किसान नहीं बनना चाहता. आईएएस के बेटा आईएएस बनता है लेकिन किसान का बेटा किसान नहीं बन पाता क्योंकि वो तो और गरीब हो जाता है. किसानों के पास जमीन का बंटवारा हो जाता है और ओ गरीब रह जाता है.

सभा को एआईएसएफ के विश्वजीत एवं कन्हैया के रिसर्च सुपरवाईजर एसएन मालाकार, एवं प्रो, शिवशंकर शर्मा ने भी संबोधित किया.

 

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