खास दुकान से किताब-ड्रेस खरीदने का दबाव न दे स्कूल,रांची डीसी ने कसा नकेल

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संवाददाता.रांची. रांची जिला प्रशासन ने प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाते हुए हिदायत दी है कि बच्चों के अभिवावक पर खास दुकान से किताब-ड्रेस खरीदने का दबाव नहीं दें. रांची के उपायुक्त मनोज कुमार ने सभी निजी स्कूलों को निर्देश दिया है कि नए सत्र में बच्चों को किताब-कॉपी और ड्रेस खरीदने के लिए किसी खास दुकानों में नहीं भेजें. शनिवार को कलेक्ट्रेट में निजी स्कूलों के प्राचार्यों के साथ बैठक कर उपायुक्त ने यह निर्देश दिया.

उन्होंने स्कूल के प्राचार्यों से साफ कहा कि 15 साल पुरानी बसों को अविलंब हटाएं, नहीं तो कार्रवाई होगी. बार-बार चेतावनी के बावजूद सेक्रेड हार्ट, संत थॉमस, बिशप स्कूल नामकुम, ब्रिजफोर्ड समेत कई स्कूलों में पुरानी बसों से बच्चों को ढोया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश की अनदेखी करते हुए बसों में ठूंस कर बच्चे स्कूल ले जाए जा रहे है.

डीसी ने कहा कि स्कूल एडमिशन में आरटीई एक्ट का पालन सुनिश्चित करें. इसमें डीएसई द्वारा अनुशंसित सूची के अनुरूप हर हाल में 25 फीसदी बच्चों का एडमिशन लेना जरूरी है.

बैठक में डीटीओ नागेंद्र पासवान ने कहा कि सभी निजी स्कूलों को बसों से संबंधित आवश्यक जानकारी देने के लिए फॉर्मेट भेजा गया था. लेकिन ज्यादातर स्कूलों ने अभी तक जवाब नहीं भेजा है. इस पर डीसी ने स्कूलों को नौ मार्च तक का समय दिया है. क्योंकि इस मामले पर 16 मार्च को हाईकोर्ट में जवाब देना है. डीसी ने यह भी कहा कि स्कूल बसों के स्टॉफ के नाम-पता की सूची संबंधित थाने को सौंपें. ताकि उनका कैरेक्टर वेरिफिकेशन हो सके.

स्कूलों से ट्यूशन फीस और बस फेयर को स्कूल कमेटी से अप्रूव करके प्रशासन को सौंपें. इसमें फीस वृद्धि का तर्क भी देना अनिवार्य है. स्कूलों में सीसीटीवी लगाने और चारदीवारी निर्माण करने का भी आदेश दिया दिया. बैठक में डीडीसी वीरेंद्र कुमार सिंह, डीएसई जयंत कुमार मिश्रा समेत स्कूलों के प्राचार्य या उनके प्रतिनिधि शामिल थे.

 

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