‘इंडिया’ गठबंधन में मेरे कहने पर कोई काम नहीं हो रहा था- नीतीश कुमार

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INDIA

संवाददाता.पटना. ‘इंडिया’ गठबंधन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम तो नाम भी कुछ दूसरा कह रहे थे लेकिन मेरी बात नहीं मानी गई। गठबंधन में मेरे कहने पर कोई काम नहीं हो रहा था। आपलोगों को उसकी हालत पता ही है। आज तक उस गठबंधन में सीटों को लेकर फैसला नहीं हो पाया। कौन कहां से चुनाव लड़ेगा इन सब पर कोई चर्चा नहीं। तब हमने गठबंधन छोड़ने का फैसला लिया। जिनके साथ हम पहले थे अब फिर से वहां आ गए हैं। अब सब दिन हम इधर ही रहेंगे। हम केवल विकास के काम में लगे रहते हैं और आगे भी लगे रहेंगे।
पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग पूरे बिहार के विकास के लिए रात-दिन काम कर रहे हैं। बिहार में सरकार में आने के बाद वर्ष 2007 से ही हम आपदा प्रबंधन को लेकर काम कर रहे हैं। पहले आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में कुछ नहीं होता था। श्रद्धेय अटल जी के समय में जब हम केंद्र में कृषि मंत्री थे तब इसका अलग विभाग बना। मेरे कहने पर ही सरदार पटेल भवन में आपदा के कार्यों के लिए अलग से सबकुछ बनाया गया है।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर ई०डी० का शिकंजा कसने के पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनपर चार्जेज तो बहुत दिन पहले से है, इसपर जांच स्वाभाविक है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के कहने पर जाति आधारित गणना करवाई, इसपर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सब फालतू की बात है। हमने 9 पार्टियों की सामूहिक बैठक में यह निर्णय लिया था। वर्ष 2019 और वर्ष 2020 में हमने बिहार विधानसभा और बिहार विधान परिषद् में भी जाति आधारित गणना की बात कही थी। इसके बाद वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से मिलने गए थे। बाद में अपने स्तर पर हमने इसे करवाया। यह सबकुछ मेरा किया हुआ है, बेकार में इसका क्रेडिट कोई ले रहा है।
हमने बहाली का काम भी किया है। यह सब सात निश्चय 2 में हुआ है। पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव कह रहे हैं कि हमारे 17 महीने की सरकार उनके 17 साल की सरकार पर भारी है, इसपर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सब बेकार की बातें हैं। पहले कितने लोगों को रोजगार मिलता था ? पहले पढ़ाई का स्तर क्या था ? वर्ष 2005 से पहले के हालात को आपलोग भूल गए, इनलोगों का राज जब था तो क्या होता था, शाम के वक्त घर से कोई निकलता था ? पहले यहां कोई विकास कार्य नहीं होता था जब हम आए तभी अच्छे और बड़े भवनों का निर्माण कार्य शुरू करवाया। लोगों को इलाज के लिए सारी व्यवस्थाएं की गईं। अच्छी सड़कों और पुल-पुलियों का निर्माण कार्य शुरू हुआ। जब हम सांसद थे और केंद्र में मंत्री थे तब 12-12 घंटे अपने इलाके में घूमते थे लेकिन सड़कें खराब रहने के कारण पैदल चलना पड़ता था लेकिन अब यह स्थिति नहीं है। अब लोग गाड़ियों पर बैठकर सुविधापूर्वक आवागमन कर रहे हैं। हमलोगों ने गांवों में पक्की गली और नाली का निर्माण करवाया। सब काम मेरा करवाया हुआ है। कुछ लोगों को केवल पब्लिसिटी चाहिए। पहले कहीं कोई बहाली होती थी।

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