मंथन

खामोश रहे भाजपा के बिंदास शत्रु

 (-मुकेश महान).....   भाजपा के ‘शत्रु’ मतलब शत्रुघ्न सिन्हा कहां रहे पूरे चुनाव भर. नेताओं का राजनीतिक उत्सव चुनाव वो भी  गृह प्रदेश में और ऊपर...

लालू काल:घोटालेबाज को कैसे फंसाया..डराया..फिर बचाया

प्रमोद दत्त.              पटना.लालू-काल का एक और किस्सा।100 करोड़ का वन घोटाला। तब झारखंड बिहार का हिस्सा था।मामला 1995 का...

तेजस्वी-पप्पू आमने-सामने:निगाहें कहीं तो निशाना कहीं और

प्रमोद दत्त. पटना.राजद नेता तेजस्वी यादव और कांग्रेस के बागी उम्मीदवार पप्पू यादव आमने-सामने हो गए हैं.दोनों एक-दूसरे पर प्रहार कर रहे हैं.दोनों के बयान...

टूलकिट का टुच्चापन व पेंडेमिक में ‘गिद्ध-राजनीति’

राकेश प्रवीर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि धूमिल करने के लिए ' मोदी वैरिएंट' जैसे शब्दों के उपयोग के साथ देश के इमेज को ध्वस्त...

चुनाव में प्रलोभन ही क्यों-प्लान क्यों नहीं ?

प्रमोद दत्त. पटना. बिहार विभाजन (झारखंड गठन) के बाद बिहार को नए सिरे से सवांरने की जिस प्लानिंग की जरूरत थी वह प्लान किसी राजनीतिक...

जाने…राजद ने कैसे घेरना शुरू किया नीतीश कुमार को?

प्रमोद दत्त. पटना.नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार एक माह भी नहीं हुए कि राजद ने नीतीश कुमार को घेरना शुरू कर दिया...

लालू काल:दल पर कब्जे की होड़ और विवाद

प्रमोद दत्त. पटना.जनता की अदालत को सबसे बड़ी अदालत कहने वाले लालू प्रसाद जनता दल पर कब्जे के प्रयास से लेकर राष्ट्रीय जनता दल के...

स्वच्छता संस्कार है,पुरस्कार भी

डॉ नीतू नवगीत. स्वच्छता जिंदगी जीने का एक विशिष्ट नजरिया है । राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था यदि स्वच्छता और स्वतंत्रता में से एक...

एक बार फिर बिहार में लालू बनाम नीतीश

प्रमोद दत्त. समाजवादियों के टूटने-जुड़ने की एक और पटकथा बिहार में लिखी गई.17 वर्षों तक एनडीए में रहनेवाले नीतीश कुमार,लालू प्रसाद के साथ तीन वर्षों...

किसानों के आंसुओं की कीमत

डॉ नीतू नवगीत. चंपारण के किसानों के आंसू पोछने के लिए सौ साल पहले मोहनदास करमचंद गांधी चंपारण आए थे । किसान तब बेहाल थे...