शराब पर नीतीश की दोहरी नीति,रैलियों भीड़ के लिए बार-बालाओं का डांस-सुमो

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निशिकांत सिंह.पटना.पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि  एक ओर तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार देश भर में घूम-घूम कर शराबबंदी का प्रचार कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर बिहार में बनी विदेशी शराब और बीयर को दूसरे राज्यों में भेजवा रहे हैं. क्या यह बिहार में शराबबंदी लागू कर दूसरे राज्य के लोगों को पियक्कड़ बनाने की कार्रवाई नहीं है?

उन्होंने कहा कि जब नीतीश कुमार शराब के कारोबार को अनैतिक मानते हैं तो फिर बिहार में शराब व बीयर के निर्माण व बोटलिंग की अनुमति क्यों मिली हुई है? दरअसल शराब को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दोहरा मापदंड अपनाए हुए हैं. महिलाओं के आग्रह पर शराबबंदी लागू करने की दुहाई देने वाले मुख्यमंत्री अपनी रैलियों में भीड़ जुटाने के लिए बार बालाओं का भोंडा डांस करा रहे हैं.

मोदी ने कहा कि एक ओर जहां बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू करने के बाद मुख्यमंत्री खुद अपनी पीठ थपथपाते नहीं थक रहे हैं वहीं शराब पर निर्यात शुल्क को खत्म करा दिया है ताकि दूसरे राज्यों में बिहार में बनी सस्ती शराब व बीयर की बिक्री बढ़ाया जा सके. मैक डोवेल्स, काल्र्सबर्ग और कोबरा जैसी नामी गिरामी कम्पनियों को बिहार में बीयर निर्माण की अनुमति मिली हुई है. इसके अलावा राज्य में विदेशी शराब के 15 और बीयर के दो बोटलिंग प्लांट भी कार्यरत है. बिहार में पूर्ण शराबबंदी के दो महीने के दौरान यहां से दूसरे राज्यों में 8 लाख 66 हजार लीटर विदेशी शराब और 2 लाख 34 हजार लीटर बीयर की आपूर्ति की गई है.

मोदी ने मुख्यमंत्री से सवाल किया है और कहा है कि शराबबंदी का राग अलापने वाले मुख्यमंत्री बतायें कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू कर क्या वे दूसरे राज्यों में शराब की आपूर्ति कर वहां के लोगों को शराबी़ नहीं बना रहे हैं? अगर शराब का कारोबार अनैतिक है तो फिर बिहार की शराब व बीयर फैक्ट्रियों को अब तक बंद क्यों नहीं किया गया? शराब, बीयर को बिहार में निर्यात कर से मुक्त क्यों कर दिया गया है?

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