फिल्म इंडस्ट्रीज में बिहार का डंका बजा रहे प्रभात चौधरी

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संवाददाता.पटना.बिहार और बिहारी का डंका हर जगह बजता है, जिससे बॉलीवुड भी अछूता नहीं रहा है। चाहे शत्रुघ्‍न सिन्‍हा हो, सुशांत सिंह राजपूत, मनोज वाजपेयी आदि हो। मगर इसके अलावा एक और शख्‍स है जो इंटरटेंमेंट की दुनियां में बेहद प्रभावी और कामयाब है। वो ना तो एक्‍टर है, ना प्रोड्यूसर है और न ही डायरेक्‍टर है। वह इंटरटेंमेंट मार्केटिंग और ब्रांडिंग का सबसे बड़ा नाम है, जिसे बॉलीवुड का चाणक्‍य भी कहा जाता है। हम बात कर रहे हैं – स्पाइस पीआर और एंट्रपी डिजिटल के संस्थापक प्रभात चौधरी की।

बॉलीवुड के दिग्‍गज ह्रितिक रोशन, आमिर खान, शाहरुख़ खान, दीपिका पदकोने, श्रद्धा कपूर, प्रभास, टाइगर श्रॉफ़, सारा अली खान जैसे नाम प्रभात के पर्सनल क्‍लाइंटस हैं, जो अपनी ब्रांडिंग और छवि बनाने के लिए पूरी तरह प्रभात पर निर्भर करते हैं। बॉलीवुड में मार्केटिंग और ब्राण्ड बिल्डिंग शायद सबसे महत्वपूर्ण काम हैं। हर कोई आज अच्छी मार्केटिंग और ब्रांडिंग  चाहता है। सोशल मीडिया के जमाने में कोई एक्टर मार्केटिंग के गेम में पीछे नहीं होना चाहता। प्रभात चौधरी इस गेम के धुरंधर माने जाते हैं। हर बड़ा और छोटा स्टार उनके साथ काम करने के लिए इच्छुक रहता हैं।

प्रभात ने भारत को सबसे बड़ी फ़िल्म बाहुबली को राष्ट्रीय स्तर पर मार्केटिंग की। ‘आख़िर कट्टप्पा ने बाहुबली को क्यूँ मारा’ के कैम्पेन का श्रेय उन्हें ही दिया जाता है। स्पाइस पीआर और एंट्रपी डिजिटल इंटरटेंमेंट, दुनिया को सबसे बड़ी मार्केटिंग कम्पनीज़ हैं। हर दूसरी बड़ी फ़िल्म पर  स्पाइस का नाम दिखता है। आपको बता दें कि प्रभात चौधरी पटना में बड़े हुए और मूलतः दरभंगा के पंचोभ गाँव से है। उनकी प्राथमिक शिक्षा  सेंट माइकल स्कूल से हुई और फिर उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से  ग्रैजूएशन किया।

आज सोलह साल से वो स्पाइस चला रहे हैं और अपने फ़ील्ड मैं उनके जैसा नाम कोई भी नहीं है। उन्होंने शिक्षा सिर्फ़ ग्रैजूएशन तक की है, लेकिन IIM बैंगलोर के जर्नलिज्‍म में प्रभात एक बतौर केस स्टडी के रूप में क्‍लास लेते हैं। गूगल बताता है कि वे अभी भारत के टॉप ब्रांड स्ट्रैटेजिस्ट हैं। 40 वर्षीय प्रभात मुंबई के मशहूर पाली हिल पर रहते हैं और बॉलीवुड में रहते हुए भी अपने आपको चकाचौंध से दूर रखते है। इंडस्ट्री  चाहे वो बॉलीवुड के स्टार्स हो या साउथ के सबको अपनी छवि और रणनीति के लिए प्रभात ही चाहिए।

कई ब्‍लॉकबस्‍टर फिल्‍मों की मार्केटिंग और प्रचार का काम स्पाइस ही मैनिज करती है। बाहुबली, दंगल, उरी, गली बोय, छिछोरे ये सभी फ़िल्में में प्रभात का योगदान है। प्रभात का पर्सनल टाइम बड़े बड़े स्टार्स चाहते है और उन्हें संकटमोचन की तरह देखा जाता है। चाहे जब संजय दत्त जेल से निकले, या ह्रितिक कंगना का झगड़ा हो, दीपिका पदकोने की शादी हो या सारा अली खान का बालीवुड लांच हो, प्रभात चौधरी की फ़ुट्प्रिंट आप को इन सब में दिखाई और सुनाई देगी। गूगल पर भारत का सबसे बड़ा स्ट्रैटेजिस्ट कौन सर्च करने पर अमूमन दो नाम आते हैं,  प्रशांत किशोर और प्रभात चौधरी।  दोनो नाम बिहारी हैं।

अपने काम को लेकर प्रभात चौधरी कहते हैं कि हमारी दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण है मानसिक अनुशासन और ज़्यादा जानने कीं  जिज्ञासा। बदलते दुनिया की नयी सच्चाइयों से अप्डेटेड रहना होता है और इसलिए ज़रूरी है कि मैं अंदर रह के भी हमेशा एक आउट्साइडर बना रहूँ। डिजिटल समाज एक नया समाज होगा और उस समाज की रूपरेखा और उसके व्यवहार को समझना हमारी प्राथमिकता है। सोशल मीडिया अच्छी है लेकिन उसका एक डार्क साइड भी है। हमें अच्छाईयो को अपनाना है।

 

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