दानवीर ललन के मामले में विप सुरक्षाकर्मियों पर कार्रवाई से भड़के सुशील मोदी

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संवाददाता.पटना.राबड़ी देवी और हेमा यादव को करोड़ों की सम्पति दान देने वाले जिस विधान परिषद कर्मी ललन चौधरी को लालू प्रसाद और नीतीश कुमार के इशारे पर छुपा कर रखा गया था उसे जब मीडिया ने खोज निकाला तो खीझ में विधान परिषद के सुरक्षाकर्मियों  पर सरकार ने गाज गिरा दी है। ललन चौधरी को मीडिया के सामने लाने के बाद मीडियाकर्मियों के विधान परिषद में प्रवेश  पर रोक लगा दी गई थी जिसे भाजपा के तीखे विरोध के बाद आज हटाया गया।

भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने सरकार की पोल खोलते हुए बताया कि पिछले 14 जून को विधान परिषद के लेखा शाखा-2 में कार्यरत ललन चौधरी से मीडियाकर्मियों ने पूछताछ की और उसे दुनिया के सामने लाया। मीडिया की इस कार्रवाई से खफा सरकार के इशारे पर परिषद प्रशासन ने मार्शल त्रिभुवन सिंह, उप मार्शल सीताराम राय, माइकल पोल दास और राजेश्वर  राम को शोकॉज नोटिस थमा दिया है। इन सुरक्षाकर्मियों से पूछा गया है कि वे स्थिति स्पष्ट करें कि किस परिस्थिति में और कैसे मीडियाकर्मियों द्वारा परिषद सचिवालय की लेखा शाखा-2 में प्रवेश  कर पूछताछ की गई।

उन्होंने बताया कि बीपीएल कार्डधारी और खाली समय में लालू प्रसाद के खटाल में काम करने वाला ललन चौधरी की नियुक्ति राबड़ी देवी के मुख्यमंत्रित्व काल में तत्कालीन विधान परिषद के सभापति जाबिर हुसैन द्वारा चतुर्थवर्गीय कर्मी के पद पर की गई थी। श्री चौधरी ने 2014 में राबड़ी देवी और उनकी बेटी हेमा यादव को पटना की अपनी एक करोड़ की सम्पति में दान कर दी थी। लालू प्रसाद जब इस दानवीर ललन चौधरी को लोगों के सामने नहीं लाए तो मीडिया ने उसे ढूंढ निकाला। ललन चौधरी की असलियत उजागर होने से धबड़ाई सरकार मीडियाकर्मियों को धन्यवाद देने के बजाय उसके प्रवेश  पर रोक और सुरक्षाकर्मियों पर कार्रवाई कर रही है जिसका भाजपा पुरजोर विरोध करती है।

 

 

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