केला और नारियल ही क्यों चढ़ाया जाता है भगवान को

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इशान दत्त.
             भगवान को सिर्फ केला और नारियल ही क्यों चढ़ाया जाता है?अन्य फलों की तुलना में नारियल और केला ही दो ऐसे फल हैं जिन्हें “पवित्र फल” माना जाता है।
तर्क यह है कि अन्य सभी फल दागी फल (आंशिक रूप से खाए गए फल) हैं।माना जाता है कि केला व नारियल के बचे हुए हिस्से को फेंकने से इसके पेड़ नहीं उगते। साथ ही, यह बर्ड ड्रॉप से भी अंकुरित नहीं होता है। अगर आप एक केला खाकर उसका छिलका फेंक दें तो उसमें से कुछ भी नहीं निकलेगा। केले के पेड़ को उसके बीज लगाकर या केले के प्रकंद लगाकर ही उगाया जा सकता है। इसी प्रकार नारियल के साथ भी, यदि आप नारियल खाते हैं और उसका बाहरी आवरण फेंकते हैं, तो उसमें से कुछ भी नहीं निकलेगा। यदि आप एक नारियल का पेड़ उगाना चाहते हैं, तो आपको पूरे नारियल को भूसी के साथ बोना होगा।
दूसरी ओर अन्य फलों के खाए हिस्से को फेकने या बर्ड ड्रॉप से भी उसके पौधे उग आते हैं।इसलिए इन फलों को शुद्ध या पवित्र नहीं माना जाता है।दूसरी ओर केला व नारियल को पवित्र फल माना गया है और भगवान के भोग के लिए सबसे उचित माना गया है।

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