मैथिल कोकिल विद्यापति के नाम साहित्य में राष्ट्रीय पुरस्कार की मांग

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संवाददाता.पटना. पूर्व मंत्री नीतीश मिश्रा ने गृह राज्यमंत्री से मांग की है कि मैथिल कोकिल विद्यापति के नाम पर भारतीय साहित्य में राष्ट्रीय पुरस्कार देने की परम्परा शुरू की जाए।

श्री मिश्रा ने गृह राज्यमंत्री को पत्र लिखकर यह मांग करते हुए कहा कि मिथिला सहित सम्पूर्ण बिहार के गौरव, भारतीय साहित्य की श्रृंगार परम्परा एवं भक्ति परम्परा के प्रमुख स्तंभों में से एक, ‘मैथिल कोकिल’ श्रद्धेय विद्यापति जी ने बिहार में लोक भाषा की जनचेतना को जीवित करने का महान प्रयास किया है।श्रद्धेय विद्यापति जी मिथिला के ही नहीं बल्कि भारतवर्ष के आदि कवियों में एक थे। उनकी तुलसी, सूरदास, कबीर की श्रेणी में गिनती होती हैं।

उन्होंने लिखा कि श्रद्धेय विद्यापति जी जैसे साहित्य मनीधी के नाम पर मैथिली लोकभाषा अथवा हिन्दी साहित्य सृजन करने वाले को सम्मानित करने हेतु श्रद्धेय विद्यापति जी के नाम पर राष्ट्रीय पुरस्कार की परम्परा को शुरुआत करने की आवश्यकता है। श्रद्धेय विद्यापति जी के नाम पर राष्ट्रीय पुरस्कार शुरू करने से देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लोगों में श्रद्धेय विद्यापति जी को जानने की इच्छा बलवती होगी।

श्री मिश्रा के अनुसार सनातन धर्म भी हमें अपने पूर्वज महापुरुषों को याद रखने की शिक्षा देता है। भारत की संस्कृति को आगे बढ़ाने में वर्तमान यशस्वी माननीय प्रधानमंत्री जी का सद्प्रयास सराहनीय है। ऐसे में हमारा भी दायित्व है कि श्रद्धेय विद्यापति जी जैसे सरस्वती के वरदपुत्र को समुचित स्थान दें।ध्यातव्य है कि इस तरह के राष्ट्रीय पुरस्कारों हेतु अनुमति भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन राजभाषा विभाग द्वारा दी जाती है।

इस संदर्भ में उन्होंने देश के गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय को पत्र प्रेषित कर मिथिला के गौरव विद्यापति के नाम पर लोकभाषा एवं साहित्य सृजन में राष्ट्रीय पुरस्कार देने की शुरूआत करने का आग्रह किया है।

 

 

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