महिलायें आगे बढ़ें,परिवार एवं राज्य को आगे बढ़ायें: मुख्यमंत्री

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निशिकांत सिंह.पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में जीविका के मद्य निषेध कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि महिलाओं में जागृति आ रही है. अब तक पांच लाख स्वयं सहायता समूह का गठन हो चुका है. 2017 तक दस लाख स्वयं सहायता समूह गठित करने का लक्ष्य है, इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, महिलाओं में आर्थिक निर्भरता आयेगी. हमारा विकास समावेशी है, सबका साथ, सबका विकास. महिलायें आगे बढ़ें, अपने परिवार एवं राज्य को आगे बढ़ायें.

उन्होंने कहा कि आज पटना प्रमण्डल स्तरीय जीविका के सम्मेलन में भाग लेकर काफी प्रसन्नता हो रही है इस कार्यक्रम की कार्यवाही पटना प्रमण्डल के सभी पांच जिलों में देखा जा रहा है. जीविका के दीदीयों को संबोधित करते हुये कहा कि ये आपका ही क्रेडिट है कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू हुआ. महिलायें आगे बढ़ें, अपने परिवार एवं राज्य को आगे बढ़ायें.

मुख्यमंत्री ने कहा कि जीविका एवं अन्य समूहों के द्वारा चलाये जा रहे शराबबंदी अभियान के प्रति उनका पहले से ही समर्थन था. 2010 में शपथ लेने के बाद प्रतिवर्ष मद्य निषेध दिवस मनाने का निर्णय लिया गया. विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से शराबबंदी के प्रति जन जागरूकता अभियान चलाये गये लेकिन सरकार की ओर से पहले शराबबंदी लागू नहीं थी. उन्होंने कहा कि पूर्व में भी 1977 में शराबबंदी लागू की गयी थी लेकिन कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. मेरे मन में द्वंद था कि यदि प्रभावी तरीके से शराबबंदी लागू नहीं की गयी तो यह अभियान सफल नहीं होगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि 9 जुलाई 2015 को इसी सभागार में जीविका के ग्राम वार्ता कार्यक्रम में शराबबंदी की मांग उठी, जिससे अंतर्मन का द्वन्द मिट गया। हमने वादा किया कि अगली बार सत्ता में आयेंगे तो शराबबंदी लागू करेंगे. शपथ ग्रहण के दूसरे दिन मद्य निषेध दिवस के अवसर पर हमने 1 अप्रैल 2016 से शराबबंदी लागू करने की घोषणा की, इसके लिये पूरी तैयारी की गयी. व्यापक स्तर पर जन जागरण अभियान चलाया गया. पहले चरणबद्ध तरीके से शराबबंदी लागू करने का निर्णय लिया गया था, जिसका विरोध हुआ. हमारे लिये स्वर्णिम अवसर था, जो हम चाहते थे, वही हो रहा था। अंततः 5 अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू की गयी.मुख्यमंत्री ने कहां कि तमाम लोगों को मैं बधाई एवं धन्यवाद देता हू, जिन्होंने पूर्ण शराबबंदी लागू करने में अपनी भूमिका निभायी. उन्होंने कहा कि कुछ लोग शराबबंदी के खिलाफ तरह-तरह के कुतर्क देते हैं. खान-पान की आजादी का हवाला देते है. उन्होंने कहा कि हम कहते हैं कि आजादी होनी चाहिये लेकिन उसके पहले भारत के संविधान को समझ लेना चाहिये. संविधान के राज्य के नीति निर्देशक तत्व में यह वर्णित है कि राज्य का यह दायित्व है कि लोगों के स्वास्थ्य की चिन्ता करे। शराब पीना या व्यापार करना मौलिक अधिकार नहीं है.

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, शिक्षा मंत्री अशोक चैधरी, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक पी0के0 ठाकुर ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किये। सचिव ग्रामीण विकास अरविन्द चैधरी ने स्वागत भाषण किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के प्रारंभ में जीविका समूहों द्वारा लगाये गये सात स्टॉलों का अवलोकन किया. नशामुक्ति के लिये उत्कृष्ट कार्य करने वाले चार ग्राम संगठनों को एक-एक लाख रूपये का चेक प्रदान किया. जीविका के 101 दीदीयों की आत्मकथा जिसमें शराबबंदी के लिये उनके किये गये कार्यों, उनके जीवन की उथल-पुथल, उनका संघर्ष की कथा की समेकित पुस्तक ‘अंजोर’ का विमोचन मुख्यमंत्री द्वारा किया गया.

इस अवसर पर प्रधान सचिव स्वास्थ्य एवं शिक्षा आर0के0 महाजन, प्रधान सचिव नगर विकास एवं आवास चैतन्य प्रसाद, प्रधान सचिव समाज कल्याण वंदना किन्नी, मुख्यमंत्री के सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चन्द्रा, आयुक्त पटना प्रमण्डल आनंद किशोर, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, पुलिस महानिरीक्षक पटना प्रक्षेत्र नैयर हसनैन खान, पुलिस महानिरीक्षक मोहम्मद रहमान, जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी बालामुरूगन डी0, पटना प्रमण्डल के सभी जिलों के जिलाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक सहित जीविका समूहों के प्रतिनिधि, साक्षरता कर्मी, कला जत्थाओं के प्रतिनिधि एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.

 

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