भागवत कथा का तीसरा दिन

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संवाददाता.पटना.बुधवार को भागवत कथा के तीसरे दिन बाबा भीखमदास ठाकुरबाडी मे बृजवासी विप्लव कैशिक ने भागवत कथा मे सुनाया कि सूत जी ने नैमिशारनय की पवित्र भूमि मे शैनकादि 88 हजार ऋषियो को आत्मा और परमात्मा के बीच कैसे मिलन हो तथा जीवात्मा की रूचि श्रीमदभागवत कथा दपण हितोपदेश मे कैसे लगे  बताया।

कपिल देवहूती प्रसगं को लेकर विषयो पर कैसे विजय करे, इन्द्रिया को कैसे वश मे करे । इन सब पर विजय करने के लिए भजन एवं सतसगं ही एकमात्र सरल रासता है ।

आज गंगा दशहरा पर श्रीमदभगवद् का विशेष स्मरण किया गया  ॥ दुख में भी भगवान की कृपा समझे॥

जब भगवान किसी पर कृपा करते है, तब उसके ऐश्वर्य का विनाश कर देते हैं अर्थात वह जीव माया से छूट जाए ।जितनी भी इस प्रकार की लीलाएँ होती है, वह सब भगवान की कृपा से ही होती है, जब तक मनुष्य के जीवन सफलता होती है, तब तक बुद्धि का अभिमान करता रहता है इस कारण वो भगवान तथा धर्म दोनों से ही विमुख हो जाता है । जीवन मे यदि दुःख आए, तकलीफें आये तो समझना भगवान की ही कृपा है, वे समीप है, उन्हें आपसे प्रेम है।

 

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