युवा उद्यमियों द्वारा दिये जा रहे आवेदन-प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएं-नीतीश कुमार

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निशिकांत सिंह.पटना.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में चौथा बिहार उद्यमिता सम्मेलन ‘स्टार्टअप बिहार’ 2017 का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। इस अवसर पर सम्मेलन को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में सर्वाधिक युवा आबादी है। अगर हम युवाओं को शिक्षित करें, उनके उद्यमिता को बढ़ावा दे तो एक से बढ़कर एक काम हो सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा उद्यमियों द्वारा सहायता के लिये दिये जा रहे आवेदन प्रक्रिया को सभी प्रकार से पारदर्शी बनाने के लिये कहा गया है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 में इसी तरह के आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने का मौका मिला था। उस कार्यक्रम में उद्यमियों द्वारा अपनी बातें रखी गयी थी, जिसे मैं ध्यानपूर्वक सुन रहा था, उन्हीं बातों के आधार पर अधिकारियों की एक कमिटी बनायी गयी. उनको यह जिम्मेवारी दी गयी कि सभी उद्यमियों से बात कीजिये. उसके बाद उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिये जो कुछ भी करना है, उसका प्रस्ताव लाइये, इसके लिये एक योजना बनाइये.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सात निश्चय योजना में से पहला निश्चय युवाओं के लिये है, आर्थिक हल, युवाओं को बल। इस येाजना के पांच अवयव हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में उच्च शिक्षा का ग्रोथ इन्रॉलमेंट रेसियो कुल तेरह प्रतिशत ही था। बिना शिक्षा विकास संभव नहीं है। उच्च शिक्षा में लोगों की कमी का मुख्य कारण गरीबी था। उच्च शिक्षा के प्रति छात्र-छात्राओं को आकर्षित करने के लिये स्टुडेंट क्रेडिट योजना लायी गयी। जो भी इच्छुक छात्र 12वीं से आगे किसी प्रकार की उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें शिक्षा प्राप्त करने हेतु चार लाख रूपये तक का स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड दिया जा रहा है। वैसे छात्र जिन्हें आगे पढ़ने में रूचि नहीं है और वे रोजगार तलाश रहे हैं। वैसे 20 से 25 साल के युवाओं को रोजगार तलाशने के लिये दो वर्ष तक प्रतिमाह एक हजार रूपये स्वयं सहायता भता दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि हमें यह एहसास हुआ है कि हमारे युवा अंग्रेजी नहीं बोल पाते हैं, उनमें संवाद कौशल की कमी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के युग में जब तक कम्प्यूटर का ज्ञान नहीं हो, अच्छा रोजगार नहीं मिल पाता है। इसे देखते हुये युवाओं के क्षमतावर्द्धन के लिये कुशल युवा कार्यक्रम की शुरूआत की गयी। इसके तहत युवाओं को कम्प्यूटर स्कील, संवाद कौशल तथा व्यवहार कौशल का तीन महीने का प्रशिक्षण दिया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज इंटरनेट का जमाना है। युवाओं को ज्ञान अर्जित करने के लिये इंटरनेट की आवश्यकता पड़ती है, इसे देखते हुये जितने भी सरकारी विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय हैं, उनमें मुफ्त वाई-फाई की सुविधा दी जायेगी। कल बिहार दिवस के अवसर पर यह योजना लागू होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस योजना का पांचवां अवयव पांच सौ करोड़ रूपये का वेंचर कैपिटल फंड बनाने का था। युवा उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिये इस फंड को बनाया गया।

उन्होंने कहा कि 2016 में नीति बनी थी, जिसे 2017 में सुधार के बाद 17 मार्च से लागू कर दिया गया। हम युवा उद्यमियों को विभिन्न प्रकार से मदद प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि युवा उद्यमियों के लिये विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में इनकुवेशन सेंटर की स्थापना की जा रही है। अब तक के आइडिया के आधार पर नीति का निर्माण किया गया है तथा उसका इम्प्लीमेंटेशन हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सहायता के लिये आवेदन करने वाले सभी युवा उद्यमियों का सभी स्तर पर सहायता किया जायेगा। बगैर युवाओं के देश का भला नहीं होने वाला है।

मुख्यमंत्री ने सम्मेलन में आये हुये युवा उद्यमियों से कहा कि आप रोजगार तलाश नहीं रहे हैं बल्कि आप दूसरों को रोजगार देंगे, इससे अच्छा और क्या होगा। किसके अंदर क्या क्षमता है, कोई नहीं जानता। उन्होंने कहा कि सभी के क्षमताओं का विकास होना चाहिये। बिहार में हर क्षेत्र में काफी संभावनायें हैं। हमें उद्यमिता को बढ़ावा देना है। बिहार के युवाओं में इतना दम है कि अगर उन्हें पता चले कि चांद पर काम मिल रहा है तो चांद पर भी चले जायेंगे। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में इसी धरती से शासन चलता था। यह भगवान बुद्ध, महावीर की धरती है। यह ज्ञान की भूमि है। यहां पर सिख धर्म के 10वें गुरू गुरू गोविंद सिंह जी महाराज का जन्म हुआ था। इसी धरती पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने सत्याग्रह की शुरूआत की थी। यह गांधी के चम्पारण सत्याग्रह की भूमि है। चाणक्य, आर्यभट्ट यहीं के हैं। शून्य का सृजन यहीं हुआ था। यह धरती महान है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे यहां सामाजिक परिवर्तन की जरूरत है। सबसे बड़ा सामाजिक परिवर्तन शराबबंदी हुआ। शराबबंदी का व्यापक प्रभाव हुआ है। कुछ लोग इसे अपने निजी अधिकार से जोड़कर देखते हैं लेकिन भारत के संविधान एवं सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट कहा है कि शराब पीना या शराब का व्यापार करना किसी का मौलिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि आमलोगों पर शराब का काफी प्रभाव था। एक व्यक्ति जो दो सौ रूपये कमाता था, उसमें सौ से डेढ़ सौ रूपये शराब पर गंवा देता था। पारिवारिक हिंसा, लड़ाई-झगड़ा का माहौल रहा करता था। आज शराबबंदी के बाद चारो तरफ शांति का माहौल है। एक सामाजिक परिवर्तन आया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार पहले सर्वोच्च स्थान पर था, हम स्थान को फिर से प्राप्त करना चाहते हैं। इसके लिये युवाओं को आगे बढ़ाना है।

इस अवसर पर उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, पद्मश्री प्रो0 अनिल गुप्ता, प्रधान सचिव उद्योग डा. एस सिद्धार्थ, बिहार उद्यमी संघ के अध्यक्ष कौशलेन्द्र, बिहार उद्यमी संघ के सचिव अभिषेक कुमार ने भी समारोह को संबोधित किया।आयोजित सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने स्टार्टअप पॉलिसी 2017 का लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नीरज कुमार दास, आशुतोष कुमार, मृत्युंजय कुमार, श्वेता सिंह, कीर्ति प्रख्यात कश्यप सहित अन्य उद्यमियां को पुरस्कृत किया। मुख्यमंत्री ने बिहार उद्यमिता सम्मेलन के अवसर पर लगाये विभिन्न प्रदशर्नियों का निरीक्षण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चन्द्रा, जिलाधिकारी पटना संजय कुमार अग्रवाल सहित विशिष्ट अतिथिगण, युवा उद्यमी उपस्थित थे।

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