असुरक्षित महसूस कर रहे एम्स के चिकित्सक,सरकार को अल्टिमेटम

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सुधीर मधुकर.पटना.पटना एम्स के पूर्व निदेशक डॉ गिरीश कुमार सिंह की बगैर वारंट  गिरफ्तारी के बीच हुई पुलिसिया दुर्वयवहार से बीमार पड़ गये. एम्स के ह्रदयरोग विभागाध्यक्ष डॉ संजीव के देख रेख में चल रहा उनका इलाज. चिकित्सको ने डॉ गिरीश कुमार सिंह की तबियत की रिपोर्ट असामान्य बताया और  इस बीच मंगलवार को पटना एम्स में चिकित्सको और अन्य फैकल्टीयों ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया.

एम्स के चिकित्सको ने सरकार को तीन दिनों (72 घंटे ) का अल्टीमेटम देते हुए दोषी पुलिस पदाधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर करवाई की मांग की है. चिकित्सको और अन्य फैकल्टीयों का कहना है कि अगर सरकार इस पुरे मामले में शामिल पुलिस अधिकारियो के खिलाफ कड़ा एक्शन नही लेती है तो 72 घंटे बाद एम्स पटना आन्दोलन की नई रणनीति तय करेगा. मंगलवार को एम्स के चिकित्सको और अन्य फैकल्टीयों के प्रदर्शन की खबर पूर्व निदेशक डॉ गिरीश कुमार सिंह को मिली तो उन्होंने पूर्ण कार्य बहिष्कार नही करने की अपील की. इसके बाद काली पट्टी बांधकर आंशिक कार्य बहिष्कार के बीच ओपीडी चलाया गया. मेडिकल स्टूडेंट्स ने भी अपने पूर्व  निदेशक की अपील मानते हुए क्लास अटेंड करने की हामी भरी. इस बीच आये मरीजो और उनके परिजनो को कोई असुविधा का भान नही देते हुए करीब डेढ़ घंटे तक चिकित्सको, मेडिकल स्टूडेंट्स और अन्य फैकल्टीयों ने कतारबद्ध होकर हाथों में तख्तियां लेकर पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किये.

पटना एम्स के हृदय रोग विभागाध्यक्ष डॉ संजीव कुमार ने बताया कि पटना एम्स के पूर्व निदेशक डॉ गिरीश कुमार सिंह एम्स के अलावा राजकीय अतिथि भी है. उन्हें सोलह नवंबर को राज्य के मुख्य अतिथि के रूप में बीपीएससी में एक इंटरव्यू में एक एक्सपर्ट बनकर शामिल होना था. लेकिन 15 नंवबर को जिस तरह पुलिस अधिकारियो ने उन्हें असम्मानजनक तरीके से पुलिस जीप में गिरफ्तार कर ले गये उससे उनकी तबियत काफी ख़राब हो गयी है. पुलिस के इस दुर्वयवहार के खिलाफ पटना एम्स पूरी तरह एकजुट होकर इसका विरोध करता है. तीन दिनों का अल्टीमेटम सरकार को दिया जा रहा है ताकि इसमें शामिल पुलिस अधिकारियो के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर करवाई की जाये. उन्होंने कहा कि एम्स के चिकित्सक पूरी तरह असुरक्षित महसुस करें रहे हैं. जल्द ही एम्स का एक प्रतिनिधिमंडल राज्य के महामहिम गवर्नर, मुख्यमंत्री , मुख्य सचिव व डीजीपी, जिलाधिकारी से मिलकर दोषी पुलिस पदाधिकारियों के खिलाफ करवाई की गुहार लगायेंगे.

शैलजा तिवारी ने बताया की पटना एम्स के एक पूर्व निदेशक डॉ गिरीश कुमार सिंह के खिलाफ फुलवारी शरीफ के थानेदार अब्दुल गफ्फार ने अपराधियों जैसा सलूक किया है .बार बार पूछने के बावजूद थानेदार अब्दुल गफ्फार ने नही बताया कि डॉ गिरीश कुमार सिंह को कहाँ ले जाया जा रहा है. उनके सम्मान की जरा भी परवाह किये बगैर उन्हें न पानी और न ही दवा तक लेने दिया. उनकी तबियत पुलिस जीप में ही बिगडती जा रही थी बावजूद पुलिसकर्मियों के रूख में कोई बदलाव नही हुआ. उन्होंने बताया कि इस पुरे घटनाक्रम के बाद पूर्व निदेशक डॉ गिरीश कुमार गंभीर रूप से बीमार पड़ गये हैं और इसीजी समेत अन्य रिपोर्ट अभी असामान्य है. उन्होंने कहा की जब एम्स जैसे संस्थान के पूर्व निदेशक डॉ गिरीश कुमार सिंह के साथ पुलिस का ऐसा सलूक हो सकता है तो अन्य चिकित्सको और कर्मियों के खिलाफ कैसा व्यवहार हो सकता है. इससे पूरा एम्स पटना के चिकत्सक, मेडिकल स्टूडेंट्स और कर्मचारी सहमे हुए हैं. उन्होंने इस पुरे मामले में दोषी पुलिस पदाधिकारियों के खिलाफ क़ानूनी करवाई करने की मांग की है.

 

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