मेरी कोशिश हमेशा अच्छे प्रोजेक्ट करने की होती है -आलोक नाथ

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राजू बोहरा.
मशहूर चरित्र अभिनेता आलोक नाथ का नाम दर्शकों के लिए किसी खास परिचय का मोहताज नहीं है. बड़े पर्दे की फिल्मो और छोटे पर्दे के धारावाहिको में सम्मान रूप से लोकप्रिय बाबूजी के नाम से नाम से प्रसिद्ध आलोक नाथ यूं तो अब तक ढेर सारी बड़ी फिल्मों और धारावाहिको में अपनी अदाकारी का लोहा मनवा चुके है लेकिन उन्हें आज भी राजश्री प्रोडक्शन की लोकप्रिय पारिवारिक फिल्मो मैंने प्यार किया, हम आपके है कौन,  हम साथ साथ है और विवाह जैसे में निभाई पिता की यादगार भूमिका के लिए अधिक जाने जाते है.

इन फिल्मो में उनके द्वारा निभायी पिता की भूमिका इतनी मशहूर हुई कि लोग उन्हें बाबूजी के नाम से जानने लगे. गौरतलब है कि पिछले ही दिनों आलोक नाथ पर फादर्स डे पर एक विशेष साहित्यक वीडियो एलबम बाबूजी नाम आया जिसे लोगो ने काफी पसंद  भी किया. उसी साहित्यक वीडियो एलबम बाबूजी को लेकर हमने आलोक नाथ से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि बाबूजी गीत पिता  और पुत्र के भावनात्मक रिश्तों पर आधारित है जो बहुत ही शानदार बना है.
रवि पिक्चर्स के बैनर तले बने इस एलबम का निर्माण रवि यादव और मयूर पोपट ने किया है और गीत लिखा है रवि यादव ने, इस गीत को गाया है देश गौरव ने और संगीत दिया हैं विक्रांत माथुर ने. हमने जब आलोक नाथ जी से पूछा कि इस गीत में खास क्या है तो उन्होंने भावुक होकर कहा कि मैं जगत बाबू जी हूँ लेकिन बाबू जी पर इतना मार्मिक गीत मैंने पहली बार सुना है और इसलिए तुरंत इसे करने के लिये हामी भर दी. ये एक ऐसा गीत है जी हर इंसान की आँखें नम कर देता है और अपने अपने पिता से जुड़ीं अनगिनत यादें दर्शकों की आँखों के आगे उभर आती है. उन्होंने इस वीडीयो के निर्देशक मयूर पोपट के बारे में कहा कि क्योंकि वो विज्ञापन की दुनिया के उभरते हुए निर्देशक है सो उन्होंने बड़ी ही खूबसूरती से इसे शूट किया है और पिता-पुत्र के रिश्ते की बारीकियों को बड़े ही अच्छे से स्क्रीन पर उतारा है.
इसकी एक एक लाईन सीधा दिल को छूती है और आपको वो अपना सा एहसास लगता है जिसे रवि यादव ने कागज पर उतरा है और विक्रांत के संगीत ने शब्दों के साथ पूरा न्याय किया है. ये गीत रवि यादव के काव्य संकलन “बूढ़ी धूप” की एक नज्म पर आधारित है रवि यादव मूलतः गाजियाबाद के रहने वाले हैं और मुंबई में बतौर अभिनेता निर्माता काम कर रहे हैं साथ ही साथ साहित्य में उनकी गहरी रूचि है. उनकी अभी तक कविताओं और कहानियों की कई किताबे प्रकाशित हो चुकी है.
अपने अभिनय कैरियर से आप कितने संतुष्ट है ? पूछने पर बाबूजी आलोक नाथ ने कहा की में अपने अभिनय कैरियर से पुरी तरह संतुष्ट हूँ क्योकि मुझे अपने कैरियर में बहुत काम किया वो भी बड़ी बड़ी फिल्मो और सीरियल में. ईश्वर की कृपा से आज भी मेरे पास काम की कमी नहीं है अभी भी मेरे पास अच्छा खास काम रहता है मगर मेरी कोशिश हमेशा अच्छे प्रोजेक्ट करने की होती है जिसमे कुछ  करने को मिले. वैसे अब समय काफी बदल चुका है.  नए कलाकार और नए निर्माता-निर्देशक व राइटर काफी प्रोफेशनल तरीके से काम कर रहे है.  हमे तो अब वैसे भी हर तरह के लोगो के साथ काम करने की आदत पड़ गई है.

 

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