हंगामेदार होगा बिहार विधानमंडल का बजट सत्र

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 निशिकांत सिंह.पटना. विगत विधानसभा चुनाव के बाद से जिस प्रकार एनडीए नीतीश सरकार को लगातार कटघरे में खड़ा कर रहा है इससे साफ है कि 25 फरवरी से शुरु हो रहे बिहार विधानमंडल का बजट सत्र हंगामेदार होगा. राज्य में अभी अभी हुई भाजपा के दो नेताओं की हत्या और उससे पहले चले हत्याओं के दौर पर मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी आक्रामक रूख अख्तियार करेगी.इसके अलावे किसानों की धान की खरीद के मामले से लेकर अन्य कई ऐसे मामले हैं जिसे लेकर सरकार को घेरने का प्रयास करेगी.

राज्य के राजधानी पटना सहित सुदुरवर्ती जिलों में रंगदारी के मामले. दरभंगा में काम करने वाली कंपनी के इंजीनीयर की हत्या , भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष विशेश्वर ओझा की हत्या का मामला, लोजपा नेता  बृजनाथी सिंह की हत्या का मामला , दवा खरीद में घोटाले के मामले पर विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी , लोक जनशक्ति पार्टी, लोकतांत्रिक समता पार्टी, व हिन्दुस्तान अवामी मोर्चा द्वारा सदन नहीं चलने देने की रणनीति बनाई जा सकती है.

विधाययको द्वारा अभी हाल में महिलाओं से की गई छेड़खानी तथा राजद विधायक द्वारा नाबालिक के साथ बलात्कार के मामले पर भी सदन का माहौल गरमा सकता है. पूर्णिया में जदयू सांसद द्वारा पूर्व मंत्री बीमा भारती के पति को थाने से भगाने के मामला पर भी विपक्ष सरकार को कटघरे में खड़ा करेगी.

इसके अलावे पंचायत चुनावों में अति पिछड़ों एवं दलितों के आरक्षण का मुद्दा पर विपक्ष इस बार हंगामा खड़ा करेगी क्योंकि पंचायत चुनाव का अधिसूचना जारी होने वाली है. विपक्ष इसपर संशोधन चाहती है. मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी व एनडीए द्वारा अस्पतालों में दवाओं का घोर अभाव पर भी सरकार को घेरने का प्रयास किया जाएगा.

राज्य में कपड़ा, गृह निर्माण सामग्री, खाने-पीने की चीजें जैसे रोजमर्रा की वस्तुओं पर टैक्स वृद्धि मामला पर भी राज्य विधानमंडल में हंगामे का असार है. गांधी सेतु की जर्जर स्थिति के कारण उत्तर बिहार से पटना आने-जाने वाले लोगों को घंटों जाम,  दीघा सोनपुर रेल सह सड़क पुल के चालू होने में हो रही देरी पर भी विपक्ष सरकार को घेरेगी.  भारतीय जनता पार्टी राज्य सरकार द्वारा राजनीतिज्ञों पर से मुकदमें को वापस लेने खासकर राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद पर से बिहार बंद के दौरान माननीय पटना उच्चन्यायालय के संज्ञान के आलोक में उन पर और उनके समर्थकों पर दर्ज मुकदमों को सरकार द्वारा वापस के मामले पर भी सरकार को घेरेगी.

राज्य की सरकार ने बिहार में पूर्ण शराबबंदी का निश्चय को लेकर भी  किया था लेकिन बाद में मुख्यमंत्री द्वारा देशी शराब को बंद करने की घोषणा और विदेशी शराब को चालू रखने की घोषणा पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगी.

 

पिछले कई महीनों से राज्य के शिक्षकों का वेतन बकाया है. इस मामले पर भी सरकार को घेरगी. सरकार के सात निश्चय में नल से जल पिलाने की घोषणा की गई है और घोषणा के साथ ही चापाकल योजना को पूर्णतः बंद कर दिया गया हैइस मामले पर सरकार को कटघड़े में खड़ा करेगी. कुल मिलाकर बजट सत्र हंगामेदार होने का पूर्णतः असार है.

 

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