पंद्रह वर्षों बाद फल्गु का रौद्र रूप,मगध में मचाई तबाही

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निशिकांत सिंह.साल भर सुखी रहने वाली फल्गु नदी पंद्रह साल बाद मचा रही तबाही. दो दिनों से बिहार के मगध प्रमंडल क्षेत्र में खासकर गया, जहानाबाद और नालंदा जिला में तबाही मचा रही है. हमेशा सुखी रहने वाली दरधा नदी में अचानक बाढ आ जाने के कारण जहानाबाद का शहरी इलाका भी जलमग्न हो गया है.

आमतौर पर फल्गू नदी सुखी ही रहती है. पंद्रह साल बाद फल्गू नदी में उफान आया है. जमीन के नीचे इसका पानी बहता है. पौराणिक कथा के अनुसार भगवान राम माता सीता के साथ यहां पिता दशरथ का श्राद्ध करने आये थे. राम जब स्नान कर रहे थे तब दशरथ की आत्मा ने आकर सीता से खाना मांगा. वहां कुछ और देने के लिए नहीं था तो सीता ने नदी की रेत से पिंड बना कर दशरथ की आत्मा को खिला दिया. जब राम लौटकर आए तो सीता ने उन्हें सारी बाते बताई.

राम को सीता की बातों पर विश्वास नहीं हुआ. सीता ने अपने गवाह के रूप में फल्गू नदी,बरगद का पेड़,गाय तुलसी और पंडितों से सच बोलने को कहा था. बरगद के पेड़ ने सच्ची गवाही दी थी, लेकिन फल्गु नदी मुकर गई इससे नाराज होकर सीता ने फल्गु नदी को श्राप दिया था कि वह गया में अपना पानी खो देगी. ऐसे कहा जाता है कि तब से यह फल्गु नदी गया में जमीन के नीचे बहती है.

लगातार बारिश के चलते शुक्रवार सुबह नदी में आई उफान से इस कदर तबाही मची कि सैकड़ो झोपड़ियां और मवेशी बह गए. करीब सात घंटे तक फल्गु का रौद्र रूप जारी रहा आज कुछ शांत हुई है. लेकिन निचले इलाका में तबाही मचा रही है.

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