जंगल राज के समय डर से व्यापारियों ने किया था बिहार से पलायन -भूपेंद्र यादव

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संवाददाता.पटना. भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ की तरफ से चुनावी प्रचार रथ रवाना किया गया है। इस रथ में जंगल राज की तस्वीर दिखाते हुए एनडीए के शासन काल से उसकी तुलना की गई है। तस्वीरों के माध्यम से जंगल राज के उस युग को याद दिलाया गया है जिसे लोग सपने में भी याद नहीं रखना चाहते हैं। हत्या, अपहरण, लूटपाट, डकैती, रंगदारी और वसूली उद्योग के प्रतीकात्मक पोस्टर लगाए गए हैं जिन्हें सत्ता का संरक्षण प्राप्त था।

रथ को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री व बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह रथ पूरे बिहार में जंगल राज के उस 15 साल को याद दिलाएगा जिसमें व्यापारी या तो बिहार से बाहर चले गए या फिर व्यापार छोड़ने पर मजबूर हो गए। जंगलराज से अगर कोई सबसे ज्यादा प्रताड़ित हुआ था तो वो व्यापारी वर्ग ही था जिसने जंगल राज की असली तस्वीर देखी है। कोई भी सप्ताह ऐसा नहीं बितता था जब व्यापारियों की हत्या या अपहरण नहीं होता था। व्यापार करने के लिए उनसे रंगदारी वसूली जाती थी और नहीं देने पर उनका या उनके परिवार का अपहरण कर लिया जाता था। जिसके कारण कई सारे बड़े और छोटे व्यापारियों को बिहार से मजबूरन पलायन करना पड़ा।

उन्होंने कहा कि यह रथ लोगों को जंगल राज की याद दिलाएगा और बदले बिहार की तस्वीर भी जनता के सामने रखेगा। आज न व्यापारियों में डर है न किसी की बात चिंता क्योंकि अब कानून और सुशासन का राज है। उस जंगल राज को बिहार पीछे छोड़ चुका। बिहार अब एनडीए के साथ सुरक्षित, उन्नत और समृद्ध है। बिहार के लोगों अब सुशासन के साथ जीने की आदत हो गई है अब उन्हें फिर से वापस जंगल राज नहीं चाहिए।

व्यवसाई एकता जिंदाबाद के नारे के साथ प्रदेश संयोजक सह विधान पार्षद राजेश कुमार उर्फ बबलू गुप्ता ने तमाम बिहार के भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के नेताओं और कार्यकर्ताओं से आग्रह किया एनडीए की सरकार बने, ताकि बिहार में व्यापार की बहार हो सके। इस अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया सह प्रभारी संजय मयूख, प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश वर्मा, अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री अब्दुल रहमान, प्रदेश प्रवक्ता डॉ. रामसागर सिंह, अरविंद सिंह, प्रदेश मीडिया प्रभारी राकेश कुमार सिंह, अशोक भट्ट, राजेश झा राजू, पंकज सिंह, व्यवसाय प्रकोष्ठ के प्रदेश सह संयोजक पवन प्रकाश, धर्मेंद्र शाह, शशि शेखर झा, संजय काबरा, विकास जी व ऋषभ देव सिंह मौजूद रहे।

 

 

 

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