स्थानीय नीति पर विपक्ष का कड़ा रूख,सीएम की घोषणा इस वर्ष होगी लागू

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संवाददाता.रांची.स्थानीय नीति को लेकर विपक्ष ने विधान सभा में लगातार चौथे दिन भी जोरदार हंगामा किया.सदन में मुख्यमंत्री रघुवर दास की घोषणा पर भी विपक्ष के सदस्य अपने रूख पर अडिग रहा और वेल में आकर जमकर नारेबाजी की. सदन में सीएम ने कहा कि सरकार इस मुद्दे को लेकर गंभीर है. विपक्षी दल लिखित सुझाव दें.उन्होंने घोषणा की कि इस वर्ष स्थानीय नीति लागू कर दी जाएगी.

विपक्ष ने इसे मानने से इनकार कर दिया और प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने कहा कि अब गोल-मटोल व राजनीतिक बयानबाजी नहीं चलेगी. सीएम तिथि बताएं और यह घोषणा करें कि कोई नीति बनने तक सभी प्रकार की नियुक्ति प्रक्रिया बंद रहेगी.लेकिन सीएम के वक्तव्य के बाद भी गुरूवार को  जब विपक्ष का हंगामा जारी रहा तब सत्ता पक्ष के विधायक भी आक्रमक मुद्रा में आ गए  और विपक्ष पर तीखे प्रहार और नारेबाजी की.  सता पक्ष के विधायकों ने यहां तक कहा दिया कि केडी सिंह और किशोरी लाल कौन थे? केडी सिंह को बाहरी होने के बावजूद उन्हें झामुमो ने राज्यसभा का टिकट क्यों दिया?

सत्ता पक्ष के भी कई विधायक हाथ में नारे लिखे पर्चे लेकर वेल में आ गए. वेल में दोनों ओर से जमकर नारेबाजी की गयी. पहले सदन की कारवाई 12.30 बजे तक के लिए और फिर भोजनावकाश 2 बजे तक के लिए सदन स्थगित कर दी गयी. इसके बाद 2 बजे सदन शुरू हुआ मगर फिर हो-हंगामा होता रहा. इसके बाद शुक्रवार तक के लिए सदन स्थगित कर दी गयी. इससे पूर्व सदन शुरू होने के पूर्व विपक्षी विधायकों ने मुख्यमंत्री व सत्ता पक्ष के विधायकों व मंत्रियों को गुलाब का फुल देकर गांधीगिरि कर स्थानीय नीति की मांग की. सदन में भी विधायक गुलाब का फुल बांटते नजर आए.

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने विपक्षी विधायकों के हो-हंगामे के बीच सदन में कहा कि झारखंड गठन के बाद कई मुद्दे थे जो इसमें यह भी अहम मुद्दा है. मगर इस मुद्दे पर अब तक केवल राजनीति हुई है. सरकार भी चाहती है कि यहां आदिवासी-मूलवासियों को उनका हक मिले, मगर इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. उनकी सरकार बनते सर्वदलीय, बुद्धिजीवियों व सामजिक संगठनों के साथ बैठक की. इसके बाद सभी दल को लिखित सुझाव के लिए पत्र भेजा मगर कुछ दल को छोड़ किसी का सुझाव नहीं आया है. इसलिए इस गंभीर मुद्दे पर राजनीतिक स्वार्थ से उपर उठकर आगे आने की जरूरत है. विपक्षी दल लिखित सुझाव दें, इस वर्ष स्थानीय नीति लागू कर देंगे.

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