कुम्हरार स्थित मौर्यकालीन भग्नावशेषों का निरीक्षण किया मुख्यमंत्री ने

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निशिकांत सिंह.पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कुम्हरार पार्क में मौर्यकालीन भग्नावशेषों का अवलोकन एवं निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने कुम्हरार पार्क में अवस्थित मौर्यकालीन भग्नावशेष से संबंधित विस्तृत जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने मौर्यकालीन 80 स्तम्भ सभागार के अवशेष स्थल को देखा तथा इस संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने आरोग्य विहार चिकित्सालय के भग्नावशेष को भी देखा तथा इससे संबंधित विस्तृत जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने पुराना कुआं तथा कुम्हरार पार्क में अवस्थित प्रदर्शनी कक्ष में रखे गये प्राचीन अवशेषों से संबंधित प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

निरीक्षण के क्रम में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ए0एस0आई0) के सुप्रीटेंडिंग आर्किलॉजिस्ट डीएन सिन्हा ने मुख्यमंत्री को अवशेषों से संबंधित विस्तृत जानकारी दी। निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री ने कुम्हरार पार्क में जलजमाव तथा जल समस्या के संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बिक्रमशीला महाविहार: ब्रेल संस्करण, मास्टर पिसेज ऑफ बिक्रमशीला, बराबर एण्ड नागार्जुनी हिल्स, कुम्हरार से संबंधित पुस्तक एवं पम्पलेट का लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विजिटर फीडबैक पुस्तिका में अपने सुझाव भी अंकित किये। मुख्यमंत्री ने कुम्हरार पार्क में पाटली पेड़ लगाने एवं कुम्हरार पार्क में आने वाले लोगों के लिये कुम्हरार पार्क में भग्नावशेषों को दिखाने हेतु समुचित व्यवस्था करने का सुझाव दिया।

इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि आज कुम्हरार बहुत वर्षों के बाद आया हूं। इससे पहले बाल्यकाल में आया था। उस समय की कुम्हरार की एक छवि मन में है। यहां जगह-जगह पर स्ट्रक्चर हुआ करता था। उन्होंने कहा कि कुम्हरार में जलजमाव तथा जल समस्या के संबंध में राज्य सरकार द्वारा पूर्ण सहयोग दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि विषेषज्ञों को भेजकर समस्या का अध्ययन कराया जायेगा ताकि भविष्य में जलजमाव की संभावना न रहे। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि यहां अवस्थित 80 स्तम्भ सभागार का अवशेष लोगों को दिखे। लोग अपनी आंखों से आज इसके अवशेष को नहीं देख पाते हैं। उन्होंने कहा कि इस स्थान का वर्ष 1951 से 1955 के दौरान खुदाई हुयी थी। खुदाई में और भी स्तम्भ निकले थे। कुल स्तम्भों की संख्या 80 है। पुरातत्वविदों की सोच के आधार पर लोग इसकी कल्पना मौर्यकालीन अवशेष के रूप में करते हैं। उन्होंने कहा कि आज अवशेषों पर मिट्टी जम गया है। मिट्टी हट जाय तो स्तम्भ के अवशेष फिर से दिखने लगेंगे। उन्होंने कहा कि मैं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ए0एस0आई0) से अनुरोध करूंगा कि फिर से प्रयास कर मिट्टी को हटा दिया जाय ताकि लोग मौर्यकालीन स्तम्भ के अवशेष को देख सकें।

इस अवसर पर मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, प्रधान सचिव कला, संस्कृति एवं युवा चैतन्य प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीष चन्द्रा, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, जिलाधिकारी पटना संजय कुमारअग्रवाल, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे। इसके बाद मुख्यमंत्री ने राज्यस्तरीय पुष्प प्रदर्शनी सह प्रतियोगिता 2017 का भी निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने राज्यस्तरीय पुष्प प्रदर्सनी में लगाये गये विभिन्न प्रकार के फूल-पत्तियों का अवलोकन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न वर्गों में चयनित राकेश चौधरी, रामबीर कुमार चौधरी, गोपाल नारायण सिंह, कमलानंद भारती,जयनंदन दास,नवीन कुमार सिन्हा,सीताराम साह,  राजकुमार ठाकुर सहित अन्य लेागों को पुरस्कृत भी किया।

 

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