चादर और फादर की संस्कृति के विरुद्ध नारी शक्ति का शंखनाद-विहिप

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नई दिल्ली.देश में बढ़ते जिहादियों व ईसाई मिशनरियों द्वारा किए जा रहे लव जिहाद व धर्मांतरण पर विराम लगाने हेतु नारी शक्ति ने एकजुट होकर शंखनाद किया।इस मौके पर विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि चादर और फादर की संस्कृति के विरुद्ध नारी शक्ति का यह शंखनाद।
उन्होंने कहा कि हिंदू समाज को संस्कारवान, सुरक्षित व शक्तिशाली बनाने में नारी-शक्ति सदैव अग्रणी रही है किंतु, दुर्भाग्य से गत कुछ वर्षों में वह जगह जगह लवजिहाद व धर्मान्तरण के शिकंजे में फंस चादर और फादर की संस्कृति का शिकार हुई है। आज सैंकड़ों की संख्या में उपस्थित नारी-शक्ति का यह विराट रूप उस कुसंस्कृति का अंत करने में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
पश्चिमी दिल्ली के रोहिणी सेक्टर 11 स्थित देव भूमि में आयोजित ‘अमृत मंथन’ कार्यक्रम की सूत्रधार उर्मिल आर्य व राजीव आर्य तथा स्वर्णा सेतिया जैसी कर्मठ टोली साधुवाद की पात्र हैं, जिनके विशेष प्रयास से न सिर्फ 51 लाख गायत्री मंत्र महाजप पूर्ण हुआ अपितु आज हुए समापन अवसर पर एकादश कुंडीय यज्ञ में आहुति देकर नारी सम्मान व उनकी सुरक्षा का संकल्प भी व्यक्त किया गया।
श्री बंसल ने कहा कि स्वामी श्रद्धानंद के बलिदान को नमन करते हुए, अब हम प्रत्येक हिन्दू घर को संस्कारित कर धर्मांतरण के अभिशाप से मुक्ति भी दिलवाएंगे और हिंदू समाज में एक सुरक्षा तंत्र विकसित कर घर वापसी का अभियान भी चलाएंगे। उन्होंने श्रद्धा के क्रूर हत्यारे आफताब को फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से सुनवाई कर तीन माह में फांसी पर लटकाने और उसके अन्य सहयोगियों व षड्यंत्रकारी पर दबिश देने की मांग भी की।
इस अवसर पर अपना आशीर्वचन देते हुए वैदिक विदुषी दर्शनाचार्या विमलेश आर्या ने कहा कि हमने गायत्री जप के 51 लाख के आंकड़े को तो पार कर लिया किंतु, ज्ञानयुक्त उपासना, कर्मयुक्त साधना, भक्तियुक्त अराधना, संतोष, सकारात्मकता व सेवा- समर्पण का भाव जब तक पूरे परिवार में कूट कूट कर नहीं भरेगा तब तक जाप का फल पूर्णता को प्राप्त नहीं कर पाएगा।
इस अवसर पर यज्ञों के ब्रह्मा आचार्य चंद्रशेखर शास्त्री ने कहा कि यज्ञ संसार का श्रेष्ठतम कर्म है जिसे करने से घर और समाज का वातावरण संस्कारमय हो आध्यात्मिक ऊर्जा से भर जाता है।’बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की मुहिम को चला रही, हरियाणा से पधारी दो बहिनों प्रवेश आर्या और पूनम आर्या ने भी बेटियों की सुरक्षा हेतु अपने विचार साझा किए।भजनोपदेशिका संगीता आर्य, पुष्पा चुघ व संजय सेतिया के सस्वर मधुर प्रेरक भजनों ने आनंदित कर दिया। आर्यसमाज व अन्य धार्मिक, सामाजिक संगठनों से जुड़े प्रेम सचदेवा, कल्पना रस्तोगी ,सुदेश आर्या, कविता आर्या, चंदा सचदेवा, रजनी गोयल, आर के भंडारी, कुसुम भंडारी, डॉ करुणा चांदना, डॉ रचना चावला, इत्यादि प्रबुद्ध लोग उपस्थित थे। लगभग ढाई सौ से अधिक जन समूह ने कार्यक्रम का आनंद लिया।

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