कृषि विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने दिए कई निर्देश

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संवाददाता.पटना.शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कृषि विभाग की समीक्षा की। मुख्यमंत्री के समक्ष कृषि रोड मैप से संबंधित विस्तृत प्रस्तुतिकरण प्रधान सचिव कृषि सुधीर कुमार द्वारा दिया गया।   कृषि रोड मैप से संबंधित विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तृत चर्चा की गयी। समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री द्वारा संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये।

बैठक में मुख्यमंत्री ने देसरी, वैशाली में फल के लिए सेन्टर ऑफ एक्सेलेंस के गतिविधियों पर पृच्छा की तथा उन्होंने निदेश दिया कि चंडी, नालंदा में स्थापित सब्जी के लिए सेन्टर ऑफ एक्सेलेंस को उद्यान महाविद्यालय, नूरसराय से संबद्ध किया जाय। इसी प्रकार, देसरी, वैशाली में स्थापित फल के लिए सेन्टर ऑफ एक्सेलेंस को नजदीकी कृषि विज्ञान केन्द्र के साथ संबद्ध किया जाय। उन्होंने निर्देश दिया कि मूँग कोसी प्रमंडल में बहुतायत होता है। मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना में मूँग को प्राथमिकता देते हुए कोसी प्रमंडल को संबद्ध कर बीज उत्पादन किया जाय।

बैठक में निदेश दिया गया कि बिहार राज्य बीज निगम को सुदृढ़ करते हुए पुराने बीज प्रसंस्करण संयंत्रों को आधुनिक संयंत्रों से बदला जाय और बिहार राज्य बीज निगम द्वारा प्रसंस्कृत बीजों के गुणवत्ता को बढ़ाया जाय ताकि किसान खुद बिहार राज्य बीज निगम के बीजों को क्रय करें। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि बिहार राज्य बीज निगम को सुदृढ़ करने के लिए यथाशीघ्र विशेषज्ञों की सेवाएँ ली जायें। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि आकस्मिक फसल योजना के लिए बीज बैंक की स्थापना में ऐसे भंडारण की व्यवस्था की जाय, जिसमें तापमान तथा आर्द्रता को नियंत्रित किया जा सके, ताकि बीज को दो या अधिक सालों के लिए चक्रीय माध्यम से संरक्षित किया जा सके।

बैठक में मुख्यमंत्री के पूर्व कृषि सलाहकार डा॰ मंगला राय ने सलाह दी कि बीज प्रतिस्थापन दर को बढ़ाने के लिए ‘‘बीज वाहन विकास वाहन’’ एक्सन प्लान बनायें, एक ऐसे वाहन जिसमें गुणवत्तायुक्त बीज, बीजोपचार रसायन तथा बीज उत्पादन से संबंधित प्रसार सामग्री से युक्त हो और वो गाँव-गाँव घुमकर किसानों को बीज उपलब्ध कराये। बैठक में निर्देश दिया गया कि बीज हब की स्थापना में मक्का बीज उत्पादन में खगड़िया जिला को भी सम्मिलित किया जाय।

समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि गंगा की अविरलता तथा गंगा के दोनों किनारों पर जैविक कोरिडोर निर्माण तथा उपचारित सीवर का सिंचाई जल में उपयोग हेतु नगर विकास एवं आवास विभाग, कृषि विभाग, जल संसाधन विभाग तथा लघु जल संसाधन विभाग आपस में समन्वय कर कार्यक्रम क्रियान्वित करें। प्रधान सचिव, कृषि ने अक्टूबर के अंत में जैविक कोरिडोर योजना का शुभारंभ करने का मुख्यमंत्री से अनुरोध किया, जिसपर मुख्यमंत्री ने अपनी सहमति प्रदान की।मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि बिहार राज्य के अंदर कृषि से संबंधित यंत्रों के निर्माताओं को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि विभाग योजना बनाये।देश के विभिन्न मंडियों में कृषि उत्पादों के मंडी भाव प्रदर्शित करने के लिए कम्प्यूटरीकृत व्यवस्था की जाय। बाजार प्रांगण के अलावा कृषि विज्ञान केन्द्र तथा प्रखंड में अवस्थित ई-किसान भवनों में भी इसकी व्यवस्था की जाय।

इस अवसर पर कृषि मंत्री डा॰ प्रेम कुमार, जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह, गन्ना उद्योग मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज आलम, आपदा प्रबंधन मंत्री दिनेश चन्द्र यादव, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के पूर्व कृषि सलाहकार डा मंगला राय, प्रधान सचिव कृषि सुधीर कुमार, संबंधित विभागों के प्रधान सचिव/सचिव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, सहित कृषि विभाग के वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।

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