राष्ट्रीय उद्यमिता पुरस्कार को लोकप्रिय बनाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम

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संवाददाता.पटना.बिहार विद्यापीठ परिसर में स्‍थापित देशरत्‍न भवन में कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय द्वारा संपोषित ‘राष्‍ट्रीय उद्यमिता पुरस्‍कार’ को लोकप्रिय बनाने के लिए आईआईटी कानपुर ने बिहार विद्यापीठ के सहयोग से आयोजित जागरूकता कार्यक्रम बुधवार को संपन्‍न हो गया। इस दौरान बिहार के कई उद्यमियों और उद्यमिता केंद्रों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इससे पहले समारोह का विधिवत उद्घाटन के बाद समारोह की अध्‍यक्षता कर रहे विद्यापीठ के अध्‍यक्ष विजय प्रकाश ने विद्यापीठ के इतिहास से अतिथियों को अवगत कराया।

इस दौरान श्री प्रकाश ने बताया कि कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय ने राष्‍ट्रीय उद्यमिता पुरस्‍कार की स्‍थापना की है। इसका मुख्‍य उद्येश्‍य है देश भर के युवा उद्यमियों और इको सिस्‍टम बिल्‍डर को उनके उत्‍कृष्‍ट योगदान के लिए सम्‍मान प्रदान करना। साथ ही उद्यमिता के विकास को बढ़ावा देना। उन्‍होंने कहा कि राष्‍ट्रीय उद्यमिता पुरस्‍कार योजना (NEA) के तहत युवा उद्यमियों के लिए 17 और इको सिस्‍टम बिल्‍डर के लिए छह पुरस्‍कारों को शामिल किया गया है। ताकि उद्यमिता के उद्देश्‍यों का प्रचार और उत्‍कृष्‍ट मॉडलों को उजागर हो, जिससे लोग इसका अनुसरण कर सकें। बिहार विद्यापीठ उद्भवन एवं उद्यमिता केंद्र के निदेशक संजीव श्रीवास्‍तव ने कहा कि इस केंद्र का मुख्‍य उद्देश्‍य नव उद्यमियों को बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिकेंज की सुविधा प्रदान करना है।

वहीं, SUSTOWNS सिंगापुर के प्रतिनिधि राजा गोपालन और आईआईटी कानपुर से आये प्रतिनिधि विनोद यादव ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्‍होंने कहा कि TISS मुंबई देश के प्रमुख अकादमिक संस्‍थानों के साथ साझेदारी में राष्‍ट्रीय उद्यमिता पुरस्‍कार 2017 के विजेताओं के चयन का प्रक्रिया का नेतृत्‍व कर रही है। IIT कानपुर इसके कार्यान्‍वयन में साझेदार है। 9 नंवबर 2017 को एक पुरस्‍कार समारोह में विजेता को ट्रॉफी सर्टिफिकेट और दस लाख रूपए संगठन के लिए व पांच लाख रूपए आदमी के लिए नकद पुरस्‍कार दिया जायेगा।

इस समारोह में अभिषेक कुमार, सदस्‍य बिहार औद्योगिक संघ, पटना, शंभू मल्लिक, पूर्व महा प्रबंधक पंजाब नेशनल बैंक आदि लोगों ने संबोधित किया।  कार्यक्रम के दौरान बिहार विद्यापीठ उद्भवन एवं उद्यमिता केंद्र द्वारा बिहार में चलाये जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी गई। साथ ही नए उद्यमियों को अपनी समस्‍याएं साझा करने के लिए मंच दिया गया, ताकि भविष्‍य में उनका निराकरण कर बिहार की आद्यौगिक व्‍यवस्‍था को उद्यमियों के अनुकूल बनाया जाय।

 

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