सुधीर मधुकर, पटना।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एआईआईएमएस) पटना के ट्रॉमा सर्जरी एवं क्रिटिकल केयर विभाग द्वारा विश्व ट्रॉमा दिवस (14–17 अक्टूबर 2025) के उपलक्ष्य में चार दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ट्रॉमा सेवाओं, प्रशिक्षण तथा सामुदायिक सुरक्षा को और बेहतर बनाना है।
हैंड्स-ऑन कार्यशाला से हुई शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत 14 अक्टूबर को पॉइंट-ऑफ-केयर अल्ट्रासाउंड पर एक गहन हैंड्स-ऑन कार्यशाला के साथ हुई। इसमें देशभर से आए 200 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
इस सत्र के दौरान प्रतिभागियों को ट्रॉमा एवं गंभीर रोगियों के लिए अल्ट्रासाउंड की मूलभूत जानकारी दी गई। साथ ही, मैनिकिन पर लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के अभ्यास, पशु ऊतक पर टांका लगाने का प्रशिक्षण तथा विशेषज्ञ पर्यवेक्षण में व्यावहारिक सत्र आयोजित किए गए।
औपचारिक उद्घाटन और प्रमुख वक्तव्य
कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन आज एआईआईएमएस पटना के कार्यकारी निदेशक प्रो. (ब्रिग.) डॉ. राजू अग्रवाल द्वारा किया गया।
इस अवसर पर संस्थान के वरिष्ठ पदाधिकारी — प्रो. (डॉ.) पुनम प्रसाद भदानी (डीन, अकादमिक), प्रो. (डॉ.) रुचि सिन्हा (डीन, छात्र कल्याण), प्रो. (डॉ.) अनुप कुमार (मेडिकल सुपरिंटेंडेंट) तथा प्रो. (डॉ.) अनिल कुमार (प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, ट्रॉमा सर्जरी एवं क्रिटिकल केयर) भी उपस्थित रहे। उन्होंने ट्रॉमा टीम को शुभकामनाएँ दीं।
उद्घाटन सत्र के दौरान प्रो. (ब्रिग.) डॉ. राजू अग्रवाल ने कहा,
“हम ट्रॉमा केयर को सशक्त करने के लिए सभी आवश्यक पहल करेंगे, ताकि देश का प्रत्येक नागरिक समय पर उच्च गुणवत्ता वाली सेवाओं का लाभ उठा सके।”
विभाग की उपलब्धियाँ और विस्तार की योजनाएँ
इस मौके पर प्रो. (डॉ.) अनिल कुमार ने अगस्त 2012 से अब तक विभाग की यात्रा का विस्तृत अवलोकन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि विभाग में ट्रॉमा सर्जरी एवं क्रिटिकल केयर में दो अलग-अलग एम.च. कोर्स सफलतापूर्वक प्रारंभ किए जा चुके हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि मृत्यु दर और रोगजन्यता को कम करने के लिए प्री-हॉस्पिटल केयर (अस्पताल पूर्व देखभाल) और ट्रॉमा सेवाओं का विस्तार अत्यंत आवश्यक है।
शैक्षणिक सत्र और विशेषज्ञों का योगदान
कार्यक्रम के शैक्षणिक सत्र में देशभर के विभिन्न संस्थानों से आए विशेषज्ञों और संकाय सदस्यों सहित 400 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
इस सीएमई कॉल सत्र में विशेषज्ञों ने ट्रॉमा केयर के क्षेत्र में अपने अनुभव और सर्वोत्तम पद्धतियाँ साझा कीं, जिससे एआईआईएमएस पटना की ट्रॉमा टीम की दक्षता और भी सुदृढ़ हो सके।
विभाग के संकाय सदस्य — डॉ. अनुराग कुमार, डॉ. माजिद अनवर, डॉ. रेखा कुमारी, डॉ. संजय कुमार और डॉ. साकेत प्रकाश — ने सक्रिय रूप से भाग लेकर प्रतिभागियों से संवाद स्थापित किया। उन्होंने क्लीनिकल प्रोटोकॉल, प्रणाली सुदृढ़ीकरण, केयरगिवर समर्थन और देशभर में ट्रॉमा केयर नेटवर्क के विस्तार पर विचार साझा किए।
जन-जागरूकता गतिविधियाँ
कार्यक्रम के जन-जागरूकता घटक के तहत तीसरे दिन नुक्कड़ नाटक और पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। इसका उद्देश्य दुर्घटनाओं की रोकथाम और प्राथमिक सहायता के महत्व पर समाज में जागरूकता फैलाना है।
अंत में, 17 अक्टूबर 2025 को कार्यक्रम का समापन हेलमेट वितरण एवं वॉक-ए-थॉन के माध्यम से किया जाएगा। इन गतिविधियों का उद्देश्य सड़क सुरक्षा और दुर्घटना रोकथाम के प्रति जन-जागरूकता को और मजबूत करना है।